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बोड़सरा धाम में पुस्तकों का विमोचन एवं कवि-सम्मेलन सम्पन्न

(मनोज जायसवाल)

-साहित्य वाचस्पति डॉ. किशन टण्डन क्रांति की तीन कृतियों का विमोचन किया गया।

बिलासपुर(सशक्त हस्ताक्षर)।  बिलासपुर के जनपद पंचायत बिल्हा अन्तर्गत सन्त शिरोमणि राजा गुरु बालकदास की कर्मभूमि बोड़सरा धाम में 16 जुलाई 2023 को भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की उपस्थिति में कुटेला धाम के पूर्व सरपंच मालिकराम घृतलहरे की अध्यक्षता एवं ग्राम के वरिष्ठ नागरिक लखन लाल शांडिल्य के विशिष्ट आतिथ्य में बोड़सरा बाड़ा के मुख्य द्वार के समीप निर्मित विशाल भवन में असीम हर्षोल्लास के बीच यह ऐतिहासिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

इस गरिमामय कार्यक्रम में गुरु वन्दना के साथ जैतखाम एवं गुरु बालक दास के तैल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन, माल्यार्पण एवं श्रीफल तोड़कर पूजा-अर्चना की गई। पश्चात उपस्थित कलमकारों का स्वागत पुष्पाहार एवं गुलदस्ता भेंट कर किया गया। ततपश्चात सभी लोग अपने-अपने स्थान में खड़े होकर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का स-सम्मान वाचन किए। कार्यक्रम के संचालक गायक-कवि जुगेश बंजारे ‘धीरज’ के साथ-साथ उपस्थितों ने प्रस्तावना का वाचन किए।

कलमकार मंच की तृतीय आमसभा

पश्चात छत्तीसगढ़ कलमकार मंच की तृतीय आमसभा की बैठक डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि सतनाम धामों की यात्रा, गुरुजी से आशीष प्राप्ति और यहाँ की पावन माटी हमें शक्ति प्रदान करती है। यह एक अनूठा आयोजन है, क्योंकि मेजबान और मेहमान दोनों हम ही होते हैं। सभी जगह के ग्रामवासी, पुजारी इत्यादि सभी लोग कहते हैं कि ऐसा आयोजन पहली बार हुआ है। उन सब कलमकारों का नाम प्रकाशित कराया जाएगा। ततपश्चात वार्षिक अधिवेशन के गरिमामयी आयोजन तथा मैजिक बुक ऑफ रिकार्ड से राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान प्राप्त होने पर करतल ध्वनि के साथ हर्ष व्यक्त किया गया। कलमकार मंच की आय बढ़ाने, जिलों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर मंच की जिला इकाई का गठन , मंच की सदस्यता बढ़ाने, साझा संकलनों का नियमित प्रकाशन एवं सम्मान पत्र प्रदाय करने तथा महत्वपूर्ण आयोजनों में सबके द्वारा आर्थिक सहयोग प्रदान करने इत्यादि पर बल दिया गया।

कार्यक्रम प्रशंसनीय-सरपंच,कुटेला

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुटेला सरपंच मालिकराम घृतलहरे ने कहा कि ऐसा कार्यक्रम प्रशंसनीय है। ऐसा नियमित होते रहना चाहिए। विशिष्ट अतिथि लखन लाल शांडिल्य ने कहा- कवि सम्मेलन और पुस्तक विमोचन के लिए हमारे ग्राम बोड़सरा का चयन करना हम सभी ग्रामवासियों के लिए गर्व का विषय है। इस हेतु हम छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के आभारी हैं। आगंतुकों को सत्गुरू का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा। यही हमारी शुभकामना है।

तीन पुस्तकों का विमोचन हुआ

सामान्य सभा की बैठक पश्चात साहित्य वाचस्पति- डाॅ. किशन टण्डन क्रान्ति की 3 पुस्तकों का विमोचन करतल ध्वनि के बीच वरिष्ठ साहित्यकारों, राजमहन्तों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इन पुस्तकों में “अहसास” राष्ट्रीय साझा काव्य-संग्रह, “वक्त की रेत” काव्य-संग्रह एवं “सच का टुकड़ा” काव्य-संग्रह शामिल हैं। इसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सामूहिक रूप से मैजिक बुक से प्राप्त “राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान” को अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति को बैज एवं मैडल पहनाकर ट्रॉफी एवं सम्मान पत्र सौंपे गए।

“कलमकार साहित्य-श्री सम्मान-2023”

बताया गया कि राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह “अहसास” में छत्तीसगढ़ के अलावा ओड़िसा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के साहित्यकार शामिल थे। संकलन में शामिल 46 साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ कलमकार मंच द्वारा “कलमकार साहित्य-श्री सम्मान-2023″ प्रदान किए गए।

इस दौरान कवि सम्मेलन भी आयोजित हुआ। इसमें रायपुर, बिलासपुर, बेमेतरा, बलौदाबाजार, मुंगेली इत्यादि जिलों के दर्जन भर जाने माने कवियों एवं साहित्यकारों ने शिरकत की और अपनी मनभावन कविताओं से समा बांधा। इनमें कवि अनिल जांगड़े, जुगेश बंजारे धीरज, मणिशंकर दिवाकर गदगद, श्रीमती गंगाशरण पासी, नवीन कुमार कुर्रे, देव मानिकपुरी, सुरजीत क्रान्ति, इत्यादि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सर्वत्र सराहना मिली। ग्रामवासी बच्चे, बूढ़े, जवान एवं नारी शक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहकर कार्यक्रम का भरपूर आनन्द लिए।

उपस्थित समस्त साहित्यकारों एवं नागरिकों को डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति द्वारा रचित पुस्तकों का निःशुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम का शानदार संचालन गायक-कवि जुगेश कुमार बंजारे धीरज ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेन्द्र भारद्वाज, टेकराम निराला, कमलकांत डहरिया, किशन कोशले, बाल कुमार टण्डन, मीना सोनवानी, कौशिल्या बंजारे, लखन शांडिल्य एवं ग्रामवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा

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