कविता

”करवाचाैथ” अनिल कुमार मौर्य ‘अनल’ शिक्षक साहित्यकार कांकेर छत्तीसगढ

साहित्यकार परिचय-

श्री अनिल कुमार मौर्य ‘अनल’
जन्म- 22  मई 1980 जन्म स्थान,संजय नगर,कांकेर छत्तीसगढ
माता/पिता – फूलचंद माैर्य श्रीमती राेवती मौर्य,  पत्नी-श्रीमती दीप्ति मौर्य, पुत्र-संस्कार,पुत्री-जिज्ञासा मौर्य
शिक्षा- एमए(हिंदी) इतिहास एवं सन! 2019 में विश्व विद्यालय जगदलपुर द्वारा मास्टर आफ आर्ट की संस्कृत विषय में उपाधि, डी.एड.।
सम्मान- साहित्य रत्न समता अवार्ड 2017, साहित्य श्री समता अवार्ड 2018 मौलाना आजाद शिक्षा रत्न अवार्ड 2018, प्राइड आफ छत्तीसगढ अवार्ड 2018, प्राइड आफ छत्तीसगढ अवार्ड, सहभागिता सम्मान।
प्रकाशन-कोलाहल काव्य संग्रह।
सम्प्रति- कांकेर जिले में शिक्षक के रूप में कार्यरत
सम्पर्क-संजय नगर कांकेर 494334(छ.ग.) मो. 8449439969

 

‘करवा – चौथ’

सत्यवती एक नारी थी ,
अपने पति को प्यारी थी।
उसने भी किया था ,

पति के लिए मंगल कामना।
मार्ग पर जो भी आता करती
उसकी सामना,करती उसका सामना ।
हर  पत्नियां भी करती है,

करवा चौथ का उपवास ,
निर्जला ही रहती देखो !
उसको न लगती प्यास ,
उसको न लगती प्यास।

सत्यवती एक नारी थी,
अपने पति को प्यारी थी।

यमराज ने भी उसका लोहा माना, और दे दिया देखो,
सदा सुहागन रहने का वरदान,रहने का वरदान ।।।

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