लड़की ढूंढते समय रिश्तेे स्थापित होने में तरह तरह की बातें सामने आती है। ऐसे कई लड़कों सहित अभिभावकों को देखा जा सकता है जो कई वर्षों से लड़की ढूंढ रहे होते हैं और अंतिम स्थिति में किस्मत को दोष देते नहीं मिलने की बात कह रहे होते हैं। यही बात उन पर भी लागू होता है जो लगातार आ रहे रिश्तों को तल्ख बातों पर रिजेक्ट कर रहे होते हैं और अंतिम समयों पर जब रिश्ते नहीं आ रहे होते तब सोचते हैं कि जैसे भी सक्षम रूप से कोई रिश्ते तो आते हमारी ओर से ना नहीं होती।
अब तो मुझे हालिया के दिनों में किसी लडकी का अपने बायोडाटा में उल्लेखित यह लाईनें भी देखने मिला जहां उन्होंने अपनी बात लिखते यह लिखा था कि जरूरी नहीं कि लड़का सरकारी नौकरी पेशा हो उनकी जमीन जायदाद हो। वह काम करता हो इतना काफी है। मुझसे तीन ऐसे लड़के मिले जो नौकरीपेशा सहित घर परिवार से सक्षम तो थे पर उनकी शादी इसलिए नहीं हो रही है कि जहां रिश्ते की बात चलती है अंतिम स्थिति में इनका रिश्ता कदकाठी कम होने के चलते लड़की वाले रिजेक्ट कर देते हैं।
सो तो ठीक है लेकिन लड़कों की एक प्रमुख ख्वाहिश की लड़की सुंदर अति सुंदर भी चाहिए कद लंबी चला लेंगे। इन्होंने कहा सुंदर इसलिए कहा कि सुंदर एवं लंबी रहेगी तो संतान भी अच्छी आएगी। इस पर हमने कहा कि संतान जरूरी नहीं है कि मां पर जाए। पिता पर भी जाता है। फिर जब अपने ख्वाहिश मुताबिक गोरी लंबी सुंदर की ख्वाहिश है यदि इस पर लड़की कहे कि हमें भी लड़का सुंदर अच्छे कद काठी का चाहिए। क्योंकि यदि संतान पिता पर चला गया तो जबकि लड़का सांवला और कम कद काठी का है तो संतान भी पिता जैसा आएगा। ख्वाहिश तो दोनों का हो सकता है।
जैसा आप अपने लिए सोच रहे हैं तो वैसा ही उन पर भी सोच कर देखिए। ऐसी और भी कई बातें है जिनके चलते रिश्तेे स्थापित होने में काफी देर हो रही होती है। अर्थ लोलुपता का दौर भी देखा है हमने काफी समय से अच्छे रिश्ते नहीं आ पाने के चलते कई लड़कियों के अपने से कम कद काठी,निचले शैक्षणिक स्तर एवं उम्र में अधिकाधिक अंतर के बावजूद रिश्ता मंजूर करते स्थापित कर रहे होते हैं। कई दफा कई ऐसे तकनीकी बिंदु हैं,जिसके चलते जिंदगी की रोजमर्रा आखिरकार लड़की के सहारे काटनी पड़ती है।