आलेख

”वक्तव्य” श्रीमती देवश्री गोयल शिक्षिका साहित्यकार,जगदलपूर छत्तीसगढ़

साहित्यकार परिचय-श्रीमती देवश्री गोयल
जन्म- 23/10/67
माता-पिता – स्वर्गीय अमल कुमार श्रीमती प्रतिमा देवी
शिक्षा – स्नातकोत्तर हिंदी साहित्य,लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, अंग्रेजी साहित्य
प्रकाशन – “दिल की बोली करब ऐ अहसास में” अभी हाल ही में 4 लघुकथा का प्रकाशन..
USA से छपने वाली हम हिंदुस्तानी में लघुकथा का प्रकाशन, hindi भाषा .कॉम में कहानी कविता का प्रकाशन
सम्मान- अनुसूचित जनजाति विकास परिषद सर्वपल्ली राधा कृष्णन शिक्षक सम्मान,…अभी खाते में बड़ी उपलब्धि शामिल नही है…2017 से लिखना शुरू किया।
सम्प्रति – प्रधान अध्यापक जगदलपुर
संपर्क- .सनसिटी लाल बाग के पास मकान नम्बर 162 जगदलपुर छतीसगढ़ 494001
Email…goyalsd2@gmail.com  माे. 8085721011

 

”वक्तव्य”

कहानी या लघुकथा मेरी विधा है…! कविताएं भी यदा- कदा मेरी कलम से निकल पड़ती है।
’ छंद मुक्त कविताएं ही बहुधा मैंने लिखी है।

 

मेरे हाइकु का विषय प्रकृति के मानवीकरण प्रेम पर आधारित होते हैं… । धरती, आकाश,सूर्य चन्द्र,और रात्रि मुख्य बिम्ब होते हैं…!

 

यह मेरी प्रिय विधा है। मैं अपने मनोभावों को अधिक संजीदगी से कह पाती हूं…!
लघुकथाएं बहुधा हमारे आस पास में घटने वाली घटनाओं पर आधारित या प्रेरित होती है…! मन की बात सब के मन तक जल्द ही पहुंचे ..इसलिए सरल शब्दों का चयन करती हूं…ताकि पाठक इन्हें अपनी कथा समझें।
कविताओं का चयन भी प्रकृति, समसामयिक समस्या, स्त्री विमर्श व्यथा, आदि पर आधारित होती है।

 

कलिष्टता विषय को बोझिल करती  हूं। अतःविषय का चयन सावधानी से करती हूं।
मेरी लघुकथा संग्रह का प्रकाशन,हायकु संग्रह का प्रकाशन,कविताओं का प्रकाशन पुस्तक के रूप में हो चुका है। कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरी  ’कहानी या लघुकथा मेरी विधा है। कविताएं भी यदा- कदा मेरी कलम से निकल पड़ती है।

 

छंद मुक्त कविताएं ही बहुधा मैंने लिखी है। लिखना मेरा प्रिय कार्य है, इसमें मैं अपने मनोभावों को अधिक संजीदगी से कह पाती हूं…!

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