“छत्तीसगढ़ कलमकार मंच की काव्य-गोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन सम्पन्न”
(मनोज जायसवाल)
बिलासपुर(सशक्त हस्ताक्षर)। 25 दिसम्बर 2024 को कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क बिलासपुर में राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान एवं राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार प्राप्त समिति- छत्तीसगढ़ कलमकार मंच मस्तूरी के तत्वावधान में पुस्तक विमोचन एवं काव्य-गोष्ठी का सुव्यवस्थित एवं सफल आयोजन सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम कलमकारों की टीम द्वारा कानन पेंडारी जंगल सफारी का भ्रमण किया गया।
प्राकृतिक सुषमा से परिपूर्ण कानन में सेड के नीचे जहॉं पर्याप्त संख्या में कुर्सियाँ लगी हुई थीं, वहाँ पर काव्य-गोष्ठी, पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम के उद्घोषक की कमान सम्हालते हुए नवागढ़-बेमेतरा से पधारे विख्यात गायक- कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा सर्वप्रथम बिलासपुर, रायपुर, बेमेतरा, मुंगेली, जांजगीर एवं बलौदाबाजार जिलों से पधारे हुए कलमकारों का पुष्प माला तथा पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मान कराया गया। तत्पश्चात सभी कलमकारों एवं दर्शकगणों को अपने-अपने स्थान पर खड़े होने का आग्रह कर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन कवयित्री मंजूलता मेरसा द्वारा कराया गया।
कार्यक्रम को गति देते हुए छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, साहित्य वाचस्पति ने उपस्थित कलमकारों का अभिनन्दन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर सारगर्भित प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में आज दो पुस्तकों – “अक्षरांजलि” राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह तथा मेरी 58वीं कृति- “बित्ता-बित्ता पानी” बाल कविता-गीत संग्रह का विमोचन सम्पन्न होगा। कुल 208 पृष्ठ की “अक्षरांजलि” में देश के 51 साहित्यकारों के जीवन परिचय एवं उनकी श्रेष्ठ रचनाओं का संकलन है। इसीतरह कुल 140 पृष्ठ की पुस्तक -“बित्ता-बित्ता पानी” में ज्ञानवर्धक, प्रेरक एवं मनोरंजक बाल कविता एवं गीतों का समावेश है।
इसके अलावा आज 54 साहित्यकारों को “कलमकार अक्षर सम्मान 2025” का सम्मानपत्र एवं मेडल प्रदान किये जाएंगे। इसे मिलाकर मंच के बैनर तले विमोचित पुस्तकों की संख्या 52 तथा सम्मानित होने वाले कलमकारों की संख्या 1011 हो जाएगी। यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है।
अध्यक्ष के उद्बोधन पश्चात साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति में करतल ध्वनि के बीच उपरोक्त दोनों पुस्तकों का विमोचन सम्पन्न हुआ। पश्चात कवियों द्वारा अपनी मनभावन रचनाओं की प्रस्तुति दी गई।
मंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कानन पेंडारी के भ्रमण में आए लोग राह से गुजरते समय काव्य पाठ के दौरान वहाँ रुककर आनन्द लेते रहे। बारी-बारी से काव्य पाठ पूर्ण होने पर साहित्यकारों को मेडल पहनाकर सम्मानपत्र एवं पुस्तकें प्रदान की गईं। इसके अलावा प्रबन्धकारिणी समिति की बैठक भी सम्पन्न हुई। सर्व सम्मति से मंच के तृतीय वार्षिक अधिवेशन फरवरी 2025 में मुंगेली में आयोजित कर वार्षिक अधिवेशन में ख्यातनाम साहित्यिक हस्तियों को सम्मान एवं अलंकरण प्रदान करने का निर्णय भी लिया गया। वार्षिक अधिवेशन के लिए मंच के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के अलावा जन सहयोग प्राप्त करने का भी निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संरक्षक डॉ. गोवर्धन मार्शल ने समस्त साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच अपने उद्देश्यों में पूर्णतः सफल रहा है। यह मंच जन-जागरण पैदा करने और साहित्यकारों को सशक्त बनाने की दिशा में निरन्तर अग्रसर है। कलमकारों की रुचि, प्रेम और सद्भाव भी अत्यन्त प्रशंसनीय है।
ये थे‚उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष जुगेश बंजारे धीरज, मणिशंकर दिवाकर ‘गदगद’, बुंदराम जांगड़े, कार्तिक पुराण घृतलहरे, सुरजीत क्रान्ति, चतुर सिंह चंचल, मंजूलता मेरसा, श्रीमती लक्ष्मी डहरिया, श्रीमती सुनीता जांगड़े, रमेश भास्कर रसिय्यार, पण्डित कुँवर दास डहरिया इत्यादि साहित्यकारों द्वारा कविता पाठ किया गया। कार्यक्रम का सफल एवं प्रभावी संचालन गायक-कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा किया गया। नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँ देते हुए आभार प्रदर्शन पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।