”जागरूक मतदाता बनें”श्री तिलक तनौदी ‘स्वच्छंद’ वरिष्ठ साहित्यकार तनौद‚जांजगीर चाम्पा(छ.ग.)

तिलक तनौदी ‘स्वच्छंद’
पिता-श्री छत्तराम महिपाल
माता- श्रीमती छतबाई महिपाल
जीवन संगिनी– श्रीमती अंजू महिपाल
सन्तति-
२. प्रकाशित पत्रिका:-राष्ट्रीय हिंदी साहित्य अंचल मंच के मासिक पत्रिका (बिहार),किरण दूत(रायगढ़), कोलफील्ड मिरर (कलकत्ता), काव्य कलश वार्षिक पत्रिका(छत्तीसगढ़), विवेक एक्सप्रेस (मुंबई),मालवा हेराल्ड (उज्जैन,मध्यप्रदेश), साइंस वाणी पत्रिका(रायपुर)।
पिन :- 496001

”जागरूक मतदाता बनें”
आइए हम सब जागरूक मतदाता बनें अपने लिए नहीं देश के लिए सोचे क्योंकि जाति अथवा धर्म से कहीं बड़ा देश है अतः देश हित में मतदान करें। जो देश में जाति, धर्म के नाम पर अशांति फैलाए उसका चुनाव बिल्कुल न करें।
देश का विकास सरकारी संपत्ति की संरक्षित कर उसको बढ़ाने से होगा। इससे सरकार को वित्त प्राप्त होता जो देश के विकास में उपयोग होता है वहीं सरकारी संपत्ति को गिरवी रखना अथवा लीज में देने से एक तो सरकारी वित्त में कमी आती है दूसरा आम जनता प्राइवेट कंपनी व ठेकेदारों के मनमानी का शिकार होता है। चुनाव करते समय हमें ध्यान रखना है, उसको तो बिल्कुल ही वोट नहीं देना जो सरकारी संपत्ति को नीलाम करने या बेचने में तुले हो।
जो पार्टी अथवा प्रतिनिधि आपके शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार की बात नहीं कर रहा वो वोट माँगने आपके घर आए तो तुरंत खदेड़ दें। उससे द्वारा क्षणिक प्रलोभन हेतु दिया गया पैसा, साड़ी,मांस-शराब आदि को स्वीकार न करें।
वोट देने से पहले यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आप जिसे चुन रहें हैं वे देश हित में व आपके लिए पिछले पाँच साल क्या किया और आने वाले पाँच साल में देश हित व आपके लिए क्या करेगा। यह आपके जागरूक मतदाता होने का प्रमाण है।