कविता काव्य

”ऐ दोस्त! तू हिम्मत ना हार”  श्रीमती कामिनी पुरेना साहित्यकार भिलाई‚जिला–(दुर्ग छ.ग.)

साहित्यकार परिचय

 श्रीमती कामिनी पुरेना
पिता – श्री शेरसिंह बंजारे
माता – श्रीमती चंद्रवली बंजारे
पति – श्री मनोज कुमार पुरेना
जन्मतिथि : 24 – 06 – 1977
शिक्षा–  बीए , डी.एड.
सम्प्रति–  गृहणी
सम्पर्क– उमरपोटी , चंद्रनगर, भिलाई, जिला -दुर्ग (छत्तीसगढ़) मो . 9893751133

 

”ऐ दोस्त! तू हिम्मत ना हार” 

ऐ दोस्त! तू हिम्मत ना हार ,
बस! तू अपने सपनों को उड़ान दे…..!
शब्दों से नहीं ,
अपने कर्मों से पहचान दे….!!

बनना चाहे तुझ जैसा हर कोई,
ऐसा कोई प्रमाण दे …..!
भरकर विश्वास ,
अपने सपनों को अंजाम दे.……!!

कर दे पूरे जो थे अधूरे,
अपने इरादों को नया मुकाम दे…..!
तोड़ दे मजबूरियों और बंदिशों का ताला ,
अपनी खूबियों को खुला आसमान दे…..!!

कामयाबी तेरे अंदर बैठा है,
बस !तू उसे आवाज़ दे…..!
डर रुपी शैतान को ,
अपने अंदर से निकाल दे …..!!

चुनौती से घबराना नहीं,
देख उसे स्वीकार के….!
डर -डर के जीना नहीं ,
देख उसे पछाड़ के…..!!

बिगड़ने के रास्ते अनेक है,
पैर रखना ज़रा संभाल के…..!
इस मौज -मस्ती की दुनिया में,
ज़िन्दगी जीना जरा विचार के….!!

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