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”लखनपुरी में फिर से आयेगी अतीत की रौनकता”

(मनोज जायसवाल)
-औद्योगिक क्षेत्र,मेडिकल कालेज से बनेगा केंद्र बिंदु

कांकेर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर बसा लखनपुरी जो आसपास के गावों का केंद्र बिदु रहा है,यहां बडा साप्ताहिक बाजार एवं वार्षिक मेला लगा करता था, आज प्रत्येक गांव जो सडकों से जुड गए और कई गावों में साप्ताहिक बाजार भी होने लगे। जिला मुख्यालय कांकेर तथा तहसील मुख्यालय कांकेर नजदीक होने तथा व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते दिनों दिन यहां का बाजार ध्वस्त होता रहा और आज दुकानें तो कई संख्या के होते भी नित खुल रही लेकिन चलने से रहा। पर द्रुत विकास से  आने वाले समय में  विकास की काफी संभावना  को  संजोये हुए है‚लखनपुरी।

लेकिन कांकेर जिले के औद्योगिक नगरी तथा मेडिकल कालेज की सौगात इस धरा को मिलने के बाद  वर्तमान में  भले ही यहां का व्यवसाय में मंदी हो लेकिन तमाम विकास कार्य की सौगात से आने वाला भविष्य तो लखनपुरी का है। यह बात भी लोगों को पता है,इस कारण पूरे धैर्य से लोग जमे हुए है,यह सोच कर कि व्यवसाय आज नही तो आने वाले समय में तो चलेगा! औद्योगिक क्षेत्र में कई औद्योगिक इकाईयां तैयार होकर उत्पादन भी प्रारंभ कर दी है, वहीं मेडिकल कालेज का निर्माण भी यहां से लगे तेलगरा की जमीं पर बनने जा रही है।

आने वाले समय में लखनपुरी का भविष्य है,यह सोच कर ही लोगों ने यहां बसने का मन बनाया और कई नये घर बनते जा रहे हैं। राजमार्ग 30 में जमीन के भाव बढते गए अब स्थिति यह है कि जमीन की उपलब्धता ही नहीं है। सपनों के आशियाने के लिए अब लोग अंदर की जमीन खरीद रहे, पर यहां भी उपलब्धता कम ही है। लखनपुरी में भले ही व्यवसाय वर्तमान में ना हो पर किराये के मकानों का यहां खुब चलन है। इसे देखते अब लोग इस लिहाज से मकान बना रहे है,निश्चित ही आने वाले समय में फलेट संस्कृति का भी पर्दापण हो जायेगा।

बताते चलें राजधानी रायपुर से बस्तर को जोड़ने वाली यानि राष्ट्रीय राजमार्ग 30 जहां सड़कों के किनारे इस तरह आम के पेंड़ हुआ करते थे जो चित्र आज अतीत के पन्नों पद दर्ज हो गए। विकास की दौड़ में सड़क का चौड़ीकरण एवं जहां जहां नगर गांव का सेंटर है वहां वन वे फोरलेन का निर्माण किया गया। अभी इसी मौसम में लोग आम के वर्षों पुराने पेंड़ों पर विश्राम किया करते थे। आम तोड़ कर कई लोग इसे बेचते आचार बनाते।

 

द्रुत आवागमन के चलते वाहनों से न जाने कितने हादसे इन पेंड़ों पर टकराने से भी हुए। वर्तमान में धमतरी से बस्तर संभागीय मुख्यालय जगदलपूर तक चिकने सड़क बन गये,जहां यात्रा का समय बच गया। आपकी कार जरा भी जर्क नहीं किया करती। लेकिन स्वयं आप सोशल पटल आंचलिक अखबारी सुर्खियों पर बने हैं तो यह जानते हैं कि सड़क चिकनी और चौडी होने के बाद भी हादसों में कमी नहीं आई है। लखनपुरी और चारामा के बीच कई दुर्घटनाजन्य स्थलों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं।

राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने इस चौड़ीकरण के बाद पूरे बस्तर तक इस मार्ग को फोरलेन करने की मांग उठा चुकी है, बस्तर सांसद दीपक बैज द्वारा तो संसद में बस्तर तक फोरलेन के संदर्भ आवाज मुखर किये जाने पर मांग भी मान ली गई ऐसा कहा गया,जो आज की बढ़ती यातायात की दृष्टि से बिल्कुल जायज उचित मांग है। रेलवे की सुविधा से महरूम इस संपूर्ण मार्ग को फोरलेन किया जाना जरूरी भी है।

चारामा,कांकेर मध्य बसे लखनपुरी की यह पुरानी तस्वीर है, जिस कानापोड़ गांव के पास का यह चित्र है, अभी यह सब बदल चुका है। जहां आप छोटे छोटे घर देख रहे थे वहां अब पुनः टर्निंग सीधाकरण चौड़ीकरण के नाम मकान मालिकों के खातों में राशि आने से बड़े बड़े भवन बना लिये हैं,तो कई निर्माणाधीन है। कुछ दिन में लोगों को चारामा से कांकेर तक की यात्रा ऐसे लगेगी कि हम किसी महानगर के रास्ते पर हैं,जहां मार्ग का अंत नहीं है। चारामा से लखनपुरी कांकेर जुड़ने इस तरह बेताब हो जाएगा किसी ने नहीं सोचा था। लोगों की राजमार्ग में अपने आशियाने बनाने का शौक इतना कि आज की तारीख में जमीन नहीं मिल रहा है। राजमार्ग में जितने मकान बने हैं, वहां व्यावसायिक काम्पलेक्स जरूर बनाये गये हैं ताकि साथ में वह व्यवसाय भी कर सके।

चारामा से कांकेर की ओर चलें तो पहले पहल चारामा महाविद्यालय,आईटीआई,रेशम संचालनालय, लखनपुरी औद्योगिक क्षेत्र,सीता वाटिका,पालिटेक्निक कालेज,ढाबे,पेट्रोल पंप के साथ लखनपुरी में मेडिकल कालेज भी खुलने जा रही है,जो यहां के विकास की दशा एवं दिशा को बदल देने वाली होगी।

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