काव्य

”कइसे चढ़ावा फुलवा हार” श्री अशोक कुमार पटेल शिक्षक,साहित्यकार मेघा,धमतरी(छ.ग.)

साहित्यकार-परिचय

– अशोक कुमार पटेल “आशु” 

माता– पिता : श्रीमती तेरस पटेल,श्री पुष्कल प्रसाद पटेल
जन्म – १७/०६/१९७१ तुस्मा,शिवरीनारायण

शिक्षा – एम.ए.हिंदी,समाज शास्त्र,कैरियर गाइडेन्स में स्नातक,बी.एड./डी.एड.

 प्रकाशन–१.हौसले की ऊँची उड़ान २०२०-२१  (कविता संकलन)  २.अंतर्मन की पुकार२०२१-२२  (बाल-कहानी संकलन)
३.मेरी अभिव्यक्ति २०२२-२३ (काव्य संकलन)  ४.छत्तीसगढ़ के चिन्हारी २०२२-२३(छत्तीसगढ़ी काव्य संकलन) ५.लोक संस्कृति अउ धरोहर/प्रकाशाधीन २०२३-२४( छ.ग. लेख संकलन)  ६.बचपन २०२३-२४/प्रकाशाधीन  (बाल कविता)

पुरस्कार / सम्मान – १.कोरोनाकाल में ऑनलाइन स्टडी पुरस्कार  छत्तीसगढ़ शासन शिक्षा विभाग २०२०-२१  २.परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में
माननीय प्रधान मंत्री द्वारा सम्मान पत्र २०२३-२४  ३. जिला धमतरी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उत्कृष्ट व्याख्याता सम्मान २०२३-२४
४. शाला प्रबंध समिति द्वारा उत्कृष्ट व्याख्याता सम्मान २०२३-२४ ५. राज भाषा आयोग छ ग शासन द्वारा पुस्तक विमोचन सम्मान २०२३-२४

संप्रति – व्याख्याता-हिन्दी प्रभार- प्राचार्य ।शास.उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बेलौदी  नियुक्ति तिथि- ११/०७/२०११

विशेष – राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र  पर आप पत्रिकाओं में लेख/आलेख,कविता,कहानी,पहेलियाँ आदि का सतत प्रकाशन। 11. आप के द्वारा किए प्रशंसनीय कार्य – शाला में बच्चों के विकास हेतु कला संस्कृति पर आधारित गतिविधियान और लगातार कैरियर गाइडेन्स क्लास,और कार्यशाला संगोष्ठियों का आयोजन। 12.शाला के भौतिक विकास- हाई स्कूल का हायर सेकंडरी में उन्नयान,नवीन बिल्डिंग निर्माण,डी.डी.ओ./केंद्र,संकुल केंद्र की स्थापना,बाउंड्री निर्माण,अग्रिकल्चर सहित सभी संकायों का पाठन।सघन वृक्षारोपण और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम का सतत आयोजन।

सम्पर्क – ग्राम पोष्ट-मेघा,ब्लॉक- मगरलोड,जिला-धमतरी(छ ग)

 

”कइसे चढ़ावा फुलवा हार”

कइसे चढ़ावा फुलवा हार
तोर चरण के मै ह फुलवा
अर्पण हावय ओ बार-बार
कइसे चढ़ावा….

तन मोर दीया मन मोर बाती
भक्ति-भजन करंव दिन राती
तहीं हर दाई मोर पालनहार
कइसे चढ़ावा….

तंय मोर दाई,तहीं महामायी
तंय ह गौरी दुर्गा काली माई
तोर पूजा करय जग-संसार
कइसे चढ़ावा….

नव दिन अउ, नवराती दाई
तोर करथन ओ सेवा बढ़ाई
तभो नई पावां ओ मै ह पार
कइसे चढ़ावा….

तोर सेवा तोर जस ल गावंव
मै हर भाग अपन सहरावंव
मोर हरले दाई, दुख के भार
कइसे चढ़ावा….

देवता-धामी,नर मुनी ज्ञानी
सबके दाई तंय हर महरानी
सबके करे हस ओ उपकार
कइसे चढ़ावा….

 

 

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