आलेख

‘कुत्ता’ श्री अनिल कुमार मौर्य ‘अनल’शिक्षक साहित्यकार कांकेर छ.ग.

साहित्यकार परिचय-अनिल कुमार मौर्य ‘अनल’
जन्म- 22  मई 1980 जन्म स्थान,संजय नगर,कांकेर छत्तीसगढ
माता/पिता – फूलचंद माैर्य श्रीमती राेवती मौर्य,  पत्नी-श्रीमती दीप्ति मौर्य, पुत्र-संस्कार,पुत्री-जिज्ञासा मौर्य
शिक्षा- एमए(हिंदी) इतिहास एवं सन! 2019 में विश्व विद्यालय जगदलपुर द्वारा मास्टर आफ आर्ट की संस्कृत विष्ज्ञय में उपाधि, डी.एड.
सम्मान- साहित्य रत्न समता अवार्ड 2017, साहित्य श्री समता अवार्ड 2018 मौलाना आजाद शिक्षा रत्न अवार्ड 2018, प्राइड आफ छत्तीसगढ अवार्ड 2018, प्राइड आफ छत्तीसगढ अवार्ड, सहभागिता सम्मान।
प्रकाशन-कोलाहल काव्य संग्रह।
सम्प्रति- कांकेर जिले में शिक्षक के रूप में कार्यरत

 

व्यंग्य

‘कुत्ता’

कुत्ता क्या करता है लोगों की बेसकीमती गाड़ियों में घूमता है। आज ही जब मै अपने घर के सामने चबूतरा पर बैंठा-बैंठा कुछ सोच रहा था तभी मेरे सामने से एक सफेद कार आकर रूकी और रायपुर जाने का रास्ता पूछा मैंने दाहिने हाथ से इशारा करते हुए बता दिया और वे दोनों चले गयें लेकिन मेरा मन अशांत सा विकल व दुःखी हो-हो कर यह सोचने को मजबूर हो गया कि आखिर क्यू? जो महिला ड्राइवर की बाजूवाली सीट पर बैठी हुई थी उसकी गोद में एक आदमी के बच्चे के स्थान पर एक कुत्ते का बच्चा था।

शायद उनकी यह मंशा होगी कि आदमी का बच्चा कुत्ते के बच्चे से कम वफादार निकले लेकिन मैं यह मानकर चलता हॅू कि आदमी है और जानवर, जानवर तभी तो लोग अपने घरो के समाने यह लिखकर टांग देते है ‘‘कुत्ते से सावधान’’ इंसानियत इंसान में ही होता है साहब! जनवरों में नही यहां मेरे कहने का मतलब यह है कि कुत्ता-कुत्ता होता है वह कभी आपकों या आपके चिरपरिचित को अवश्य ही काटेगा।

ध्यातव्य, बात विगत दिनों अन्तागढ़ तहसील में जो कांकेर जिले के अंतर्गत आता है लगभग 16 लोगों को एक पागल कुत्तें ने काट दिया था जिनमें से एक को रायपुर रिफर किया गया यदि आप कुत्तें के बच्चे की स्थान पर किसी गरीब का भला करोंगें तो आपके साथ अच्छा ही होगा और भगवान भी आपका साथ देगा क्योंकि एक बच्चा अच्छा इंसान बन सकता है इसके विपरित कुत्तें का बच्चा कुत्ता ही रहेगां उसे कितने भी मटन खिलाओं बेसकीमती गाड़ियों या फिर महगें शैम्पूं से लगड़ -लगड़कर नहलाओं उसकी गर्दन पर अच्छे से अच्छा पट्टें पहनाओं उसकी जात कभी नही बदलेगी कुत्ता-कुत्ता ही रहेगा।

बुरा लगे तो क्षमा कीजिएगा यहां पर मैंने अपने विचारों की अभिव्यक्ति किया है और केवल अपना विचार रखा है।

दिनाँक 29/03/2022
अनिल कुमार मौर्य ‘‘अनल’’
शिक्षक एवं साहित्यकार
कांकेर छत्तीसगढ़

 

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