”बालीवुड से छालीवुड का गहरा नाता”श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)

श्री मनोज जायसवाल
पिता-श्री अभय राम जायसवाल
माता-स्व.श्रीमती वीणा जायसवाल
जीवन संगिनी– श्रीमती धनेश्वरी जायसवाल
सन्तति- पुत्र 1. डीकेश जायसवाल 2. फलक जायसवाल
(साहित्य कला संगीत जगत को समर्पित)
”बालीवुड से छालीवुड का गहरा नाता”
छत्तीसगढ की कला संस्कृति अतीत से ही लोगों को प्रिय रही है। यहां की कला संस्कृति का हालांकि संवर्धन देर से ही सही पर होता रहा है। पर आज जब मीडिया के इलेक्ट्रानिक चैनलों का दौर है यहां की नाट्य कला नृत्य से लेकर फिल्मों का दौर चला और प्रतिभाएं भी खुलकर सामने आ रही है।
यही नहीं छत्तीसगढ कला जगत में अब उन प्रतिभाओं को सामने लाने आडीशन के माध्यम भी प्रतिभाओं ने अपनी कला प्रतिभा की प्रस्तुति सामने रखा है। छत्तीसगढ कला जगत में यहां की कला संस्कृति इतना प्रिय कि हिंदी सिनेमा जगत के कई कलाकार यहां शिरकत किए हैं।
इंदिरा संगीत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में जब जानीमानी गायिका स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का आगमन हुआ था, तब उनका यहां जोशीला स्वागत हुआ। देवानंद से लेकर कई कलाकारों ने बस्तर भ्रमण के नाम पर यहां की धरा से अवगत हुआ है।
नब्बे के उस दशक के लोकसभा चुनावों में जब क्षेत्र से अरविंद नेताम कांग्रेस के प्रत्याशी हुआ करते थे तब चुनावी प्रचार में जानीमानी अभिनेत्री का कांकेर नगर आगमन हुआ था। यहां की कला संस्कृति का ही आकर्षण था कि पिछली दफा जहां छत्तीसगढ में पूर्व में लोकप्रिय गीत को बालीवुड के एक गाने में जानेमाने हीरो को ठुमकते हुए फिल्माया गया जो काफी प्रसिद्व रहा वहीं एक गाने को जो भी काफी प्रसिद्व हुआ जिसे बालीवुड फिल्म में लिया गया।
जिस पर दिल्ली में उस गाने की खातिर आंदोलन भी करना पडा क्योंकि मुख्य वजह यहां के मूल कलाकार गायिकाओं की उपेक्षा हो रही थी। पूछा भी नहीं गया यह खबर था। अमीर खान की पीपली लाईव में यहां की धरा से जुडे कलाकार नत्था की भुमिका में दर्शकों के दिलों में छा गया था।
राजधानी क्षेत्र से जुडे कलाकार तो किसी तरह हद तक पहूंच बना पाते है। जबकि सुदूर अंचलों से जुडे कई मूल कलाकार दम तोडते भी नजर आ रहे होते हैं। नाम स्थापित करने में यहां भी कम संघर्ष नहीं है। यहां हम विस्तारित रूप से छत्तीसगढ कला जगत का वर्णन नहीं कर सकते यहां कला जगत का जितना वर्णन करें उतना ही कम है।
हम बात कर रहे थे बालीवुड कलाकारों का छत्तीसगढ प्रेम तो यह आज भी है तभी तो छत्तीसगढ आकर काफी खुशी जाहिर करते हैं हमारे हिंदी सिनेमा कला जगत के कलाकार। कितने छत्तीसगढी संगीत का कापी किया गया है‚बताने की जरूरत नहीं है।
इस तरह बालीवुड से छत्तीसगढ का गहरा नाता रहा है,आज भी कई कलाकार मुंबई रिटर्न होकर छत्तीसगढ में फिल्में बना रहे हैं और सफलता का परचम लहरा रहे हैं।