कविता काव्य देश

”तुम एक स्त्री हो”कु. माधुरी मारकंडे साहित्यकार‚धमतरी(छ.ग.)

साहित्यकार परिचय
कु. माधुरी मारकंडे
जन्मतिथि – 05.01.1995,बलियारा(धमतरी)
माता-पिता – श्रीमती दिलेश्वरी, श्री नारायणदास मारकंडे
शिक्षा – एम ए राजनीति विज्ञान, डीसीए
प्रकाशन – एक कविता संविधान नियमित लेखन

सम्मान – 2013 निबंध प्रतियोगिता में कलेक्टर द्वारा
सम्प्रति-
संपर्क-  ग्राम बलियारा पोस्ट भोथली जिला-धमतरी (छ.ग.) मो. 9329124373

 

”तुम एक स्त्री हो”

तुम सौम्य हो
इसलिए गुण स्वरूप में
प्रेम रूप हो ….।

किसी आंगन में चंचलता से
झीलमिलाती रोशनी हो …।

तो किसी आंगन की तुलसी में दीप सजाती वधू हो….।

प्रेम स्वरूप भोजन में स्वाद भर
सबको तृप्त करती जननी तुल्य हो….।

तम को हर
जीवन में बिखेरती प्रकाश हो

की तुम एक स्त्री हो…..।

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