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गहरी संवेदना और लोक चेतना की छत्तीसगढ़ी कहानी संग्रह – दू गज जमीन – डुमन लाल ध्रुव

छत्तीसगढ़ी साहित्य में यथार्थ और संवेदना की सजीव अभिव्यक्ति करने वाले प्रमुख कहानीकारों में  कन्हैयालाल बारले का नाम अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके कहानी संग्रह दू गज जमीन में संकलित कहानियां न केवल ग्रामीण जीवन की विसंगतियों को उजागर करती है बल्कि मानव जीवन के गूढ़ प्रश्नों को भी अत्यंत सहजता से प्रस्तुत करती है। इस संग्रह की कहानियां छत्तीसगढ़ी भाषा की आत्मा से संवाद करती है और मनखे (मनुष्य) के जीवन के विविध पहलुओं—संघर्ष, विश्वास, मूल्यों, सामाजिक व्यवस्था और अस्तित्व के प्रश्नों को प्रभावशाली ढंग से सामने रखती है।

दुनिया में बिपत काबर हे ? – यह कहानी जीवन के दुःख-दर्द और विपत्तियों के मूल कारण को प्रश्नचिह्न बनाकर प्रस्तुत करती है। लेखक सवाल उठाते हैं कि जब भगवान है, करुणा है, तो फिर दुख और बिपत क्यों ? यह कहानी दार्शनिक विमर्श के साथ सामाजिक असमानता को भी रेखांकित करती है।
जांगर पेरइ के फर- यह कथा मेहनत और पसीने की कीमत पर आधारित है। जांगर (श्रम) के महत्व को उजागर करते हुए कहानी लेखक श्री कन्हैयालाल बारले बतलाते हैं कि सच्ची पूंजी वही है जो श्रम से अर्जित हो। यह कहानी सामाजिक श्रेणीकरण और मेहनतकश वर्ग की उपेक्षा पर करारा व्यंग्य भी है।
बिधाता बदी ले बचाते- यह कहानी भाग्य और मानव प्रयास के द्वंद्व को चित्रित करती है। कथा कहती है कि केवल विधि (भाग्य) नहीं, बल्कि विवेक और सजगता से ही मनुष्य विपत्तियों से बच सकता है।

जिनगी कइसे जीयन- यह जीवन-दर्शन से भरी कहानी है, जो यह विचार उत्पन्न करती है कि मनुष्य को कैसे जीना चाहिए—सदाचार, संयम और सह-अस्तित्व की भावना से। यह कहानी शिक्षा, नैतिकता और आत्म-संयम का अद्भुत मिश्रण है।
धन के निसा- धन की लालसा और उसके प्रभावों पर केन्द्रित यह कहानी पूंजीवाद, भौतिकवाद और मनुष्य की आत्मीयता के ह्रास पर गहरी टिप्पणी करती है। यह कहानी आज के उपभोक्तावादी समाज का यथार्थ रूप दिखाती है।

भगवान सच देखाय म अगोरा करवाथे- ईश्वर की परीक्षा की अवधारणा पर आधारित यह कथा बताती है कि सत्य और श्रद्धा की परीक्षा समय लेती है, परंतु ईश्वर सब कुछ देखता है और अंततः न्याय करता है।
तीन प्रश्न के जवाब- यह कहानी सचमुच में टाल्स्टॉय की कहानी जैसी गूढ़ता से परिपूर्ण है जिसमें जीवन के मूल प्रश्न—सही समय क्या है ? सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति कौन है ? सबसे आवश्यक कार्य क्या है ? का लोकबोध से उत्तर तलाशा गया है।
तीन संत- तीन संतों के संवाद के माध्यम से यह कहानी धार्मिकता, विवेक और आंतरिक शांति के प्रश्नों को छत्तीसगढ़ी जीवन-दृष्टि से जोड़ती है।
लुक घलो कुंदरा जरा देथे- यह कथा आंतरिक आग, पीड़ा और सामाजिक असमानताओं की बात करती है। ‘ लुक ’ यानी छुपी हुई पीड़ा, जो धीरे-धीरे कुंदरा (जलाना) का काम करती है।

दू गज जमीन – यह कहानी मृत्यु, जीवन की नश्वरता और मानवीय मूल्यों की बात करती है। अंत में मनुष्य को केवल ” दू गज जमीन ” ही मिलती है। यह भाव एक गहरी दार्शनिक चेतना उत्पन्न करता है। यह कहानी संग्रह का सारतत्व भी है।
जिहां दया मया उंहचे भगवान हे – इस कहानी में करुणा और ममता को ईश्वर का रूप बताया गया है। लेखक प्रेम और सहानुभूति को ही सच्चे धर्म और भगवान का स्वरूप मानते हैं।

 कन्हैयालाल बारले की कहानियां सीधे-सीधे यह प्रश्न करती है कि ” मनखे के जिनगी के आधार का हरे ? ” उनका उत्तर कहानी दर कहानी बदलता नहीं, बल्कि परिपक्व होता है। जीवन का आधार श्रम है। जीवन का आधार सत्य है। जीवन का आधार दया, मया, करुणा है। जीवन का आधार आत्मा के भीतर बसे भगवान की अनुभूति है। जीवन का आधार प्रश्न करने की शक्ति और उत्तर खोजने की सजगता है। कन्हैयालाल बारले की कहानियां ठेठ छत्तीसगढ़ी में लिखी गई है जिनमें लोक मुहावरे, कहावतें और जनजीवन के दृश्य अत्यंत सहजता से पिरोए गए हैं। उनकी भाषा में नाटकीयता नहीं, बल्कि गहरी संवेदना और लोकचेतना है।

 

दू गज जमीन कहानी संग्रह छत्तीसगढ़ी साहित्य के लिए एक मूल्यवान कृति है। यह संग्रह पाठकों को न केवल छत्तीसगढ़ी समाज की व्यथा-कथा से परिचित कराता है, बल्कि उन्हें अपने जीवन के मूल प्रश्नों से भी जोड़ता है। श्री कन्हैयालाल बारले ने इन कहानियों के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि मनखे के जिनगी के आधार बाहरी तामझाम नहीं, बल्कि अंतर्मन की सच्चाई, श्रम, करुणा और आत्मचिंतन है।

कहानी संग्रह- दू गज जमीन
कहानीकार – श्री कन्हैयालाल बारले
प्रकाशक – छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, रायपुर
– डुमन लाल ध्रुव
मुजगहन, धमतरी (छ.ग.)
पिन – 493773
मोबाइल – 9424210208

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