”मेरे राम”
व्यर्थ न गया राम भक्तों की कुर्बानी।
रक्त बहा जो अवधपुरी,
रक्तिम लाली बन राम भक्ति का झंडा
विश्व में लहराया है।
बरसों बरस की प्रतिक्षा पूर्ण हुई।
पौष मास शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि।
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
दर्शन होंगे बाल रूप अद्भूत प्यारी।
दुल्हन सी सजी अयोध्या नगरी
द्वार-द्वार सजी रंगोली।
दिवाली सी छटा निराली।
दुनिया हुई राम-नाम दीवानी
श्रध्दा,आस्था,भक्ति को सम्मान मिला
जन-जन मन मुदित मंगल मोद मनाएँ
भारत में राम राज्य आयेगा
विश्व गुरु भारत कहलाएगा।