(मनोज जायसवाल)
कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)। देश के महानगर कलकत्ता में एक प्रशिक्षु डाक्टर से रेप कर मर्डर मामले में देश का हर कोना दुःखी है। तारतम्य छत्तीसगढ़ में भी इस संदर्भ 16 अगस्त संध्या 6 बजे कोमलदेव जिला चिकित्सालय कॉंकेर से ऊपर नीचे रोड तक कैंडल मार्च निकाल कर श्रद्वांजलि दी गई। इसके साथ ही दूसरे दिन आज 17 अगस्त को छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी कर्मचारी इस अत्यंत घिनौने अपराध के विरोध में प्रदेश भर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी डॉक्टर मेडिकल छात्र नर्सेस एवम अन्य स्टाफ भी सामूहिक अवकाश पर चले गए है। जिसके चलते स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठप्प नजर आ रही है।
सब हेल्थसेंटर, पीएचसी,सीएचसी और जिला अस्पताल मेडिकल कालेजों सहित सभी शासकीय गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं की ओ पी डी सेवाएं बंद कर दी गई है वहां कार्यरत डॉक्टर्स, नर्सेस एवं अन्य अस्पताल स्टॉफ भी आज 17 अगस्त को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर आईएमसी के आह्वान पर महाबंद में सम्मिलित होकर अस्पतालों में प्रदर्शन कर रहें हैं ।
एक नजर मॉंग पर
स्वास्थ्य कर्मियों की प्रमुख मांगो में
-कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना एवम उसके बाद हुई मॉब वायलेंस में शामिल असामजिक तत्वों पर सख्त से सख्त कार्यवाही। अस्पताल प्रशासन कीओर से सख्त कार्यवाही के लिए पहल हो।दोषियों के खिलाफ कठोर कानून बने ।
-सभी मेडिकल प्रोफेशनल्स विशेषकर महिला स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाये जाएं और संस्था प्रमुख,अस्पताल प्रशासन और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी तय हो संस्था प्रमुख द्वारा हिंसा के खिलाफ त्वरित थ्प्त् हो, संस्थाओं में सेफ्टी और सिक्योरिटी होनी चाहिए।
मांगे पूरी ना हुई तो आपातकालीन सेवाएं होंगी प्रभावित
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान हो छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन ने इन मुद्दों को लेकर पिछले साल आंदोलन भी किया था लेकिन कोई भी पहल शासन प्रशासन द्वारा होती हुई नहीं दिखाई दे रही है हड़तालियों का कहना है कि आज सिर्फ ओपीडी सेवाएं बंद हुई हैं। अगर हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आपातकालीन सेवाओं पर भी इसका असर पड़ सकता है। सुमन शर्मा प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश नर्सेस एसोसिएशन छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन‚रायपुर