’सरस्वती कला मंच ने हेमंतकुमार को उनके गीतों से श्रद्धांजलि दी’
(मनोज जायसवाल)
– देश के तीनों गायन विभुतियों के दिवस पर उनके स्वर दिए गीतों को गाकर अपनी आस्था प्रकट की।
काँकेर(सशक्त हस्ताक्षर)।गत 26 सितंबर को पार्श्व गायक स्व. हेमंतकुमार की पुण्य तिथि पर एवं 27 सितंबर को स्व. महेंद्र कुमार की पुण्यतिथि व 28 सितंबर को स्व. लता मंगेशकर के जन्मदिन को एक साथ श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जा कर स्वर्णिम अतीत में उनके गाए गीतों को गाकर मनाया।
कार्यक्रम की शुरुआत में तीनों विभुतियों का संक्षिप्त जीवन परिचय राजेश शुक्ला एवं दीपक मुखर्जी द्वारा दिया गया। तत्पश्चात सरस्वती कला मंच के अध्यक्ष मोहन सेनापति ने मंच संचालन हेतु गुलराज शर्मा को आमंत्रित कर मंच सौंपा। कार्यक्रम का प्रारंभ दिलीप नाग ने ष्तेरे प्यार की तमन्ना से किया।
उसके बाद क्रमवार दीपक मुखर्जी ने हम तुम्हें जाने,चलते चलते,मीना श्रीवास्तव ने माई नू माई,मेरे ख्वाबों में जो आए,मोहन सेनापति ने याद किया दिल ने कहां हो तुम,किसी पत्थर की मूरत से,कुंदन साहू ने है प्रीत जहां की रीत सदा, चांद सी महबूबा ,बलराम भट्ट जिंदगी प्यार का गीत है,तू मेरे सपनों की रानी बनेगी, डॉ सीरीज दीवान तेरे प्यार की तमन्ना,राजगोपाल कोठारी जाने वो कैसे लोग थे जिनसे,तुम आ गए हो,श्रीमती गायत्री शर्मा ने दिल में तुझे बिठा के, डॉ दुर्गेश अवस्थी ने बेकरार करके हमें, दर्दे दिल दर्दे जिगर,राजेश शुक्ला तुम पुकार लो,बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी,गुलराज शर्मा तुम अगर साथ देने का वादा,गायत्री गुलराज शर्मा ,तेरा साथ है कितना प्यारा..
इसके साथ ही पंकज श्रीवास्तव ने तुम अगर साथ देने का वादा करो,अशोक राठी जी, मेरी तमन्नाओं की तस्वीर तुम,केतन व्यास सुहानी चांदनी रातें, अवधेश लारिया ने सुनके तेरी पुकार गीतों से समां बांधा । यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैन रेस्टोरेंट काँकेर में रात 12 बजे तक चला। इस अवसर पर श्रीमती हर्षा कोठारी, डॉ तेज़कांत सोनकर, संजय मन्शानी, कु. विरल कोठारी, आदि उपस्थित थे। अंत में आभार प्रदर्शन सरस्वती कला मंच के अध्यक्ष मोहन सेनापति ने किया।