”छोटी जगहों के कलमकार की समंदर सी अभिव्यक्ति”श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)

श्री मनोज जायसवाल
पिता-श्री अभय राम जायसवाल
माता-स्व.श्रीमती वीणा जायसवाल
जीवन संगिनी– श्रीमती धनेश्वरी जायसवाल
सन्तति- पुत्र 1. डीकेश जायसवाल 2. फलक जायसवाल
(साहित्य कला संगीत जगत को समर्पित)

”छोटी जगहों के कलमकार की समंदर सी अभिव्यक्ति”
-रचनाओं के सृजन के लिए जगह मायने नहीं रखता।
अतीत गवाह है, हमारे बडे बडे साहित्यकार उन छोटे गांव से ताल्लुकात रखते थे। अभावग्रस्तता जीवनशैली के साथ अपनी कलम के बदौलत नाम किया। देश की यह धरा कला एवं लेखन प्रतिभाओं में भी हमेशा उर्वरा रही है। प्रतिभाओं के लिए स्थान कोई महत्व नहीं रखती।न ही उनका कार्य में व्यस्तता कोई रोडे नहीं आता। तरस तब आता है जब कोई किसी नगर मुख्यालय में रह कर किसी गांव के होनहार कलमकार को कोई अपने आप में कम आंकता है।
अब उन्हें कौन बताए कि तुम्हारी जब लेखन की शुरूआत भी नही हुई तब ये कलमकार कई रचनाएं लिख चुके थे। सृजन की कडी में मौलिकता का प्रगाढ संबंध गांव के उस प्रतिभा के पास होता है।नगर में किसी विषय पर बने बनाये विषय खबरें तो युं मिल जाया करते हैं। अपनी उडान क्षमता का तो परिचय तब मिलता है, जब स्वयं किसी खोजी न्यूज में पूरी तरह समा कर उसे उसे जीवंत प्रस्तुत करें। उनके लिए यह सबसे बडे आश्चर्य की बात होगी जब सुदूर अंचलों में कई ऐसे अभावग्रस्तता के चलते प्रतिभाएं हैं जिनकी रचनाएं तो उत्कृष्ट हैं लेकिन उनका प्रकाशन पत्र पत्रिकाओं के साथ किसी अखबार में भी नहीं हुआ।
इससे भी बडा आश्चर्य तो तब होगा जब आपको यह जानकारी मिलेगी कि उन्हें कभी अपना नाम करने के चक्कर में आगे आने का खास शौक नहीं हुआ। सच कहें तो यह कुछ कमजोरी भी है। कमजोरी यह कि आपको जब यह जानकारी मिलेगा कि चाहे किसी भी प्रदेश के सांस्कृतिक गीत या रचना हो यह उस दूनियां के मीडिया से अछूते उस शख्स की रचना है जिन्हें चोरी कर उन्हें बाहर ऐसे नाम कर लिया गया कि अब उनका नाम बताना चाहेंगे तो कोई यकीं नहीं करेगा।
सच कहें तो लेखन,गायन, सांस्कृतिक कला किसी बडे नगर में होने का मोहताज नहीं है। बडे नगरों में रह कर किसी छोटी जगहों में सृजन कर रहे रचनाकार को कभी छोटा समझने की गलती न करें। उनकी अभिव्यक्ति इतनी बडी है कि जहां से आपकी सोच खत्म हो जाती है उनकी शुरू होती है। अपने को बडे पत्रकार‚कलमकार मानने पूर्व सिर्फ अपनी कलम पैनी करें बताने की जरूरत नहीं पडेगी कि आप बडे है। जिसमें प्रतिभा होती है‚स्वयं बखान नहीं करता।