कविता काव्य देश

“मंद मंद मुस्कुराता असुर ” श्रीमती रीना मौर्या शिक्षिका साहित्यकार कांकेर छत्तीसगढ

साहित्यकार परिचय

– श्रीमती रीना मौर्या (Rini)

माता–पिता – श्री आर आर पटेल श्रीमती कृष्ण पटेल।
पति–  श्री धीरेन्द्र सिंह मौर्य। पुत्री– रिद्विमा मौर्य

जन्म– 3 जनवरी कांकेर

शिक्षा– M.Sc., B.Ed.

प्रकाशन– कविताओं का संग्रह –
1. ऐ स्त्री तुम कल फिर आना
2. बेटी हो मेरी तुम
3. कल्पनाओं की दुनियाँ
4. चाहिए मुझे आज़ादी
5. बचपन के लम्हे
6. ज़िन्दगी की आपा धापी
7. बनना चाहती हूँ प्रकृति सी
8. गाँधी -आज़ादी के करतार
9. कश्मकश भरी है ज़िन्दगी
10. शास्वत सरिता
11. तेरे ख्यालों में
12. अच्छे का फल
13. पुष्प की प्रकृति
14. वन्य जीव -एक निर्दोष आत्मा की अनकही आवाज़
15. बिटिया रानी तुमने मुझे आसमान छुआ दिया

गद्य – “श्री कृष्ण “- एक व्यक्तित्व नहीं एक वाद

पुरस्कार⁄सम्मान–

सम्प्रति – व्याख्याता (जीवविज्ञान ) शा. उ. मा. विद्यालय, सिंगार भाट जिला -कांकेर
छत्तीसगढ़

सम्पर्क – ट्राइबल कालोनी‚ न्यू बस स्टैंड अघन नगर कांकेर मो 9406481164

 

“मंद मंद मुस्कुराता असुर “

दूर बैठा देख रहा वो
चले गए अपने चालों को,
चालाकी के कर्म से अपने
जब जीत गया वो वारों में

द्धेश  के फेंके पासे ने
दिखा दिये अपनी चाल
प्यादों के टकराव से
मचल उठा उसका अंतर्मन

चेहरे पर कई चेहरे छुपाकर
परबुद्धि मानुष को ढाल बनाकर
किया पीठ पर वार
वो भी बिन बरछी, बिन बाण

बैठ के किसी कोने पर
धृतराष्ट्र सा अंधा असुर
अपने छल से जीते चाल पर
कपटी सी मुस्कान लिए

मंद मंद मुस्कुराता है
हाँ पर वो शायद भूल चूका है
ईश्वर के बनाये कर्म चक्र को
जो लौट के ख़ुद पर आएगा

ख़ुद के खोदे गड्ढे में जब
ख़ुद एक दिन गिर जायेगा
तब कर्म हँसेगा तुझ पर बन्दे
और देख तुझे भी मंद मंद मुस्कुरायेगा……

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