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लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर सम्पन्न हुई काव्य गोष्ठी

देहरादून(सशक्त हस्ताक्षर)। राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई महानगर देहरादून के तत्वावधान में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर जून माह की मासिक काव्य गोष्ठी गत 18  जून को 2, सीमेंट रोड, करनपुर, देहरादून में संम्पन्न हुई।

गोष्ठी में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर उन्हें सभी ने शत-शत नमन किया और उनके संघर्षपूर्ण जीवन की गाथा गाकर श्रद्धांजलि दी। गोष्ठी में नोयडा से आए प्रेम शर्मा प्रेम ने रास रचाया श्याम ने निर्मल बहत समीर, मन वृन्दावन हो गया तन यमुना का तीर.. सुंदर ग़ज़ल, गीत, मुक्तक गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।

डॉ. इंदु अग्रवाल जी ने बुझ रही है ये अगन पर सुगबुगाहट बाक़ी है, तार वीणा के थके पर झनझनाहट बाक़ी है। बहुत तन्मयता के साथ ग़ज़ल की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। श्रीकांत श्री  ने बलिदानों की परंपरा का पन्ना खोल रहा हूं मैं, सुनो गौर से दुनिया वालों भारत बोल रहा हूं मैं ओज की दमदार कविता सुनाकर गोष्ठी में ऊर्जा का संचार किया।

महिमाश्री ने मैं बेटी हूं तेरी बाबुल ना अपने से जुदा करना, तू ही तो हीरो है मेरा करे पूरा जो हर सपनाष् पिता एवं श्री राम जी पर सुंदर गीत गाकर खूब तालियां बटोरी। मणि अग्रवाल मणिका  ने शाेज ख़्वाबों में बात होती है, अलहदा कब है फासला क्या है?  सुनाकर गोष्ठी में चार चांद लगा दिए। संरक्षक  शोभा पाराशर ने मैं धीर-वीर हूँ शान्त खड़ा, क्यों छेड़ रहा मानव मुझको? सुनाकर मन प्रफुल्लित कर दिया। कोषाध्यक्ष श्रीमती निशा अतुल्य ने नाम लिखकर मिटाती रही रात भर क्रोध कागज पे खाती रही रात भर  सुंदर ग़ज़ल कहकर मन मोह लिया।

प्रो. ऊषा झा रेणु ने गम मिले चाहे सजन पर मुस्कुराना है हमें उत्कृष्ट रचना पाठ करके मन मोह लिया। कविता बिष्ट जी ने देश का आलोक प्रबल बन कर वीरांगना बन जाऊँगी सुंदर मुक्तक एवं ग़ज़ल कहकर माहौल को ख़ुशनुमा बना दिया। नीरू गुप्ता मोहिनी ने क्यों लजाई जाती है बेटियाँ? , मेरे पिता मेरा आधार  सुनाकर खूब तालियां बटोरी।
अर्चना झा सरित ने ज्येष्ठ ताप से जलता तन मन, मानसून इतराता है। बादल इधर उधर से आते, पवन उड़ा ले जाता है।

सुंदर रचना सुनाकर मन मोह लिया। झरना माथुर जी ने ष्आज आसमां ने बदली का घूँघट डाला है काश फिर से वो ज़माना होताष् सुनाकर मन्त्र-मुग्ध कर दिया। सभी ने गोष्ठी में चार चांद लगा दिए। शानदार काव्य गोष्ठी एक यादगार शाम बन गई। देहरादून के जाने-माने कवियों ने काव्य पाठ करके गोष्ठी में चार चांद लगा दिए। तत्पश्चात राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई महानगर देहरादून की अध्यक्ष डॉ. इंदु अग्रवाल ने उद्बोधन किया एवं आशिर वचन देकर सभी का मनोबल बढ़ाया। सफल आयोजन हेतु काव्य गोष्ठी को पूर्णता प्राप्त हुई।

 

गोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई महानगर की अध्यक्ष डॉ. इंदु अग्रवाल द्वारा किया गयां। मुख्य अतिथि नोएडा से पधारे प्रेम शर्मा , विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कवि संगम के क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकांत, अतिथि प्रदेश महामंत्री श्रीमती महिमा श्री एवं गढ़वाल महामंत्री श्रीमती मणि अग्रवाल मणिका रहीं। संचालन राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई की महामंत्री कविता बिष्ट ने किया।  

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