“छत्तीसगढ़ कलमकार मंच की काव्य-गोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन सम्पन्न”
(मनोज जायसवाल)
– इस आयोजन में 55 साहित्यकारों को “इन्द्रधनुष साहित्य सम्मान 2024” का सम्मानपत्र एवं मेडल तथा 24 साहित्यकारों को कलमकार साहित्य चेतना सम्मान 2024 प्रदान किया गया। इसे मिलाकर मंच के बैनर तले विमोचित पुस्तकों की संख्या 50 तथा सम्मानित होने वाले कलमकारों की संख्या 957 हो जाएगी।
बिलासपुर(सशक्त हस्ताक्षर)। गत 27 अक्टूबर को कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क बिलासपुर में राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान एवं राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार प्राप्त समिति- छत्तीसगढ़ कलमकार मंच मस्तूरी के तत्वावधान में पुस्तक विमोचन एवं काव्य-गोष्ठी का सुव्यवस्थित एवं सफल आयोजन सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम कलमकारों की टीम द्वारा कानन पेंडारी जंगल सफारी का भ्रमण किया गया।
प्राकृतिक सुषमा से परिपूर्ण कानन में सेड के नीचे जहॉं पर्याप्त संख्या में कुर्सियाँ लगी हुई थीं, वहीं पर काव्य-गोष्ठी, पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम के उद्घोषक की कमान सम्हालते हुए नवागढ़-बेमेतरा से पधारे विख्यात गायक- कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा सर्वप्रथम बिलासपुर, रायपुर, बेमेतरा, गरियाबन्द, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर एवं बलौदाबाजार जिलों से पधारे हुए कलमकारों का पुष्प माला तथा पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मान कराया गया। तत्पश्चात सभी कलमकारों एवं दर्शकगणों को अपने-अपने स्थान पर खड़े होने का आग्रह कर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन कोरबा से पधारी हुई कवयित्री किरण कौशिक ‘अंशु’ द्वारा कराया गया।
कार्यक्रम को गति देते हुए छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, साहित्य वाचस्पति ने उपस्थित कलमकारों का अभिनन्दन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर सारगर्भित प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में आज दो पुस्तकों – “इन्द्रधनुष” राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह तथा मेरी 57वीं कृति- “विचारों की रोशनी” अभिव्यक्ति संग्रह के विमोचन के अलावा “संवाद समृद्धि पथ” साप्ताहिक अखबार का विमोचन सम्पन्न होगा। कुल 206 पृष्ठ की “इन्द्रधनुष” में देश के 54 साहित्यकारों के जीवन परिचय एवं उनकी श्रेष्ठ रचनाओं का संकलन है। इसमें छत्तीसगढ़ी लिखने के नियमों का भी समावेश है, जो कलमकारों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। कुल 142 पृष्ठ के अभिव्यक्ति संग्रह -“विचारों की रोशनी” में काफी ज्ञानवर्धक, प्रेरक एवं ऊर्जस्वित करने वाले विचारों का समावेश है।
“संवाद समृद्धि पथ” छत्तीसगढ़ी-हिन्दी साप्ताहिक अखबार, जिसके प्रधान सम्पादक विजय कुमार देशलहरे हैं, छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के बेनर तले विमोचित होना मंच की गौरव-गरिमा में वृद्धि के प्रमाण है। आज छत्तीसगढ़ कलमकार मंच सर्वाधिक लोकप्रिय साहित्यिक मंचों में से एक है। इस मंच ने कवि सम्मेलनों और काव्य-गोष्ठियों को पाँच सितारा संस्कृति से प्रकृति के उन्मुक्त आँगन में ओपन माइक सिस्टम तक ले आया है। आज 55 साहित्यकारों को “इन्द्रधनुष साहित्य सम्मान 2024” का सम्मानपत्र एवं मेडल तथा 24 साहित्यकारों को कलमकार साहित्य चेतना सम्मान 2024 प्रदान किये जाएंगे। इसे मिलाकर मंच के बैनर तले विमोचित पुस्तकों की संख्या 50 तथा सम्मानित होने वाले कलमकारों की संख्या 957 हो जाएगी। यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है।
अध्यक्ष के उद्बोधन पश्चात साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति में करतल ध्वनि के बीच उपरोक्त दोनों पुस्तकों का विमोचन सम्पन्न हुआ। पश्चात कवियों द्वारा अपनी मनभावन रचनाओं की प्रस्तुति दी गई। मंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कानन पेंडारी के भ्रमण में आए लोग राह से गुजरते समय काव्य पाठ के दौरान वहाँ रुककर आनन्द लेते रहे। बारी-बारी से काव्य पाठ पूर्ण होने पर साहित्यकारों को मेडल पहनाकर सम्मानपत्र एवं पुस्तकें प्रदान की गईं।
छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम डॉ. गुलाबचन्द भारद्वाज ‘कुसुम’ प्राचार्य शासकीय लक्ष्मणेश्वर स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरौद, जिला जांजगीर के मुख्य आतिथ्य, डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, उपसंचालक छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग की अध्यक्षता तथा सामाजिक चिंतक डॉ. गोवर्धन मार्शल, कवयित्री किरण कौशिक अंशु एवं प्रेमदास प्रेम के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच अपने उद्देश्यों में पूर्णतः सफल रहा है। नए-नए साहित्यकारों का छत्तीसगढ़ कलमकार मंच से निरन्तर जुड़ते जाना डॉ. किशन के कुशल नेतृत्व का प्रमाण है। विशिष्ट अतिथि डॉ. गोवर्धन ने कहा कि मंच जन-जागरण पैदा करने और साहित्यकारों को सशक्त करने में अग्रणी रहा है और आगे भी रहेगा। कलमकारों की रुचि, प्रेम और सद्भाव अत्यन्त प्रशंसनीय है।
संवाद समृद्धि पथ के प्रधान संपादक श्री विजय कुमार देशलहरे ने छत्तीसगढ़ कलमकार मंच का आभार प्रगट करते हुए मंच के कार्यक्रमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कोई भी कवि संवाद समृद्धि पथ में प्रकाशन हेतु अपनी छत्तीसगढ़ी रचनाएँ मेरे पास भेज सकते हैं।
ये थे‚ उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष जुगेश बंजारे धीरज, मणिशंकर दिवाकर ‘गदगद’, नवीन कुमार कुर्रे, मोहन बंजारे सत्ऋषु, प्रेमदास प्रेम, लक्षवीर बांधे, सुश्री नर्मदा खुटियारे, कार्तिक पुराण घृतलहरे, सुरजीत क्रान्ति, श्रीमती उषा पाटले, मंजूलता मेरसा, श्रीमती लक्ष्मी डहरिया, चैतराम टण्डन, अश्वनी पात्रे, दीनदयाल टण्डन, यशस्वी साहू, किरण कौशिक अंशु, श्वेता डहरिया, इत्यादि साहित्यकारों द्वारा कविता पाठ किया गया। कार्यक्रम का सफल एवं प्रभावी संचालन गायक-कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।