साहित्यकार परिचय
डॉ मधु तिवारी
माता ⁄ पिता – श्रीमती राजमणि पाण्डेय‚ स्व.एस.एस पाण्डेय
जीवनसाथी- श्री ब्रजेश तिवारी संतति- पुत्री-प्रियल तिवारी विधि तिवारी
जन्म- 30 मार्च 1973
प्रकाशन- – एकल काव्य संग्रह मुखरर्मौन , समर्थ साहित्यकार एवं कलाकार सुरेंद्र रावल
– कई साझा संग्रह
सम्मान-
– डॉ मुकुटधर पांडे सम्मान
–राज्यपाल शिक्षक सम्मान
– मुख्यमंत्री शिक्षक गौरव अलंकरण
–महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान
– बस्तर लोक साहित्य एवं कला सम्मान आदि
सम्प्रति– शिक्षिका‚ कोण्डागांव
सम्पर्क- सरगीपाल पारा कोंडागांव मो. 9713125160
”आह्वान”
पल पल प्रकृति बदल रही भेेष‚
सबको देती यही सन्देश।
आज अगर ना जागा मानव‚
रह जायेगी स्मृति ही शेष।।
बदलते धरती के प्रतिमान‚
सबको कर रहे सावधान।
अन्नदाता हुआ हैरान‚
जैव विविधता से ही बचेगा ।।
धरती का यह रूप विधान
डोल रही है धरती देखो‚
सुखी नदियाँ दरिया देखो।
पेड़ों की चित्कार सुनो तुम‚
करो ना इन पर घातक वार।।
जलप्रपात भी सूख रहे हैं‚
इनकी भी तो सुनो पुकार।
पीट रही छाती धरती माँ‚
छलनी सीना दर्द अपार ।।
कोख हरी कर दो तुम मेरी
करो ना मेरा तुम व्यापार‚
आज हमारा हो संकल्प।
पन्नी का हो कोई विकल्प‚
मरुभूमि श्यामला बनाने।।
नूतन हमारा हो प्रकल्प‚
जन्म लिया जिस धरती पर।
आओ उसका कर्ज चुकाएं‚
धरती माँ का करने श्रृंगार।।
हम सब मिलकर पौधे लगायें।