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”मधुर कंठ के मालिक बेमेतरीया ईश्वरीप्रसाद घृतलहरे”

(मणिशंकर दिवाकर)
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिलांतर्गत आने वाले ग्राम भुरकी के निवासी हैं ईश्वरी प्रसाद घृतलहरे। जो कि एक शिक्षक के साथ समाजसेवी भी हैं। सहज,सरल,मिलसार प्रवृत्ति के श्रीघृतलहरे मीठी सुर के मालिक हैं।

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में छत्तीसगढ़िया मानुस ईश्वरी घृतलहरे छत्तीसगढ़ लोक गीतों के मर्म को समझते स्वर देते हैं। आज के यु-ट्युब चैनल पर इनके स्वर दिए माता सेवा जसगी, होली गीत,सुवा,पंथी आदि विधा पर अनेकानेक गीत सुना जा सकता है।

साामाजिक क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। तारतम्य ये छत्तीसगढ़ प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष पद पर समाज उत्थान का कार्य कर रहे हैं। तो इनके लिखित इनके कुछ गीत कविता भी नीलांचल काव्यांजली में प्रकाशित है चुकी है। जहाँ इनको नीलांचल साहित्य रत्न 2022 से भी बसना में सम्मानित किया गया है। गायन ही नहीं वाद्य यंत्र भी ये बजाते हैं।

ईश्वरी प्रसाद घृतलहरे को हाल में 21 मई 2023 को राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय गौरव संगीत रत्न गौरव पुरष्कार 2023 हेतु चयन किया गया है। इस पर परिजन समाजजन,शिक्षक बिरादी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों के साथ विशेष रूप से बेमेतरा के बहु चर्चित लोकप्रिय विधायक मा.आशीष छाबड़ा, श्रीमती शशीप्रभा गायकवाड़ (जिला सदस्या बेमेतरा) अवनीश राघव कांग्रेस वरिष्ठ एवं (पूर्व ब्लाक अध्यक्ष) के द्वारा अनंत हार्दिक बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं दी गयी है।

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