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84वे अरौद ऐतिहासिक दशहरा सम्पन्न श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)

(मनोज जायसवाल)
– चंद्रयान प्रक्षेपण माडल की देश प्रेम को जाहिर करती तस्वीर ने देश भक्ति का जज्बा जगाया
कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)।बेहद भावुक कर देने वाली संगीत के साथ जोश भरे हुए रामायण के दृश्यों को जीवंत करते सशक्त किरदार निभाने वाले कलाकार अरौद दशहरा मंच पर आगमन हुआ तो चहूंओर खुशियों के साथ सम्पूर्ण कार्यक्रम को बेहद शांति पूर्ण रूप से देखने उमड़ी लाखों की भीड नजर टिकाए रही। मौका था,अरौद दशहरा संस्कृति महाकुंभ 2023 के 84 वां वर्ष का जो 25 अक्टूबर की रात्रि सम्पन्न हुआ।

अतिथियों का स्नेह कि छत्तीसगढ़ के राजधानी मुख्यालय रायपुर से सिर्फ और सिर्फ इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहूंचे समाजसेवी गौतम लुंकड जिन्होंने भरी मंच पर कांकेर जिले के इस संस्कृति संस्कार से भरे गांव को कांकेर जिले के मुकुट की संज्ञा दी। इसके साथ ही सदैव की तरह अपनी ओर से आवश्यक सहयोग प्रदान किया।

चुनावी साल एवं दशहरा मंच पर अतिथियों के स्वागत की परंपरा में भी बदलाव करते मंच के नीचे स्वागत कर संक्षिप्त उद्बोधन भी संचालन टेबल पर अवसर दिया गया। इस बदलाव का बडा फायदा हुआ कि कलाकारों के प्रदर्शन का दर्शकों ने लगातार लुत्फ उठाया और शांति व्यवस्था के लिए बिना कोई मशक्कत के बेहद शांति से नजरों की नजरें टिकी रही। लगातार कई दर्शक मोबाईल कैमरे टिकाए रहे तो यु-ट्युब चैनल से जुडे लोग रील बनाते रहे। तो सोशल पटल पर भी बने रहे।

कार्यक्रम की बेला में राम,लक्ष्मण रावण संवाद राक्षस कुल के राक्षस सहित संपूर्ण कलाकार जो मंच पर थे,ने अपना किरदार निभाया। कला संगीत एवं अभिनय का बेहतर तालमेल रहा कि दर्शक अपने स्थानों से टस से मस नहीं हुए। तकरीबन पांच घंटे चले इस आयोजन में चंद्रयान प्रक्षेपण माडल की देश प्रेम को जाहिर करती तस्वीर ने देश भक्ति का जज्बा जगाया तो असत्य पर सत्य की विजय का महापर्व विजयादशमी पर पुरे इलेक्ट्रानिक पद्वति से रावण का दहन किया गया।

आयोजन में पूर्व वर्षों की तरह पहले पहल सांसद की मौजूदगी रही तो वहीं विधायक सहित क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों ने देर रात्रि तक आयोजन का आनंद उठाया।

चिंता साहू का तकनीकी कमाल

जितनी चकाचौंध आयोजन में दिखी इस प्रदर्शन के लिए पर्दे के पीछे के कलाकार काफी अहमियत रखते हैं,जिनकी परिकल्पना और मेहनत के रंगों का परिणाम दर्शकों को देखने मिलता है। विगत कुछ वर्षों से कांकेर जिले ही नहीं प्रदेशवासियों का ध्यान अरौद में होने वाले इलेक्ट्रानिक पद्वति से किए जाने वाले रावण दहन पर ध्यान आकृष्ट किया है। दशहरा उत्सव समिति के चिंताराम साहू के द्वारा उक्त तकनीकी कार्य को अंजाम दिया जाता है।

बताते चलें कि इलेक्ट्रानिक तरीके से रावण दहन में अंतिम समय में रावण का प्रत्येक सिर आतिशबाजी और ब्लास्ट के साथ सिर नीचे धरती पर गिरता है। अंत में सम्पूर्ण पुतले का दहन भी बिना किसी माचिस चलाए इलेक्ट्रानिक पद्वति से संपन्न कराए जाते हैं। बड़े हाथी,रथ,राक्षसी आयटम्स गांव के ही युवा पटवारी पद पर पदस्थ श्रवण मरकाम की परिकल्पना का प्रतिफल है।ग्राम के कई कलाकार ऐसे हैं,जो विगत 40 वर्षों से इस समिति में पूर्ण समर्पण से काम कर रहे हैं। गांव के कला जगत से जुडे रजनु राम निषाद वो कलाकार हैं‚जिनके मार्गदर्शन में तमाम अभिनय को डायरेक्शन मिलता है।

 

रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम पीरित परेवना की सफल प्रस्तुति संपन्न हुई जिसका भी दर्शकों ने लाभ उठाया।

 

 

 

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