‘तपती दोपहरी में कविता सुनने बड़ी संख्या में पहुंचे श्रोता’
-सामाजिक समरसता समारोह पर संपन्न अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
(मनोज जायसवाल)
राजिम(सशक्त हस्ताक्षर)। शहर के साहू छात्रावास परिसर में दोपहर 2 बजे तपती दोपहरी में बड़ी संख्या में काव्य रसिक पहुंच गए और कवियों के आने का इंतजार कर रहे थे। समय के अनुसार कवि उपस्थित हो गए और कवि सम्मेलन का शानदार आगाज हुआ जिसमें काव्य के सभी रस की भीनी भीनी बरसात होती रही। उत्तरप्रदेश के कवि सफर जौनपुरी के मंच संचालन में मंच को ऊंचाई मिली। वह कभी हंसाते रहें तो कभी देश भक्ति माहौल देकर चार चांद लगा दिए। उनके द्वारा प्रस्तुत कविता की चार लाइन देखिए-हृदय में यथोचित सम्मान कौन रखता है, यह मान यह सम्मान कौन रखता है। नमन करता हूं वरना कवियों का इतना ध्यान कौन रखता है।
अमरावती के डॉक्टर ममता मेहता ने तीखी नोकझोंक एवं व्यंग्य रचनाओं से माहौल में ताजगी भर दी। उन्होंने कहा कि-नेता जी ने बड़े प्यार से आम जनता को संबोधित किया, भाइयों और बहनों आप बहुत भोले और मासूम हैं, पर चिंता मत कीजिए 60 साल से शासन कर रही पार्टी आपको बेवकूफ बना रही है, अब आप हमको मौका दीजिए।
रायपुर से पहुंचे छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित गीतकार कवि रमेश विश्वहार ने सामाजिक समरसता पर अनेक गीत प्रस्तुत किया प्रस्तुत है चार लाइन-हम तो पतझड़ में बहारों की बात करते हैं। डूबे दरिया के किनारों की बात करते हैं। गर नफरत के बीज बो रहे मंदिर मस्जिद, हम तो सद्भाव सहारों की बात करते हैं। हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर काशीपुरी कुंदन में माटी की महिमा का गुणगान करते हुए बेबाक पंक्ति रखी। देखिएगा-देश की माटी पर ईश्वर पैदा होता है। खेलता है खड़ा होता है, इसलिए हर धर्म से देश बड़ा होता है। बरेली मध्यप्रदेश से पहुंचे ओज के कवि प्रेम नारायण साहू ने माहौल में चार चांद लगा दिया। कवि नूतन लाल साहू की कविताओं ने रंग जमा दिया। इस मौके पर सभी कवियों अतिथियों एवं कलाकारों का साल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।
कविताएं जीने का सलीका देती है; भुनेश्वर साहू
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू ने कहा कि कविताएं जीवन जीने का सलीका सिखा जाती है। जिनको कवि के नाम से जाना जाता है मात्र वही कवि नहीं है बल्कि हम सब लोग कवि हैं। फर्क इतना है कि इन्होंने लिपिबद्ध कर लिया और आप हम सभी लोग इससे अछूता हैं। कविताएं जीवन की हर पहलू को उजागर करती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का राजिम नगरी कवि और कविता के क्षेत्र में अत्यंत समृद्ध है। इस मौके पर प्रमुख अतिथि के रूप में आरंग के मंडी अध्यक्ष देवनाथ साहू, जिला साहू संघ संघ के अध्यक्ष धर्मदास साहू, गरियाबंद के अध्यक्ष नारायण साहू, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिला गरियाबंद के पूर्व अध्यक्ष डॉ रामकुमार साहू, राजिम भक्तिन मंदिर समिति के संरक्षक डॉ महेंद्र साहू, तेलघानी बोर्ड के सदस्य शैलेंद्र साहू, जनपद पंचायत फिंगेश्वर के अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू, जिला पंचायत सदस्य शेखर साहू, रिटायर्ड निरीक्षक बोधन साहू, यादव समाज जिला गरियाबंद के अध्यक्ष दयाराम यादव, तहसील सतनामी समाज राजिम के अध्यक्ष तुलेश्वर धृतलहरें समेत बड़ी संख्या में अतिथि गण मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में हुआ पंडवानी
कार्यक्रम का शुभारंभ पंडवानी के साथ हुआ। मड़ेली के कक्षा बारहवीं के छात्रों ने शानदार पंडवानी की प्रस्तुति दी। पश्चात उपस्थित कलाकारों का शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। इस मौके पर कवि नूतन लाल साहू का जन्मदिन मनाया गया। मौके पर केक काटे गए तथा उन्हें गिफ्ट भी प्रदान किया गया। इस मौके पर रत्नाचल जिला साहित्य परिषद गरियाबंद, प्रयाग साहित्य समिति राजिम, त्रिवेणी संगम साहित्य समिति, छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति इत्यादि के अलावा बड़ी संख्या में काव्य रसिक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राजिम भक्तिन मंदिर समिति के अध्यक्ष लाला साहू एवं कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल ने किया।