साहित्यकार परिचय-अनिल कुमार मौर्य ‘अनल’
जन्म- 22 मई 1980 जन्म स्थान,संजय नगर,कांकेर छत्तीसगढ
माता/पिता – फूलचंद माैर्य श्रीमती राेवती मौर्य, पत्नी-श्रीमती दीप्ति मौर्य, पुत्र-संस्कार,पुत्री-जिज्ञासा मौर्य ।
शिक्षा- एमए(हिंदी) इतिहास एवं सन! 2019 में विश्व विद्यालय जगदलपुर द्वारा मास्टर आफ आर्ट की संस्कृत विषय में उपाधि, डी.एड. ।
सम्मान- साहित्य रत्न समता अवार्ड 2017, साहित्य श्री समता अवार्ड 2018 मौलाना आजाद शिक्षा रत्न अवार्ड 2018, प्राइड आफ छत्तीसगढ अवार्ड 2018, प्राइड आफ छत्तीसगढ अवार्ड, सहभागिता सम्मान।
प्रकाशन-कोलाहल काव्य संग्रह।
सम्प्रति- कांकेर जिले में शिक्षक के रूप में कार्यरत।
सम्पर्क – कांकेर माे. 8349439969
21 सदी के कलम कार हेतु
”आशा”
मेरी जहन में, उठती विचारे अजीबो गरीब
महासागर का रूप कभी वह ले लेती
मन मेंरा उस पर गोता लगाता
कभी इस तट कभी उस तट
और मूल (लक्ष्य) तक पहुंचने की
छटपाहट लिये आशांत-सा उदास व
विकल हो होकर टूट-टूट जाता
कभी इक आशा लिये सोचने को मजबूर
मंजिल कभी तो मिलेगीं आज भले ही वह
मुझसे दूर मैं देखता उस और मन-रूपी नैनों से
भटकता फिर रहा हूॅ तितली सा दर-बदर
निशा के विटप अधियांरी में चांद सा उजाला लिए
ढूढ़ता फिर रहा रवि की किरणों को
जो रात के अंधेरे में कही खो गया है
पर मुझें उम्मीद है, उषा सुनहरे तीर बरसायेगी
बदरा छाऐगी अम्बर पर
कभी तो वर्षा सुन्दरी बहेगी और वह मौन रहकर कहेगी
निराश मत हो, आस तो रख देखता रह टुकुर-टुकुर
एक पल ऐसा भी आएगा जब कोयल कुकेगी
और तू छुएगा इक दिन शिखर को
उदास मत हो आशा तो रख।