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’कांग्रेस के संघर्षशील वरिष्ठ कार्यकर्ता व नेता दीपक शर्मा से रोचक बातचीत

(मनोज जायसवाल)
कांकेर (सशक्त हस्ताक्षर)। कांकेर जिले में कांग्रेस के पुराने कद्दावर निष्ठावान सच्चे सिपाही से सशक्त हस्ताक्षर ने बातचीत की।

मुखातिब होते जहां उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया वहीं उपेक्षित होने का दंश झेलते हुए भी हमें अनुभव हुआ। हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर उन्होंने आरोप नहीं लगाया। वैसे तो आरोप प्रत्यारोप लगाने की पूर्व में भी उनका निजी व्यवहार में शुमार नहीं रहा।

पेश है उनसे मुलाकातों पर सवाल और जवाब

प्रश्न : आप कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ व काफी पुराने कार्यकर्ता हैं। कैसे और क्यों आपको कोई पद संगठन या निगम मंडल में नहीं दिया गया ?

उत्तर : जी हाँ मैं लगभग 34 वर्षो से कांग्रेस पार्टी का सदस्य हु, संगठन में बहुत से पदों पर मैं पहले ही रह चुका हूँ। निगमों, मंडलों में पद सीमित संख्या में होते हैं। संभव है, पार्टी ने मेरे लिए कुछ और सोचकर रखा हो। मैं अनुशासित सिपाही की तरह अपने नेता के बताए दिशा निर्देशों पर ही चलता रहा हूं और चलता रहूँगा।

प्रश्न : कांग्रेस पार्टी की तरफ आपका झुकाव कैसे हुआ व आप कब से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रूप से जुड़े ?

उत्तर : मेरे नाना स्व. पं. गोविन्द प्रसाद शर्मा अंग्रेज़ों के ज़माने में जब लोग कांग्रेस पार्टी का नाम लेने से डरते थे, उस वक्त वे बड़ी बहादुरी व निडरता से कांकेर में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख संस्थापक सदस्य रहे हैं। उन्हीं से बचपन में देशप्रेम की गाथा व देश के प्रति पार्टी का योगदान सुनता रहता था। तभी से कांग्रेस पार्टी से जुड़ने का व देश प्रदेश व बस्तर में ग्रामीण जन से जुड़कर समाज सेवा करने का जज्बा था।
उसके बाद लगभग 1986-87 से कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में जाना शुरू किया एवं सर्वप्रथम मुझे श्री राजेश तिवारी जो कि उस वक़्त कांकेर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे ,उनकी प्रबंध समिति में शहर कांग्रेस कमेटी का संगठन मंत्री नियुक्त किया गया था।

प्रश्न : आप आज तक पार्टी के किस-किस पद पर रहे हैं ?
उत्तर : सबसे पहले शहर युवक कांग्रेस में संगठन मंत्री,उत्तर बस्तर जिला युवक कांग्रेस में संयुक्त सचिव, अध्यक्ष ग्रामीण युवक कांग्रेस( लगातार 8 वर्ष तक),प्रदेश सचिव अविभाजित मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस, अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी,अन्य संगठन में बेरोजगार संघ का अध्यक्ष, काँकेर चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स का उपाध्यक्ष, काँकेर चेम्बर ऑफ कॉमर्स का महामंत्री रह चुका हूं,वर्तमान में काँकेर चेम्बर ऑफ कॉमर्स का कार्यकारी अध्यक्ष हु।

विशेष के रूप में देखे तो
(1)पाखंजोर छेत्र का प्रभारी (2)21जून 1994 को संपन्न त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में जनपद पंचायत चारामा हेतु तत्कालीन अविजित बस्तर जिले के अध्यक्ष स्व मानकु राम सोढ़ी जी द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था मेरे नेतृत्व में चारामा में जनपद पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे,(3)14 मई से 16 मई 1992 को चारामा में आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेकर संगठन को मजबूत करने में योगदान देकर तात्कालिक केंद्रीय राज्य कपड़ा मंत्री श्री अशोक गहलोत के करकमलों द्वारा प्रस्तति पत्र प्राप्त किया था(4)जनपद पंचायत चुनाव वर्ष2000 में भानुप्रतापपुर का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था,(5)4/11/1999 को कोरिया जिले का प्रभारी माननीय गोविंद सिंह राजपूत द्वारा नियुक्त किया गया था( 6)चुनाव संचालक नियुक्त किया गया था पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष समिति का (7) जिला निर्वाचन अधिकारी दंतेवाड़ा जिला युवक कांग्रेस सदस्यता अभियान का नियुक्त किया गया था।

माननीय अजय उपाध्याय जी द्वारा (8) 2 अप्रैल 2000 को को पदयात्रा कार्यक्रम में माननीय गोविंद सिंह राजपूत द्वारा कोरिया जिले का प्रभारी नियुक्त किया गया था ( 9) जिला योजना समिति में सदस्यों के चुनाव हेतु जिला कांग्रेस कमेटी का सदस्य,(10)वर्ष 2005-06 काँकेर मंडी चुनाव संचालन समिति का सदस्य (11)वर्ष 2009 में सम्पन्न हुए काँकेर नगरपालिका चुनाव में चुनाव समिति का सम्मानित सदस्य(12)25 फरवरी 2001 को दिल्ली में आयोजित किसान रैली में सम्मिलित हुआ था, इसके अलावा आक्रोश प्रदर्शन रैली दिल्ली में भी शामिल हुआ था 23जुलाई 2000 को (13)कई बार पार्टी हिट में पुतला दहन, चक्का जाम ,धरना प्रदर्शन आदि के कारण गिरफ्तारी व पुलिस केश का सामना करना पड़ा है (14)स्व.विधा चरण शुक्ल जी द्वारा चलाये गए छत्तीसगढ़ राज्य संघर्ष मोर्चा में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था 20 जुलाई 2000 को संपूर्ण छत्तीसगढ़ बंद,30 जुलाई1999 को सम्पन्न बैठक में शामिल,30 मई 1999 को रायपुर जे टाउन हॉल में पहली बैठक में शामिल,काँकेर में गिरफ्तारी भी दी थी(15)5 अप्रैल 1994 को जिला स्तरीय युवा सम्मेलन जो कि काँकेर में आयोजित था इस कार्यक्रम में तत्कालीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंग जी,केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री श्री कमलनाथ जी ,विशिष्ट अतिथि श्री अरविंद नेताम जी सामिल हुए थे उस कार्यक्रम हेतु मुझे जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष श्री राजेश तिवारी द्वारा स्वागत समिति,मंच एवं सम्मेलन स्थल ब्यवस्था का प्रभारी नियुक्त किया गया था,

प्रश्न : संगठन से जुड़ने के बाद आपने प्रारंभ में क्या-क्या कार्य किये ? क्या-क्या परेशानियाँ आईं ?
उत्तर : उस वक़्त शहर में कोई बड़ा हॉटल, कम्युनिटी हाल या बड़ी धर्मशाला नहीं थी। संगठन के अधिकतर कार्य कोमलदेव क्लब में संपादित होते थे। स्वयं क्लब वालों से चाबी मांग कर जाते थे। स्वयं हाल की सफाई करते, झाडू लगाते थे। दरी बिछाते थे। माइक की व्यवस्था करते थे। उसके बाद कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का इंतज़ार करते थे, जो आते-जाते थे, उन्हें बिठाते थे। कार्यक्रम के सम्पन्न होने के पश्चात उसी प्रकार दरी व माइकसैट वापस कर अपने हाथ से क्लब में ताला बंद कर संबंधित क्लब के इंचार्ज को चाबी लौटाकर आते थे।

प्रश्न : आपने संगठन से जुड़कर क्या-क्या कार्य किये हैं ?
उत्तर : प्रारंभ में मेरे ग्राम सातलोर में श्रमदान, वृक्षारोपण उसके पश्चात ज़रूरतमंदों को रक्तदान, गाँव-गाँव तक संगठन की मजबूती हेतु पदयात्रा, 100 ग्रामों की सायकल यात्रा, यह सब कार्य जब मैं ग्रामीण युवक कांग्रेस का अध्यक्ष था उस कार्यकाल की उपलब्धि है। उस वक़्त मोबाइल, कैमरा आदि नहीं थे। अत: हमारे कई कार्यक्रमों के सबूत नहीं है, पर उस वक़्त के हमारे साथी कार्यकर्ता सब जानते हैं।
हर विधान सभा, लोक सभा चुनाव में पार्टी जो भी जवाबदारी देती थी उसे पूरी ईमानदारी से निभाते थे। उस वक़्त अविभाजित मध्यप्रदेश था, तो संगठन की सदस्यता हेतु रसीद बुक लेने कई बार भोपाल जाते थे। सदस्य बनाने के बाद रसीद बुक व पैसे जमा करने वापस भोपाल फिर जाते थे।

शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनने के बाद कांकेर में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख संस्थापक स्व. पं. गोविन्द प्रसाद शर्मा की स्मृति में कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर लगातार 2 वर्ष तक सायकल रेस प्रतियोगिता, पदयात्रा, आभार पदयात्रा किया, कांकेर शहर में 3 हज़ार सदस्य बनाए थे, रावघाट लौह अयस्क खदान को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में अंतागढ़ कांग्रेस कमेटी द्वारा दिये गये धरना कार्यक्रम में शामिल हुए थे, तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार के दमन के खिलाफ़ धरना प्रदर्शन, बाद में वर्ष 2006 में फर्जी नक्सली मामले में कांग्रेस कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के खिलाफ़ थाने के घेराव कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ था, अगस्त 2006 में विधानसभा घेराव कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ था। शहर की प्रतिभाओं को सम्मानित करने का अभूतपूर्व कार्य किया था। कांकेर में रेल व उद्योग के लिए हस्ताक्षर अभियान में बढ़ चढ़ कर भाग लिया, इसके अलावा शिक्षाकर्मी घोटाला, कस्टम मिलिंग में हो रहे घोटालों व करोड़ों रुपए की हेराफेरी वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ़ भी दबंगता से आवाज उठाई थी, कई बार जनहित के लिए चक्का जाम, बाईपास निर्माण के लिए कई ज्ञापन दिये।

प्रश्न : आप व्यापारी संगठन से भी जुड़े हैं…?
उत्तर : जी हाँ, मैंने कॉमर्स विषय लेकर पढ़ाई की थी, तो मेरा झुकाव व्यवसाय की तरफ था, तो सबसे पहले पुस्तक की दुकान, फिर हॉटल, ईंट का व्यवसाय, डेयरी, स्टील फर्नीचर व इलेक्ट्रॉनिक की दुकान, बाद में टेंट हाउस व ठेकेदारी का कार्य कर रहा हूँ।
कांकेर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के 1994 के हुए चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर सर्वाधिक मतों से जीतने का कीर्तिमान भी बनाया था, उसके पश्चात् वर्ष 1996 के चुनाव में भी महामंत्री के पद पर भारी मतों से विजयी हुआ था।
वर्तमान में कांकेर चेम्बर ऑफ कॉमर्स का कार्यकारी अध्यक्ष हूँ।

प्रश्न : कांग्रेस पार्टी में आपकी निष्ठा व सक्रियता को देखते हुए वर्ष 1994 में आपका नाम जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पद हेतु एवं वर्ष 2001 में प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पद हेतु भी सामने आया था ?
उत्तर : जी हाँ ,आया था। मेरे पास उस समय के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों की कतरनें तक सुरक्षित है, देखिये, उन दिनों के समाचार पत्रों में इस संबंध में प्रकाशित समाचार।

प्रश्न : आप किस गुट के सदस्य के रूप में पहचान रखते थे ?
उत्तर : मेरा व पार्टी का कोई गुट न था न है, पर हम राजेश तिवारी, रवि श्रीवास्तव, शिव नेताम, अरविन्द नेताम, मानकूराम जी सोढ़ी, स्व. विद्याचरण जी शुक्ला, दिग्विजय सिंह जी, बाद में महेन्द्र कर्मा, भूपेश बघेल, चरणदास महंत, टी.एस. बाबा, आदि के निर्देश पर ही काम करते रहे।

प्रश्न : आज कांकेर में नगर पालिका व संगठन में जो है ,उस बारे में क्या कहेंगे।
उत्तर : पार्टी ने जो उचित समझा व जिसे जो जवाबदारी देनी चाही, वह दी।

प्रश्न : कहा जाता है, जो पार्टी के सदस्य नहीं थे, उन्हें भी पदाधिकारी बनाया गया, चुनाव में टिकट दी गई व जो पार्टी विरोधी कार्य किये थे, जिन्हें पार्टी ने निष्कासित किया था उन्हें भी, उनकी पत्नी को भी टिकट दी गई। संगठन में जवाबदारी दी गई। क्या पार्टी संगठन पार्टी से ग़द्दारी करने वालों या दलबदलुओं का बायोडाटा चेक नहीं करती ?
उत्तर : मैं तो कांग्रेस पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूँ, पार्टी संगठन को जो सही उचित लगता है, वह वो करती है।

प्रश्न:आदिवासी के पेट्रोल पम्प या ऐसा ही कुछ मामले में राजेश तिवारी पर आरोप लगा था व गिरफ्तारी हुई थी ,उस समय आपने राजेश तिवारी का जबरदस्त साथ दिया था..?
उत्तर:जी हाँ यह सही है की मैंने उन्हें हर मामले में हमेशा साथ दिया है,पर यह आरोप झूठा था,राजनीति से प्रेरित था, उनके गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले मैं ही थाना गया था,बाद में कुछ लोग और आये थे मैंने उनके समर्थन में पूरा काँकेर बंद करवाया था एवं उनकी जमानत भी मैंने ही ली थी।

प्रश्न:स्व.रवि श्रीवास्तव हत्या कांड में राजेश तिवारी पर आरोप लगा था ,एवं उनके घर मे छापा पड़ा था ,उस वक्त आपने राजेश तिवारी की किस प्रकार से मद की थी…?
उत्तर:जी हाँ आरोप लगा था पर यह भी झूठा आरोप था उन पर,जिस वक्त पुलिस उनके घर पहुची थी उस वक्त राजेश तिवारी जी अपने घर पर नही थे वे शिव नेताम के साथ पार्टी की मीटिंग में शामिल होने रायपुर जा रहे थे,जगतरा के आसपास पहुचे थे,मैंने उन्हें फ़ोन किया कि आप तत्काल वापस आ जाये पुलिस आपके घर को घेर ली है व अंदर जाना चाहती है अभी मैन उन्हें रोक रखा है आप आ जाइये उसके बाद वे अपनी जांच कर,उसके बाद राजेश तिवारी के वापस आते तक करीब एक घंटा मैंने हजारों पुलिस वालों को बाहर ही रुकने कहाँ था।

प्रश्न : शहरवासी आपकी निडरता, दबंगता व स्पष्टवादी सोच के कायल हैं। पार्टी के प्रति आपकी निष्ठा की वे दाद देते हैं। कहा जाता है कि वर्ष 2004 के नगर पालिका चुनाव में शहर के अधिकतर कांग्रेसी जब रवि श्रीवास्तव गुट के निर्दलीय प्रत्याशी के साथ चले गये थे, आपने उस वक़्त भी प्रलोभन या डर कर पार्टी नहीं छोड़ी थी ? और राजेश तिवारी की पत्नी श्रीमती सुनीता तिवारी का साथ पूरी दमदारी व निष्ठा से दिया था , उस वक्त राजेश तिवारी ने आपसे कहाँ था कि गुड्डा तुम्हारा ये एहशान मैं जीवन भर नही भूलूंगा साथ ही इस बात की सपथ अपनी पत्नी को भी दिलाई थी।
उत्तर : जी हाँ, यह सौ फीसदी सही बात है। उस वक़्त भी मैंने कांग्रेस पार्टी का साथ नहीं छोड़ा था। यह बात सारा शहर जानता है, उस वक़्त हम गिनती के लोग ही कांग्रेस में बचे थे। कांकेर शहर के 96 प्रतिशत कार्यकर्ता पार्टी से ग़द्दारी करके निर्दलीय प्रत्याशी के साथ चले गये थे। और मैं पटरी के प्रति अपनी ईमानदारी दिखाते हुए राजेश तिवारी व कांग्रेस प्रत्यासी के साथ था।

प्रश्न:क्या ये भी सही है कुछ गद्दार काँग्रेसी जब प्रीति नेताम विधान सभा चुनाव लड़ी थी उस वक्त के गद्दार कांग्रेसी निर्दलीय प्रत्याशी के साथ नगाड़ा बजा रहे थे ,वो आज प्रमुख पद पर है।
उत्तर: जी मैं इस बारे में क्या कहूँ
ऐसे अवसर वादी व पार्टी के पीठ में छुरा भोकने वालो का चेहरा पूरे शहर वासी अच्छे से जानते है।

प्रश्न : क्या यह भी सच है कि कांकेर कांग्रेस पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने जीवन में कभी कांग्रेस पार्टी का झण्डा नहीं उठाया, पूरे जीवन में कांग्रेस पार्टी के लिए कोई काम नहीं किया, कभी वोट नहीं दिया, पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में कभी नहीं आये, जबकि वे स्वयं व उनके परिवार के सदस्य भाजपा के पदाधिकारी रहे व भाजपा के पूरे कार्यकाल में मलाई खाते रहे और जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी अपने व्यवसाय को चमकाने के लिए कांग्रेस पार्टी में ज़िला स्तर का पद लेकर आ गये।
उत्तर : जी, यदि ऐसा कुछ हो रहा है तो इसे रोकना, नियंत्रित करना पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ज़िम्मेदारी है ,ताकि निष्ठापूर्वक काम करने वाले कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत न हों।

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