आलेख

‘लड़का क्या करता है?अब लड़के देने लगे हैं उत्तर’ मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर छ.ग.

किस कदर मध्यमवर्गीय परिवारों में विवाह योग्य लड़के आज विवाह के लिए लड़की की तलाश में जाते हैं तो उन्हें लड़की पक्ष वालों के यक्ष प्रश्न लड़का क्या करता है? का सामना करना पड़ता है। शासकीय सेवारत,बड़े व्यवसाय वाले तो अपना जवाब दे पाते हैं,पर एक आम मध्यमवर्गीय लड़कों के लिए जो पढ़े लिखे तो हैं,लेकिन बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं,के लिए किसी दंश से कम नहीं होती। कई लड़के विगत कई वर्षाे से लड़की की तलाश कर रहे हैं,वे चाहते हैं कि वे अपने ही समाज की युवती से धूमधाम से शादी करें। लेकिन जहां भी जाते हैं, अहम प्रश्न लड़का क्या करता है? पर ही लड़की देना तय हो जाता है। हाईप्रोफाईल की छोड़ बात यदि मध्यमवर्गीय की करें तो लड़की देखने जाने पूर्व ही लड़कों को एक ही प्रश्न लड़का क्या करता है,के अतिरिक्त अन्य पूछे जा सकने वाले प्रश्नों का जवाब तय कर रख लेना ही उचित है।

शासकीय सेवा कम होने के बावजूद कई लड़कियों के अभिभावक इस बातों पर टस से मस नहीं हो रहे हैं कि उन्हें शासकीय सेवा के अतिरिक्त अन्य जाब स्वीकार्य नहीं है। संभवतया कई की नजरों में शासकीय सेवा ही रोजगार है। किसी-किसी की नजर में इसके साथ अन्य गुणों में शायद अच्छे होने का पैमाना भी। कई शर्तों के चलते समाज में कई लड़कियां उम्रदराज होने से एकाकी जीवन व्यतीत कर रही है। जब कई अभिभावकों को होश आता है,कि उम्रदराज के चलते समस्या विकट है तब काफी देर हो चुकी होती है,जहां उस उम्र के बाद कोई सामान्य जाब वाला भी फटकने से रहा।

लेकिन अब लड़कों को भी होश आ गया है,कि वे अच्छे काम करेंगे तो निश्चित रूप से लड़की का हाथ साथ मिलेगा,और यक्ष प्रश्न लड़का क्या करता है रूपी प्रश्न का जवाब दे पाएंगे। इसे लेकर इन दिनों यूं ही खाली समय बिता रहे लड़के नगरों में निजी काम्पलेक्स किराए पर लेकर दूकान डाल रहे हैं। अब आज के समय में दुकान डालना भी कम खर्चे पर संभव नहीं है। फिर काम्पलेक्स का एग्रीमेंट और किराया भी अधिकाधिक। फिर भी लड़के उस प्रश्न से जूझना है। तो भले ही किराया और एग्रीमेंट अधिक है,ले रहे हैं। अब व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में दुकान व्यवसाय भी चलने से रहा।

कैसे मंदी की मार व्यवसाय झेल रहे हैं कोई बताने की बात नहीं है। कोई बात नहीं पांच महीने नहीं सही किराया दे दिया जाएगा। नहीं चला तो देखा जायेगा। इन सब बातों को लेकर खुद का व्यवसाय खोल कर लड़की ढूंढने चल पड़ते हैं। चुंकि पहले बेरोजगार थे अब बेरोजगारी का ठप्पा तो दूर हो गया। जब लड़की पक्ष वालों से प्रश्न दागा जायेगा कि लड़का क्या करता है तब बता सकते हैं,नगर में अमुक नाम से व्यवसाय करते हैं। लेकिन कभी कभी समस्या पीछा नहीं छोड़ता।

पीछा कैसे नहीं छोड़ेगा। लड़के पक्ष वाले भी सामाजिकता की बातें करते जरूर कहते हैं कि हमें तो लड़की पसंद आनी चाहिए बाकी उनके घर के चीज दौलत से क्या सरोकार। लेकिन प्रश्न यहां भी है कि यही बात है तो क्यों उनके घर के जमीन जायदाद की तहकीकात करते नजर आते हैं। जरूर कहीं न कहीं आप भी और भी कुछ चाहते हैं। खैर! देर सही एक दिन तमन्नाओं से कम जरूर पर जीवनसाथी गठबंधन में जरूर बंध जाते हैं।

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