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याद ए किशोर में सरस्वती कला मंच ने पुराने कलाकारों का सम्मान किया

(मनोज जायसवाल)
काँकेर(सशक्त हस्ताक्षर)। गत 13 अक्टूबर को पार्श्व गायक स्व. किशोर कुमार गांगुली की पुण्य तिथि को सरस्वती कला मंच ने ऐसा यादगार कार्यक्रम बनाया जो कांकेर के इतिहास में आज तक नहीं हुआ। इस कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि कांकेर के मंजे हुए पुराने गायक,वादक,उद्घोषक,ड्रामा कार,नृत्यांगना और अन्य विधाओं में पारंगत कलाकारों को ससम्मान आमंत्रित कर उनका शाल से पुष्पमाला पहना कर सम्मान किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सरोज जितेंद्र सिंह ठाकुर अध्यक्ष नगरपालिका परिषद कांकेर,विशेष अतिथि हेमंत ध्रुव अध्यक्ष जिला पंचायत कांकेर,शालिनी राजपूत अध्यक्ष राज्य महिला मोर्चा भा. ज. पा. छत्तीसगढ़, अजय मंडावी, पद्मश्री पुरस्कृत एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता सरस्वती कलमंच के अध्यक्ष मोहन सेनापति ने किया।

अपनी बेहतर सुरमयी प्रस्तुति देती काँकेर की गायिका

सर्वप्रथम अतिथियों एवं पुराने कलाकारों के द्वारा मां शारदा की मूर्ति एवं किशोर दा के छायाचित्र की पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात श्री आशीष दत्ता रॉय जो हेमंत कुमार की आवाज में गाते थे उनका,आवाज के जादूगर छत्तीसगढ़ के अमीन सयानी नरेंद्र सिंह ठाकुर जी के उनके सर्वाेत्तम उद्घोषक होने पर,गोकुल प्रसाद जोशी से.नि.जिला शिक्षा अधिकारी उच्च उद्घोषक जो 14 वर्ष की आयु में मीट्रिक पास करने का और मात्र 19 वर्ष में एम एस सी में गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुके,स्वर्गीय अशोक शुक्ला जो ड्रम सेट बजाते थे उनकी धर्म पत्नी श्रीमती उर्मिला शुक्ला और सुपुत्र अखिलेश/अंशु शुक्ला को शाल एवं पुष्पमाला पहना कर सम्मान किया।

 

विष्णु चौरसिया जो स्व मुकेश की आवाज में गीत गाते थे,प्रदीप दत्ता रॉय जो वादक के साथ आर डी बर्मन का गीत भी गाते थे, विजय राव जो हारमोनियम वादक है,स्वर्गीय जीवन देवदास जो स्व. किशोर कुमार की कॉपी थे । उनके स्थान पर उनके सुपुत्र श्री लोकेश देवदास का सम्मान किया गया,सुश्री अनिता रॉय जो ड्रामा,नाटक एकांकी के साथ गीता दत्त की आवाज में गायन भी करती थीं।

सतीश पाठक जो स्वर्गीय मोहम्मद रफी की आवाज को हूबहू निकालते थे और नवचेतन आर्ट्स के संस्थापक तिरुपति राव/ देव सेनापति जी जो देव आनंद के दीवाने और उनके बुलावे पर शासकीय नौकरी छोड़कर बॉम्बे चले गए थे,जो आज दिल्ली में हरे कृष्णा कैलेंडर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं ,उनकी रिकॉर्डिंग आवाज को सभी को सुनाया गया।

 

उपस्थित जनों का पूरा सम्मानपूर्वक परिचय उनसे गवाकर या स्वयं गाकर उद्घोषक श्री राजेश शुक्ला ने बेखूबी निभाया । सम्मान कार्यक्रम के बाद नए गायकों ने गीतों से श्रद्धांजलि दी, जिनमें श्रीमती मीना श्रीवास्तव ने इक लड़की भीगी भागी सी,श्रीमती रीना लारिया हमे और जीने की चाहत,श्रीमती गायत्री शर्मा पल पल दिल के पास डॉ भव्या एवं गुलराज शर्मा देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले,चंचल मरकाम ओ हंसिनी की बोर्ड पर बहुत ही सुंदर धुन नन्ही सी बच्ची बेबी अवनी सिंह ने ओ मेरे दिल के चौन बजाया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा डॉ अपर्णा सिंह जी ने ये रातें ये मौसम नदी का किनारा,राजगोपाल कोठारी मेरे महबूब कयामत होगी…

अश्वनी सिन्हा रिमझिम गिरे सावन,कैलाश यदु चला जाता हूं किसी की धुन पर,भानुप्रतापपुर से संदीप ठाकुर शीशे के घरों में,पंकज श्रीवास्तव मेरे सामने वाली खिड़की में,डॉ दुर्गेश अवस्थी रुक जाना नहीं तू कहीं हार के,दिलीप नाग मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, चारामा बजरंग मोटर्स के अमृत राज सिन्हा ओ मेरे दिल के चौन,गुलराज शर्मा ड्रीम गर्ल किसी शायर की गजल,बलराम भट्ट जिन्दगी एक सफर है सुहाना,राजेश शुक्ला प्यार दीवाना होता है,संतोष श्रीवास्तव खिजां के फूल,अनिल सोनी मैं दिल तू धड़कन,दीपक मुखर्जी ये क्या हुआ,अवधेश लारिया दिल क्या करे,राजेश शुक्ला ने आशा भोसले और किशोर दा की आवाज को अपने सुरीले कंठ से दो दो आवाज निकाल कर दर्शकों को चकित कर दिया और उन्हें ताली बजाने को मजबूर कर दिया राजेश जी का गीत ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ,

पद्मश्री अवार्ड्स से नवाजे भाई अजय मंडावी ने ओ हंसिनी मेरी हंसिनी, सत्येंद्र सोनी देखा न हाय रे सोचा न हाय,नवीन शर्मा तेरी दुनियां से होके मजबूर चला,सोमेश सरकार मंजिलें अपनी जगह है रास्ते अपनी जगह,कमल जैन मेरी भीगी भीगी सी, संदेश ओ हंसिनी,इस्माइल भाई पटेल आने वाला पल जाने वाला पल,सुशील देहारी छूकर मेरे मन को ,संदीप ठाकुर ओ मेरे दिल के चौन ,अंत में मोहन सेनापति ने पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी से थिरकते हुए अपनी प्रस्तुति दी मुख्य अतिथि श्रीमती सरोज जितेंद्र ठाकुर ने इस प्रकार के पुराने गायकों को सम्मान करने पर सरस्वती कला मंच की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है कि वे भी भविष्य में अपने वरिष्ठों का इसी प्रकार सम्मान करें । जिला पंचायत के अध्यक्ष विशिष्ट अतिथि श्री हेमंत कुमार ध्रुव ने गीत संगीत से जोड़कर नई पीढ़ी को सही दिशा देने पर सेनापति जी को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को गलत रास्ते में जाने से रोकने का सफल माध्यम संगीत है जो मस्तिष्क में शांति के साथ सकारात्मकता लाता है श्रीमती शालिनी राजपूत प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा बी जे पी ने कहा कि सरस्वती कलमंच का कार्यक्रम में पिछले 25,26 वर्षों से देख रही हूं और अतिथि बनने का अवसर भी मिलता है।

बच्चों को मंच प्रदान करने का पूरा अवसर बिना किसी भेदभाव के इस मंच में मिलता है। उन्होंने पूरे टीम को इस हेतु बधाई दी कार्यक्रम का सफल संचालन राजेश शुक्ला,गुलराज शर्मा और सत्येंद्र सोनी ने अपने,अपने अंदाज़ में शेरो शायरी की झड़ी लगाकर किया जिससे श्रोतागण मध्यरात्रि 2 बजे तक डटे रहे।

अंत में सरस्वती कला मंच के अध्यक्ष मोहन सेनापति ने मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथियों के साथ श्री राजेश शर्मा,अशोक राठी,अरुण कौशिक,सपन श्रीवास्तव,केतन व्यास,सब रजिस्ट्रार सुशील देहारी,संतोष शर्मा,पुराने कलाकारों,डॉ दिनेश मिश्र,पप्पू मोटवानी,सीताराम शर्मा,सुरेश श्रीवास्तव, गोपाल ठाकुर,रामशरण जैन,सपना दत्ता रॉय,रूबी दत्ता रॉय, किशोर ठाकुर , अमृतराज सिन्हा चारामा‚ जितेन्द्र धर शर्मा ,जया सेनापति,ममता सोनी,गर्व सोनी,किरण देवदास, डॉ सचिन सिंह टेश्वर जैन, सब रजिस्ट्रार सुशील देहारी ,राज भारती वकील साहब, प्राचार्य पुष्पा भारती ,प्रदीप कदम ,जितेंद्रधर शर्मा, जितेंद्र तिवारी, श्रीमती हर्षा कोठारी ,विरल कोठारी मनोज जायसवाल सशक्त हस्ताक्षर के संपादकजी ने श्रोताओं तथा समस्त मीडिया का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

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