”जन्म दिवस के नाम”श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर(छ.ग.)

श्री मनोज जायसवाल
पिता-श्री अभय राम जायसवाल
माता-स्व.श्रीमती वीणा जायसवाल
जीवन संगिनी– श्रीमती धनेश्वरी जायसवाल
सन्तति- पुत्र 1. डीकेश जायसवाल 2. फलक जायसवाल
(साहित्य कला संगीत जगत को समर्पित)

”जन्म दिवस के नाम”
आधुनिक चकाचौंध की जीवनशैली जहां खुशियों के जन्म दिवस के पल पर कही मातम में ना बदल जाये। ताजा मामला न्युज पोर्टल पर देश के चंडीगढ की पढकर दुःख हुआ। परिवार ने नहीं सोचा था कि लडकी के जन्म दिवस पर आनलाईन मंगाये जाने वाले केक ऐसा घातक होगा। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद निश्चित कारणों की जांच तो बाद में ही पता चलेगा पर फिलहाल केक को ही कारण बताया जा रहा है।
इस दौर मे जन्म दिवस सेलिब्रेट किये जाने के कई वो सामानों की बाजार भी सज चुकी है,जो जन्म दिवस उत्सव को उल्लासमय बनाये। सोशल मीडिया पटल ने तो इस समय वो भुमिका में आ गया जहां कईयों लोग जन्मदिवस के फोटोज शेयर करने का सशक्त माध्यम मान रहे हैं।
शायद यही कारण है कि आजकल तो तमाम सोशल पटल जन्म दिवस के फोटोज सहित अनंत कमेंट से भरे जा रहे हैं। सुचनाओं का आदान प्रदान वाली कई पारिवारिक ही नहीं अन्य वाट्सएप ग्रुप भी किसी सदस्य के जन्म दिवस के दिन बधाई संदेशों का एक सीरियल सा चल रहा होता है।
महज कुछ दशक पहले तक बच्चों के अतिरिक्त बड़ों के जन्म दिवस से वाकिफ नहीं होते थे। खुद जिनका जन्म दिवस है, वह दिन अन्य दिनों की तरह चला जाता था। लेकिन मुख्यतः सोशल मीडिया के इस युग में लोग सबके जन्म दिवस सेलिब्रेट कर रहे हैं। पहले आम मध्यमवर्गीय परिवार भी प्रिंट मीडिया अखबारों में विज्ञापन देता था, लेकिन अब सोशल में अमूमन शेयर किया जा रहा है। राजनीतिक क्षेत्र में अपने नेताओं का जन्म दिवस और उस पर कमेंट देखते बनता है। अतीत के जिन वृद्वों का जन्म दिवस याद नहीं होता उनका भी एक दिन मान कर मनाया जा रहा है। अब तो इतना ही नहीं गुजर गये सदस्यों का भी जन्म दिवस मनाने की परंपरा भी निर्वहन की जा रही है।
आधुनिक चकाचौंध के दुकान में जन्म दिवस मनाने के तमाम आयटम्स उपलब्ध है। आपको पैसा खर्च करना है,बाकी सारी सामग्री एक ही छत के नीचे उपलब्ध है। इस तरह जन्म दिवस ने बाजार में एक नये व्यवसाय को भी जन्म दिया है। दुकानों में कई तरह की उपहार सामग्रियां भी जो आप अपनों को भेंट में देना चाहते हों आसानी से मिलने लगे हैं। इतना ही नहीं अब तो चाय के कप या अन्य सामग्रियों पर आपके नाम प्रिंट के साथ भी सेवा उपलब्ध है। हां‚ बजट आप पर निर्भर करता है।
ऐसा नहीं कि जन्म दिवस सेलिब्रेट करने में खर्च ही खर्च है। कई ऐसे भी हैं,जिनका उत्सव सोशल मीडिया पर मन रहा होता है। जन्म दिवस सेलिब्रेट भी तरह-तरह से किये जा रहे हैं। लेकिन जरूर इस बात का ख्याल कि खानपान स्वच्छ एवं सात्विक हो। दीए बुझाने जैसी संस्कृतियां कतई उचित जान नहीं पडती। जबकि दीए हमेशा जलनी चाहिए।
कुल मिला कर इतना कि जन्म दिवस महज दिखावा ना होकर बेहद निजी पारिवारिक उत्सव के रूप में अपनों के बीच अपने बजट अनुकुल सेलिब्रेट की जानी चाहिए। जन्म दिवस उत्सव पर कभी भी युवा अपने अभिभावकों से किसी वस्तुओं की जिद पर ना अडे। वैसे भी पारिवारिक उत्सव हर लोग अपने बजट के मुताबिक ही मनाते है।