आलेख

”बातें है,समस्या का निदान” मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर छ.ग.

अपने जीवनचर्या जिंदगी में गलत होने के चलते खासकर अपने आप में अकेलेपन,उदास होने की भावनाएं घर कर जाती है। यह स्थिति जीवन में उक्त परेशानी के दूर होने पर भी मन में जगह बना लिए रहती है। अपने जीवन में इस उदासी के चलते कई बार रोना भी आता है, दुःख के चलते कुछ लोग उक्त बातें शेयर भी नहीं करते।

कुछ का मानना होता है, शेयर करने से क्या होना है? लड़ना तो उन्हें ही है। लेकिन मामला जब सुलझने की बजाय और भी उलझता जाय तो बातें खुद के लिए विकट समस्या बन जाती है। जिस समस्या को पहाड़ समझा जाता है, महज बातों के जरीये समस्या का निदान होता है।

कभी-कभी इन गलत समय पर आपके अंतरंग मित्र जो निःस्वार्थ आपके हर सुख दुख में सहभागी होते हैं,उनका सहयोग जरूर लेना चाहिए। हम अपने जीवनचर्या में हमारा संबंध कई रिश्ते नातों से जुड़ा रहता है। कब तक अपना दुख अपनी समस्या अपने तक रखें। यह कोई समस्या का हल नहीं है। समस्या का हल सिर्फ और सिर्फ बातों के जरीये ही संभव है। अभी तक किसी भी समस्या के निदान के लिए हल बात कर ही निकाले जाते रहे हैं। मन में उदासी का भाव ना आए इसके लिए निश्चित ही अपने मित्र जो आपके हर सुख दुख के लिए साथ होते हैं,अपनी समस्या के निदान के लिए उनके पास समस्याएं साझा करते रहें।उनसे नियमित रूप से बातें करते रहना चाहिए। काम रहे तब भी और काम ना रहे तब भी। आपकी जीवनचर्या हमेशा खुशहाल रहेंगी।

यह बात अलग है कि आपके साथ बिना कुछ गलत हुए अपने आप ही उदासी,टेंशन की समस्या घर कर जाए इसके लिए जरूर डाक्टरी परामर्श ली जा सकती है

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