”बागेश्वर धाम सरकार कांकेर में” श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)

श्री मनोज जायसवाल
पिता-श्री अभय राम जायसवाल
माता-स्व.श्रीमती वीणा जायसवाल
जीवन संगिनी– श्रीमती धनेश्वरी जायसवाल
सन्तति- पुत्र 1. डीकेश जायसवाल 2. फलक जायसवाल
(साहित्य कला संगीत जगत को समर्पित)

”बागेश्वर धाम सरकार कांकेर में”
आज बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री का कॉंकेर नगर आगमन हुआ। कॉंकेर से उनका पुराना स्नेहिल नाता रहा है,जिसके चलते आज ही नहीं कई बार गोपनीय रूप से भी कॉंकेर आते रहे हैं। आज की तिथि में उनकी काफी लोकप्रियता के चलते पूर्व की भांति आवाजाही नहीं हो सकता। कॉंकेर की जमीं से उनका स्नेह खींच लाता है,यही कारण है कि कॉंकेर कभी वे भूल नहीं सकते। नगर के नरहरदेव मैदान में भीड साबित करता है कि लोग उनके विचारों के साथ हैं।
वर्ष 2017 में पं. धीरेंद्र शास्त्री जो कि कांकेर श्रीराम नगर में मेरे मित्र के परिवार में भागवत प्रवचन किए थे। भागवत कराने वाले श्री रामनारायण जैन जो अब नहीं है,चाची श्रीमती उर्मिला जैन जो है,पूर्व समय को याद कर बताती है। ये मेरे निकट के मित्र निरंजन जैन के परिवार से हैं,इस लिहाज से हमारा ही परिवार है। सशक्त हस्ताक्षर कांकेर की यादों को फोटो के साथ प्रस्तुत कर रहा है। कांकेर से बागेश्वर सरकार का पुराना नाता है‚जो उनके आगमन पर यादें फिर ताजा होंगी।
ऐसी बात नहीं कि बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री 2017 के बाद नहीं आए। पिछली दफा रायपुर में आयोजन पर आगमन हुआ तब भी कांकेर आए थे‚ पर लोगों को पता ही नहीं चला वे आए और चले गए। तब 2017 में पूरे 09 दिन तक कांकेर श्रीराम नगर में भागवत प्रवचन किए। तब भी एक छोटी सी हनुमान की मुर्ति साथ रखा करते थे। इन्हें इन लोग गुरू भी बनाए। परिवार के कई लोग गुरू बनाए। चित्र में जो पीले पटका लगायी अन्नु साध्वी को देख सकते हैं।
मॉं भुवनेश्वरी मंदिर में शनि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की। अब उनके अनुयायी जिन्होंने उनसे भागवत प्रवचन कराया यह बताते हैं कि वे अब कांकेर आएंगे तो पहचानेंगे कि नहीं क्योंकि अब वे सेलिब्रिटी हो गए हैं। किसी ने सोचा नही था कि महाराज कल के दिन पूरे देश में इतने प्रसिद्व होंगे। लेकिन अब की बार उनका काँकेर आगमन बेहद खास होगा। पहले के वह चित्र और आज में फर्क साफ दिख रहा है।
लेकिन किसी के भी गुरू हों वो नाम सहित बता देंगे। तब जब वे इस वक्त बहुत बडे ज्ञानी है। अब उनके आगमन पर समिति बना कर व्यवस्था संबंधी गत दिनों हमने मीटिंग मंदिर में की आगामी 9 जुलाई को पुनः दूसरी बैठक की बात कही गई लेकिन मंदिर प्रमुख द्वारा अभी तक कोई सुचना अप्राप्त है । संशय अभी बना हुआ है,क्या करें! 02 नवंबर से शतचण्डी महायज्ञ होने को है,जिसमें वो आएंगे लेकिन इतने बडे आयोजन पर मजबूत आयोजन समिति होगी तब बात बने।
मॉं भुवनेश्वरी मंदिर में अन्नु साध्वी जो प्रमुख है,दरअसल रिश्ते में मेरी सगी भांजी है,लेकिन हम सार्वजनिक रूप से माताजी के नाम ही हम संबोधित करते हैं, निजी रूप से बातचीत पर भांजी कहते हैं।