कविता काव्य देश

“बन जाऊॅं एक अच्छा इंसान” श्रीमती कामिनी पुरेना साहित्यकार भिलाई‚जिला–दुर्ग (छ.ग.)

साहित्यकार परिचय
श्रीमती कामिनी पुरेना
माता पिता – श्रीमान शेर सिंह बंजारे – स्व. श्रीमती चंद्रवली बंजारे
संतति – पुत्र खिलेश कुमार पुरेना‚ पुत्री-मोसमी पुरेना
जन्मतिथि –24 /6/77 फुलवारी कला जिला-बिलासपुर
शिक्षा –बी.ए.डी.एड.

प्रकाशन –
1.सतनाम पत्रिका रायपुर “शिकायत” 2023
2.गोल्डन बुक ऑफ़ छत्तीसगढ़ स्मारिका “शक्ति का सत्कार”
3.अशोक जांगड़े द्वारा संपादित पत्रिका  “उठ खड़े हो जाओ”

साझा काव्य संग्रह-
1.सतनाम हमार पहिचान (काव्य) 2022
2. माटी के मोर मितान (काव्य) 2022
3. मेरी कलम से (काव्य) 2022 ,
4.सरगम के मेले (काव्य) 2023
5.मोर छत्तीसगढ़ महतारी (काव्य) 2023
6.यादो की शमा (काव्य) 2023
7.मन की आवाज (काव्य) 2023
पुरस्कार⁄ सम्मान –
1.प्रदेश स्तरीय पांचवा सतनामी कवि सम्मेलन भिलाई 2018
2.प्रदेश स्तरीय छठवां सतनामी कवि सम्मेलन ग्राम- डोड़की 2018
3.प्रदेश स्तरीय सतनामी कवि सम्मेलन ग्राम -लालपुर 2022
4.छत्तीसगढ़ कलमकार सम्मान 2022 मस्तूरी डॉक्टर किशन टंडन क्रांति द्वारा संपादित
5. सतनाम साहित्य सृजन सम्मान 2022 मस्तूरी डॉक्टर किशन टंडन क्रांति द्वारा संपादित
6.कलमकार साहित्य शिरोमणि सम्मान 2022 मस्तूरी डॉक्टर किशन टंडन क्रांति द्वारा संपादित
7. आदर्श कलमकार सम्मान ग्राम- नवलपुर 2022
8.उपासना गोल्डन बुक ऑफ छत्तीसगढ़ सम्मान 2023 भिलाई नगर छत्तीसगढ़ 9.मिनीमाता प्रतिभा प्रोत्साहन सम्मान 2023 सतनाम भवन भिलाई नगर छत्तीसगढ़

सम्पर्क- उमरपोटी चंद्र नगर भिलाई दुर्ग मोबाइल नंबर- 989375 1133

 

“बन जाऊॅं एक अच्छा इंसान”

किसी अंधे की आंख बन जाऊॅं,
बहरे का बन जाऊॅं कान ,
किसी अपाहिज का पैर बन जाऊॅं,
गूॅंगे की बन जाऊॅं ज़ुबान,
मेरी यही कामना है गुरुजी
बन जाऊॅं मैं एक अच्छा इंसान ।

किसी बूढ़े की लाठी बन जाऊॅं,
किसी गरीब की बन जाऊॅं मधुर मुस्कान,
किसी बेसहारा का सहारा बन जाऊॅं ,
पूरे कर जाऊॅं उसके सारे अरमान,
मेरी यही कामना है
गुरुजी बन जाऊॅं मैं एक अच्छा इंसान।

किसी अनाथ का नाथ बन जाऊॅं,
और बन जाऊॅं उसकी पहचान,
किसी भूखे ,बीमार का सहायक बन जाऊॅं
और दे जाऊॅं उसे जीवन दान,
मेरी यही कामना है गुरुजी
बन जाऊॅं एक अच्छा इंसान।

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