कविता काव्य राज्य

”मैं धमतरी हूं” श्रीमती कामिनी कौशिक शिक्षिका साहित्यकार धमतरी छ.ग.

साहित्यकार परिचय
श्रीमती कामिनी कौशिक
जन्म- 28 जुलाई 1962 ई. ग्राम निपानी,जिला-दुर्ग(छ.ग.)

माता-पिता – स्व.ठा.प्रेमप्रताप सिंह जी, स्व.श्रीमती यशोदा देवी जी।

शिक्षा- बी.एड.एम.ए.(हिन्दी,राजनीति,समाज शास्त्र,भारतीय इतिहास) पी.जी.डी.ई.वी.(मूल्य शिक्षा गोल्ड मेडलिस्ट)

प्रकाशन- समय-समय पर पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से गीत,गजल और कविताओं का प्रकाशन।

सम्मान- लायनेस प्रेसीडेंट के रूप में 7 स्टार प्रेसीडेंट मोस्ट एक्सीलेंट लायनेस आफ द एरिया एवं अन्य महत्वपूर्ण एवार्ड्स। लायनेस एरिया आफिसर के रूप में डी. की सर्वश्रेष्ठ एरिया आफिसर,एरिया आफिसर क्वीन एवार्ड्स। श्री बाबा साहेब अंबेडकर सम्मान(प्र्रातीय दलित साहित्य समिति,धमतरी) लेडी आफ द ईयर सम्मान-लेडीज क्लब धमतरी।

सम्पर्क- रिसाई पारा,धमतरी, जिला-धमतरी(छत्तीसगढ)

 

 

”मैं धमतरी हूं”

धमतरी मैं,धर्म की नगरी,चित्रोत्पला बहती गंग समान।
रत्न प्रसविनी मेरी भूमि, पर्यटन से मेरी पहचान।।

विंध्यवासिनी का वत्सल आंचल,
अंगार मोती की छत्रछाया है।
रुद्रेश्वर, बटुकेश्वर,नागेश्वर ,बुढ़ेश्वर,
शीतला माई की माया है।
हनुमान चहुं दिशिबिराजे, सोंढूर, इसकी शान ,,,,,
रत्न प्रसविनी मेरी भूमि, पर्यटन से मेरी पहचान,,,,,

रवि शंकर शुक्ला जलाशय ,
खूबचंद बघेल बैराज।
श्रृंगी ऋषि विराजित मेखला में,
सीता नदी अभ्यारण सरताज।।
सनपॉइंटआनंद दायक, सैलानी बढ़ाते इसका मान ,,,
रत्न प्रसविनी मेरी भूमि, पर्यटन से मेरी पहचान,,,,

साहित्य जगत को सींचा ,
विश्व में सम्मान दिलाया।
प्रेरणा के मार्ग सजा,
नित नव सुरभित सुमन खिलाया।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने किया सर्वस्व बलिदान,,,
रत्न प्रसविनी मेरी भूमि, पर्यटन से मेरी पहचान,,,,,

धन धान्यपूरित दुल्हन सी,
प्यारी नगरी मेरी,,,
संस्कृति, संस्कार,धर्म,अध्यात्म भरी
प्यारी नगरी मेरी,,,,
खेलकूद,मनोरंजन,राजनीति, समाज सेवा बढ़ाते मान ,,,,
रत्न प्रसविनी मेरी भूमि, पर्यटन से मेरी पहचान,,,,

जन्मभूमि पाकर गर्वित,
कर्मभूमि से हर्षित होते हैं,,,
सर्वधर्म समभाव यहांके,
आत्मीयता से पूरित होते हैं,,
धन्य धन्य”मेरी धमतरी”,किस विधि करूं बखान ,,,,
रत्न प्रसविनी मेरी भूमि ,पर्यटन से मेरी पहचान,,,,

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