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‘डंडसेना कलार समाज महासभा’ चुनाव 2023 प्रत्याशियों ने किया नामांकन दाखिल

(मनोज जायसवाल)
कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)। डंडसेना कलार समाज का स्वर्णिम अतीत के पन्ने निहारें तो आज 10 वीं महासभा 30 अप्रेल 2023 को होने जा रहा है। हालिया जानकारी तक 10 वें अध्यक्ष आने वाले समय में बागडोर संभालेंगे। प्रत्यक्ष पद्धति से होने वाले इस निर्वाचन में समाज सेवा का अवसर इस बार के महासभा चुनाव में  समाजवासी किसे अपना आर्शीवाद देंगे यह तो आज सबके मन में है,जो समय पर प्रकट होना है,पर अभी से किसी एक पक्ष को भारी कहना भी उचित नहीं होगा। पर समाज के लोगों को उस स्वर्णिम अतीत  गौरवान्वित पल  जिसमें स्व.छेडू राम जैन जुनवानी वाले को कांकेर स्टेट के महाराजा द्वारा तब ताम्रपट्टा दिया गया तब जो कलार समाज के लिए गौरव का विषय रहा उसे कभी नहीं भूलना चाहिए । इसके साथ ही न बस्तर अपितु छत्तीसगढ़ के कई सुदूर कोनों से यहां की प्रतिभाओं ने अपना लोहा मनवाया है। ठीक वैसा ही सम्मान इस समाज का गौरव इस समाज को मिले और दबदबा कायम रहे। चुनाव के पहले,चुनाव के बाद जिसे भी प्रतिनिधित्व मिले बैठेंगे तो एक साथ समाजवासी। इस भाव को हमेशा हर पल याद रखना जरूरी है।लेकिन देश का साहित्य कला जगत को समर्पित यह सशक्त हस्ताक्षर पोर्टल जरूर सामाजिक विषमताओं  पर सवाल  करता रहेगा ।

कौन हैं, सहस्त्रबाहु अर्जुन
छत्तीसगढ़ में दूसरे बड़े वृहत समाज की श्रेणी में आने वाले डंडसेना कलार समाज के अराध्यदेव सहस्त्रबाहुअर्जुन पर सबसे पहले संक्षेप में जान लेना जरूरी है,क्योंकि विस्तृत बातें काफी कुछ है। बताते चलें-मत्स्य पुराण के 43 वें अध्याय श्लोक नं. 52 में उल्लेखित है,भगवान विष्णु के 24 अवतारों में एक माना गया है। सहस्त्रजीत के वंशज में महाराजा कृतवीर्य की धर्मपत्नी महारानी पद्मनी ने महासती अनुसुईया के सलाह पर भगवान विष्णु को व्रत कर प्रसन्न किया और पति की मनोकामना पूर्ण होने का वर मांगा। कोई जीत न सके और उनका यश पुरे ब्रम्हांड में फैले कार्तिक शुक्ल सप्तमी को पुत्र प्राप्त हुआ जिसका नाम अर्जुन रखा गया। कार्तिक मास धन धान्य से भरा पूरा होता है,इतिहास में भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन महाबाहु के नाम से प्रसिद्ध हुए और यही कलार जाति का आदि पुरूष इष्टदेव के रूप में माना जाता है।

परिवर्तन ग्रुप ने दाखिल किया नामांकन
डंडसेना कलार समाज संभागीय अध्यक्ष चुनाव 2023 के तारतम्य गत 6 अप्रेल को हनुमान जन्मोत्सव के शुभ मुर्हूत पर दिग्गज युवा प्रत्याशी पुरूषोत्तम गजेंद्र ने अपने कई सामाजिक समर्थकों की उपस्थिति में नामांकन दाखिल किया गया। बस्तर क्षेत्र तथा कांकेर जिले के कई जगहों से सामाजिक बंधु,महिलाएं इस अवसर पर उपस्थित थी। छत्तीसगढ़ में वृहत समाज के चलते अन्य लोगों की नजर भी इस चुनाव पर है। लेकिन किसी अन्य वर्ग की नजर अपने चहेतों का हौसला बढ़ाने का जरूर हो पर इससे ज्यादा कुछ नहीं होना है। क्योंकि डंडसेना कलार समाज का चुनाव लोकतांत्रिक पद्धति से होता है,जहां समाज के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को मताधिकार का अधिकार दिया गया है,जो समाज में कुल चार पदों पर अपने मत का प्रयोग करेगा। समाज के मुखिया यदि अपना मत किन्हीं कारणोंवश आकर नहीं डाल पा रहे हैं तो उनके रितेदार मय आधार कार्ड के साथ अपने मताधिकार का उपयोग कर सकता है।

बताते चलें परिवर्तन ग्रुप के सदस्य सबसे पहले खपरापारा स्थित एक भवन में एकत्रित होकर पैदल डंडसेना कलार समाज भवन की ओर कूच किए जहां सामने स्थित  शिवालय   में विधिवत पूजा अर्चना के साथ श्रीफल चढ़ाकर विर्विघ्न कार्य शुरूआत करने की मनौती मांगी। डंडसेना समाज सामाजिक भवन में समाज के देव भगवान सहस्त्रार्जुन के जयकारे के साथ विधि पूर्वक निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष इस पैनल जिसे परिवर्तन ग्रुप का नाम दिया गया है, के अध्यक्ष,कोषाध्यक्ष ,महासचिव,कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया।
वापस पैदल नगर से सटे खपरापारा मार्ग पर भवन में भोजन की व्यवस्था रखी गयी थी। भोजन उपरांत सभी अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गये।

चुनाव विदित रहे
वैसे तो इस समाज में चुनाव का अतीत काफी स्वर्णिम रहा है,पर पिछले कुछ दशक से वर्तमान तक पर बताएं तो वर्ष 1978 से 1994तक मोतीलाल जैन डंड़सेना कलार समाज में 16 वर्षाे तक अध्यक्ष पद पर बने रहे। सन् 1994 में डंड़सेना कलार समाज का महासभा अलबेलापारा कांकेर छात्रावास भवन में हुआ,जिसमें स्व. बलराम जैन अध्यक्ष चुने गये। वर्ष 1994 से 1999 तक यानि 5 वर्षों तक स्व.बलराम जैन अध्यक्ष पद पर रहे।  साल  1999 में बस्तर संभाग का महासभा ग्राम जैसाकर्रा चारामा में हुआ,जिस महासभा में स्व.दयाराम जैन ग्राम माटवाड़ा कांकेर अध्यक्ष चुने गये। वर्ष 1999 से 2012 तक 11 वर्षों तक अध्यक्ष पद पर बने रहे। 2012-13 में डंड़सेना कलार समाज का संगठन का संचालन साम्य नहीं रहा। समाज दो भागों में विभक्त हो गया। इसी बीच ग्राम नारा में डंड़सेना कलार समाज का महासभा रखा गया,जिसमें रामनारायण सिन्हा अध्यक्ष बनाये गये  । उसके बाद फिर चुनाव हुआ ग्राम भीरावाही खपरा पारा,कांकेर कलार समाज का महासभा हुआ जिसमें महेश जैन भीरावाही कांकेर अध्यक्ष चुने गये। ये दोनों अध्यक्ष को समझाईश कर डंड़सेना कलार समाज बस्तर संभाग का महासभा सन् 2013-14 में ग्राम पाण्डरवाही में रखा गया जिसमें महेश जैन भीरावाही अध्यक्ष चुने गये। वर्ष  2014 से 2018 तक अध्यक्ष पद पर पांच वर्ष बने रहे और 2018 में बस्तर संभाग कलार समाज का महासभा अलबेलापारा कांकेर छात्रावास में हुआ। वर्तमान में भी महेश जैन इस वर्ष 2023 के चुनाव में प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन 7 अप्रेल 2023 को दाखिल किए हैं।

कौन जीतेगा? बताना मुश्किल
अभी चुनाव चिन्ह आबंटित नहीं हो पाया है,लेकिन खासकर परिवर्तन टीम के सदस्य लगातार सामाजिक लोगों से निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं। यह पहली दफा नहीं है बल्कि पिछले कितने ही चुनाव हुए रिजल्ट चौकाने वाला भी रहा है,जिसका उदाहरण पिछली बार का चुनाव है। अब हार जीत के कारणों पर समीक्षा अपने मुताबिक किया जाता है,लेकिन पहले पहल बात तो यह है कि महासभा के बाद चुनाव मतदान दिवस तक भी कई कारणों से मानसिकता में बदलाव आता है। जो ऊर्जा अभी से है,उसे बरकरार रखना जरूरी है। कहने को तो काफी किंतु परंतु है,लेकिन कभी कभी चुनावों में यह भी देखने आता है कि अति उत्साहित होना कभी कभी परेशानी का भी सबब बनते देखा गया है,जरूरत इस बात का है कि अपने कार्य अपनी छवि पर ध्यान दिया जाये। वर्तमान टीम के कुछ पदाधिकारी जो कि नामांकन दिवस पर नजर नहीं आए इसे लेकर भी कई प्रकार के कयास लगाये जा रहे हैं।

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