साहित्यकार परिचय
कु. माधुरी मारकंडे
जन्मतिथि – 05.01.1995,बलियारा(धमतरी)
माता-पिता – श्रीमती दिलेश्वरी, श्री नारायणदास मारकंडे
शिक्षा – एम ए राजनीति विज्ञान, डीसीए
प्रकाशन – एक कविता संविधान नियमित लेखन
सम्मान – 2013 निबंध प्रतियोगिता में कलेक्टर द्वारा
सम्प्रति-
संपर्क- ग्राम बलियारा पोस्ट भोथली जिला-धमतरी (छ.ग.) मो. 9329124373
”गुमनाम शहर”
ऐ!
गुमनाम शहर
बता दे
कहां है तुम्हारी पहचान
हां!
कहां है तुम्हारी पहचान
दुकानदारों या साहूकारों से
सजे बाजारों में…..।
या
किसी गरीब की आवाज को
दफन करते
पूंजीपतियों के हलफनामों में
या
पेट की आग को शांत करने
कचरे के ढेर में से
भोजन बटोरते मासूमों के भाव में
तुम्हारे ऊंचे ऊंचे इमारतों में
दफन किए गए
कई वृक्षो के जड़ों में
नामों के बाजारों में
सजे चका चौंध के
सामानों में…….।
हां!
कहां है तुम्हारी पहचान
रोजी-रोटी का आश्रय बन
फिर भी
आज इंसानों में भाव का भूखा
किसी इंसान के
घुटते अकेलेपन के भावों में
हजारों की जनसंख्या में
तुम्हारे ही शोरों में दफन
किसी के बंद कमरे में
चुप्पी भारी भावों में
तुम चुप हो……।
क्योंकि
ऐ! गुमनाम शहर
तुम गुमनाम हो……..।