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”महात्मा बुद्व”श्री तिलक तनौदी ‘स्वच्छंद’ वरिष्ठ साहित्यकार तनौद‚जांजगीर चाम्पा(छ.ग.)

साहित्यकार परिचय
तिलक तनौदी ‘स्वच्छंद’
पिता-श्री छत्तराम महिपाल
माता- श्रीमती छतबाई महिपाल
जीवन संगिनीश्रीमती अंजू महिपाल
सन्तति- 
जन्म- 05/08/1984
शिक्षा-  यांत्रिक अभियांत्रिकी में पत्रोपाधि
प्रकाशन-1. साँझा संकलन:-मंजिल का सफर(बिहार),बलिदान को नमन(राजस्थान),है नमन उनको (जोधपुर राजस्थान),शोषण के विरुद्ध (देहरादून,उत्तराखंड),सोनहा बिहान(छत्तीसगढ़),अजर अमर सतनाम (छत्तीसगढ़), माटी मोर मितान (छत्तीसगढ़), माँ (छत्तीसगढ़), मेरी कलम से (छत्तीसगढ़),छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन छंद मय (छत्तीसगढ़),एहसास (छत्तीसगढ़),अग्निपथ के राही(छत्तीसगढ़),एक मुस्कान(छत्तीसगढ़),सरगम के मेले(छत्तीसगढ़)
2. प्रकाशित पत्रिका:-राष्ट्रीय हिंदी साहित्य अंचल मंच के मासिक पत्रिका (बिहार),किरण दूत(रायगढ़), कोलफील्ड मिरर (कलकत्ता), काव्य कलश वार्षिक पत्रिका(छत्तीसगढ़), विवेक एक्सप्रेस (मुंबई),मालवा हेराल्ड (उज्जैन,मध्यप्रदेश), साइंस वाणी पत्रिका(रायपुर)।
पुरस्कार-सम्मान – हिंदी साहित्य रत्न सम्मान,साहित्य साधक सम्मान,काव्य साधक सम्मान, प्रेमचंद सम्मान,हिंदी साहित्य सृजक समान,तार्किक साहित्यकार सम्मान, शहीद भगत सिंह स्मृति सम्मान,मान्यवर कांशीराम स्मृति सम्मान,राष्ट्रीय शहीद कीर्ति सम्मान,डॉ. अब्दुल कलाम स्मृति सम्मान,हिंद गौरव सम्मान, उभरता सितारा कलमकार सम्मान,छत्तीसगढ़ कलमकार सम्मान २०२२,कलमकार वंदेमातरम् सम्मान 2022,कलमकार साहित्य शिरोमणि सम्मान 2022, कलमकार अग्निपथ सम्मान 2023, कलमकार साहित्य सरगम सम्मान 2023,कला कौशल सुरगम्य साहित्य काव्य रत्न 2023,कलमकार साहित्य शिखर सम्मान 2023,तीन गोल्डन बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड,छंद लेखन में मैजिक बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड, संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन से सम्मान प्राप्त के साथ विभिन्न मंचो से 100+ सम्मान से विभूषित।
संप्रति- अभियंता (निजी कारखाना में )
सम्पर्क- मु.+पो. – तनौद, व्हाया – खरौद तह. – पामगढ़, जिला – जांजगीर चाम्पा छत्तीसगढ़   ४९५५५६ 
वर्तमान पता : एम.आई.जी ७१ दीनदयाल पुरम कॉलोनी फेस १, आकाशवाणी सड़क,गुरुनानक विद्यालय के पास रायगढ़, छत्तीसगढ़
पिन :- 496001
मो.  9907168707

बुद्ध पूर्णिमा विशेष…..

पाना मात्र ही उपलब्धि नहीं होता, खोना भी बड़ी उपलब्धि है।
सम्बोधि के बाद लोगों ने तथागत बुद्ध से पूछा – आपको इतने लंबे समय के ध्यान से क्या मिला?

बुद्ध बोले- कुछ भी नहीं।
लोगों ने कहा- आप बताना नहीं चाहते इस लिए छुपा रहे हो
बुद्ध ने कहा- नहीं, सच में मुझे कुछ नहीं मिला।

मैंने इस ध्यान साधना से बहुत कुछ खोया
घृणा खोया, लोभ खोया, मोह खोया,इर्ष्या खोया, द्वेष खोया,क्रोध खोया, अहंकार खोया, तृष्णा खोया, लालसा खोया, बुरे विचार खोए,काम-वासना खोया,नकारात्मक भाव खोया। ठीक उसी प्रकार जैसे गंदगी को खोने के बाद वस्त्र स्वच्छ सुंदर हो जाता है वैसे ही मैं आज मैं हो गया हूँ।

लोगों को बुद्ध की बुद्धिमता का स्तर ज्ञात हो गया। ज्ञान और स्वयं का अनुभव है व्यक्ति को उत्कृष्ट बनाता है यह बात बुद्ध से ही सीखने को मिलता है।
आप किसी की बातों में मत आओ, विवेक लगा तर्क की कसौटी में कसो और स्वयं व मानव हित हो तभी मानो

बुद्ध कहते हैं- मैं मुक्ति दाता नहीं ,मार्ग दाता हूँ।
मेरा मार्ग मध्यम मार्ग है।
न शरीर को सुखाओ न उसके वासना को चारा दो, मध्य में रहो।
बुद्ध का मार्ग मानव कल्याण का मार्ग है। उस पर चलना नहीं चलना आप पर निर्भर करता है।

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