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“छत्तीसगढ़ कलमकार मंच द्वारा नव-वर्ष मिलन, काव्य-गोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन का सफल आयोजन”

-छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में प्रकाशित यह 12वाँ राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह है। इसके अलावा 61 साहित्यकारों को “सतनाम साहित्य सेवा सम्मान 2024” का सम्मान पत्र एवं मेडल प्रदान किया गया।

बिलासपुर(सशक्त हस्ताक्षर)।छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में 21 जनवरी 2024 को कलमकारों का नव वर्ष सम्मेलन कार्यक्रम के साथ-साथ कानन पेंडारी सफारी का भ्रमण, पुस्तक विमोचन, काव्य-गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का सुव्यवस्थित एवं सफल आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कलमकारों की टीम द्वारा कानन पेंडारी जंगल सफारी का भ्रमण किया गया। प्राकृतिक सुषमा और वन्य प्राणियों से भरा-पूरा यह कानन बहुत मनमोहक है।

एक तरफ जहाँ पक्षी, सर्प और मत्स्य संसार लोगों को आकर्षित कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर हंसों की जल-क्रीड़ा अविस्मरणीय थी। शेर की दहाड़ से कानन पेंडारी के सम्पूर्ण दर्शक रह-रह कर रोमांचित हो उठते थे। बाघ, चीतल, चौसिंगा, मगर, हिप्पोपोटोमस, जंगली बरहा, नील गाय, हिरणों के झुण्ड, शुतुरमुर्ग, इमू और नन्हें काले मूषक हिरण की चहलकदमी दर्शकों का ध्यान अपनी ओर बरबस ही खींच लेती थी ।

कई प्रकार के झूले में बच्चों को झूलते देखना, विशालकाय हाथी के मुँह से निकलना बेहद रोमांचित करने वाला अनुभव रहा।
कानन पेंडारी का नैसर्गिक सौंदर्य और हरीतिमा से आच्छादित वातावरण बहुत मनमोहक लग रहा था। सभी कलमकार आनन्द में सराबोर शनैः शनैः बढ़ रहे थे, तभी कलमकारों के कदम मुख्य राह में स्थित एक सेड के नीचे ठहर गए। वहॉं पर्याप्त संख्या में कुर्सियाँ लगी हुई थीं।

सर्वसम्मति से निश्चय किया गया कि आज की काव्य-गोष्ठी, पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का कार्यक्रम यहीं पर आयोजित किया जाय।कार्यक्रम के उद्घोषक की कमान सम्हालते हुए मुंगेली से पधारे विख्यात कवि देवप्रसाद पात्रे ने सर्वप्रथम बिलासपुर, रायपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, बेमेतरा, बलौदा बाजार, कोरबा इत्यादि जिलों से पधारे हुए कलमकारों को पुष्प माला पहनाकर तथा महिला कलमकारों को पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मान कराया। तत्पश्चात विश्व वन्दनीय प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणि गुरु घासीदास की वंदना पढ़कर, जय सतनाम और डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जयकारा लगाया गया। उद्घोषक द्वारा सभी कलमकारों एवं दर्शकगणों को अपने-अपने स्थान पर खड़ा होकर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का ससम्मान वाचन कराया गया।

कार्यक्रम को गति देते हुए छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, साहित्य वाचस्पति ने सबको नववर्ष की बधाई देते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर सारगर्भित रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि आज इस कार्यक्रम में भारत देश के 57 कलमकारों की सत, श्वेत और सतनाम मय रचनाओं से सुसज्जित “सतनाम संसार” पुस्तक का विमोचन होने जा रहा है।

छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में प्रकाशित यह 12वाँ राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह है। इसके अलावा 61 साहित्यकारों को “सतनाम साहित्य सेवा सम्मान 2024” का सम्मान पत्र एवं मेडल प्रदान किया जाएगा। आज यह अवगत कराते हुए हर्षित हैं कि बस्तर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र वर्तमान में नागालैंड विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर डॉ.एन.डी. आर. चन्द्रा को “सतनाम साहित्य सेवा सम्मान” से सम्मानित किया जा रहा है। 7 अगस्त 2022 से आरम्भ हुए कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का सिलसिला 2024 तक आ पहुँचा है, जो हर्ष का विषय है। अब मंच के बैनर तले विमोचित पुस्तकों की संख्या 37 हो जाएगी। मंच द्वारा अब तक कुल 667 कलमकारों को सम्मान पत्र और मैडल प्रदान किया जा चुका है। यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है। आप सबके प्रेम, सहयोग और सद्भावना से यह सिलसिला निरन्तर जारी रहेगा।

तत्पश्चात कलमकारों की गरिमामयी उपस्थिति में दर्शकों की करतल ध्वनि के बीच “सतनाम संसार” राष्ट्रीय काव्य संग्रह का विमोचन किया गया। पश्चात कवियों द्वारा अपनी मनभावन रचनाओं की प्रस्तुति दी गई। पूरा मंच तालियों की गड़गड़ाहट से पूरे समय तक गूंजता रहा। कानन पेंडारी के भ्रमण में आए उस राह से गुजरने वाले लोगों के कदम कुछ देर के लिए वहॉं पर ठिठक जाते थे। वे कविताओं के रस में डूब जाते थे, फिर आगे की राह पकड़ लेते थे। यह क्रम कार्यक्रम समाप्ति तक निरंतर जारी रहा। डॉ. जी. सी. भारद्वाज कुसुम विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र, शासकीय लक्ष्मणेश्वर स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरौद जिला जांजगीर-चाम्पा के मुख्य आतिथ्य तथा डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, उपसंचालक छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग की अध्यक्षता एवं वरिष्ठ कवि गण  मोहन सत्ऋषु, सुरेश कुमार चन्द्रा, बेदराम जाटवर वेदांज और कार्तिक पुराण के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम के दौरान  सुरेश कुमार चन्द्रा, रमेश कुमार रसिय्यार, जुगेश बंजारे धीरज, ज्वाला कश्यप, अशोक कुमार बंजारे, सुरजीत क्रान्ति, हंसदेव बाँधड़े हंस बंधु, देव प्रसाद पात्रे, बुंदराम जांगड़े, कार्तिक पुराण घृतलहरे, सुनीता जांगड़े, रंजीत पात्रे, जलेश्वरी गेंदले, मोहन बंजारे, डॉ.जी.सी. भारद्वाज द्वारा मनभावन कविताएँ, गीत, ग़ज़ल प्रस्तुत किये गए। अन्त में डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति ने आभार प्रदर्शन करते हुए काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिए। इस दौरान मनोज बंजारे, राधेलाल यादव, उमा श्रीवास, बी.एल. श्रीवास तथा अनेक विद्यार्थियों सहित कई रसिक स्रोतागण उपस्थित रहे। कलमकारों को पुस्तकें और सम्मान पत्र प्रदान किये गये। कार्यक्रम का प्रभावी एवं सफल संचालन कवि देवप्रसाद पात्रे एवं गायक-कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा किया गया।

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