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‘मणिशंकर’ की दो किताबों का गरिमामयी आयोजन में विमोचन

 – विमोचन समारोह में क्षेत्र के कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने उपस्थिति दर्ज करायी
बेमेतरा(सशक्त हस्ताक्षर)। गत 19 मार्च को को क्षितिज टावर स्वाद रेस्टोरेंट बेमेतरा में अधिवक्ता मणिशंकर दिवाकर की दो किताबों का विमोचन किया गया। विमोचित किताबों में मुस्कान राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह जो 275 पेज की है साथ ही मैं बेजुबान हूँ जो 106 पेज की है जिसमे हिंदी एवं अंग्रेजी की कविताओं का संकलन किया गया है। क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक आशीष छाबड़ा के मुख्य आतिथ्य व श्रीमती शकुन्तला साहू (अध्यक्ष नगर पालिका परिषद बेमेतरा) की अध्यक्षता में तथा विशिष्ट अतिथि महेंद्र सिंह विरदी (संरक्षक जिला ईकाई रा. कवि संगम, बेमेतरा) ,कमलजीत अरोरा (संचालक, एलन्स पब्लिक स्कूल, बेमेतरा), विवेक सुहास पोल (संरक्षक जिला ईकाई रा. कवि संगम, बेमेतरा) पंकज राठी (समाज सेवी, साजा) व अतिथियों व जन प्रतिनियों श्रोताओं की गरिमामयी उपस्थिती में दोनों साझा संकलन किताब का भव्य विमोचन किया गया।

वही साहित्यकाऱों में से एक विशेष पहचान बनाने वाले अधिवक्ता मणिशंकर दिवाकर गदगद हास्य कवि द्वारा अपनी सतत् मेहनत और लगन के साथ न्यायालय से थोड़ा बहुत समय निकाल कर अपने लेखन में जुटकर अद्वितीय कार्य कर रहें है। एक मुस्कान के सह- संपादक शिक्षक कवि डिजेंद्र कोहिनूर बसना, रमेश कुमार रसिय्यार (गीतकार) नवागढ़़ व संयोजकर्ता श्री उमाशंकर दिवाकर के द्वारा सराहनीय कार्य कर रहे हैं। और लगातार एक से बढ़कर एक अलग – अलग विषयों पर व दो किताबों कि एक मुस्कान एवं मैं बेजुबान हूँ राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह है जो बेहद ही अनोखा और सुंदर बुक प्रकाशन करवाया गया है।

प्रथम बुक  एक मुस्कान में कुल 60 साहित्यकारों ने अपनी कविता गीत रचना देकर एक विशेष पहचान बनाये हैं जिसमें 9 कवयित्रियों ने 51 कवि साहित्यकारों ने अपनी अनुपम कविता रचना प्रेषित किये किये जो आज अपने दैनिक जीवन में हम सभी मानव जीवन को बिल्कुल ही एक नई दिशा प्रदान करने वाली है , जो आज तो हम सभी मानव जीवन अपने दौड़ती भागती जिंदगी में मारा मारी के दैनिक जीवन में मानों लोगों के चेहरे की हंसी मुस्कान गायब सी हो गयी है, इसी मूल उद्देश्य को लेकर मुस्कान पर सभी साहित्यकारों ने रचना भेजकर अतुलनीय सहयोग प्रदान किये हैं जो सफलतम कार्यों में से एक है।

 

दूसरी किताब मैं बेजुबान हूँ – संकलनकर्ता (अधिवक्ता) मणिशंकर दिवाकर गदगद (छ.ग.) व निखिल जैन (महाराष्ट्र) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी एवं अंग्रेजी में 23 साहित्यकारों में से 4 कवयित्रीयों ने 17 साहित्यकारों कवियों ने अपनी – अपनी कलम की ताकत दिखा कर एक विशेष पहचान और अपने आप की मान बढ़ाई है जो कवयित्रियों नें कवि से कम नहीं जो हर स्थितियों में ढ़़लकर जीवन और संघर्षों से लडकर कंधे कंधे कंधा हाथ मे हाथ मिलाकर साथ चलने का सराहनीय एवं प्रंशसन्नीय कार्य किये हैं द्यएक ओर जितने भी बेजुबान जीव जंतुओं एवं जानवर है उनके दैनिक दिनचर्या व उनकी स्थितियों व हालातों को प्रकट किया गया है जो अति सुंदर है और माना जाये तो विशेष रूप से सभी साहित्यकारों प्रदेश स्तरीय ने अपनी सहभागिता निभाकर बहुत ही सुंदर कार्य किया जा रहा है सफलतम आयोजक का शत प्रतिशत श्रेय राष्ट्रीय कवि संगम, जिला ईकाई बेमेतरा छत्तीसगढ़ द्वारा किया जा रहा है।

जानकारी अनुसार अधिवक्ता मणिशंकर दिवाकर गदगद (संपादक) सह- संपादक   डिजेंद्र कुर्रे कोहिनूर , रमेश कुमार रसिय्यार जुगेश बंजारे धीरज उमाशंकर दिवाकर, श्रीमती गंगाशरण पासी, अनील जांगड़े गंवईहा देव मानिकपुरी श्वेत क्रांति, अशोक बंजारे ( शिक्षक/ कवि), गणेश महंत नवलपुरिहा, जवाहर बघेल, श्रीमती ननकी पात्रे मिश्री, वेदप्रकाश खाण्डे़कर, भुवन दास जांगड़े गौटिया,हिरऊ जांगड़े ष् बेगाना डॉ. नरेश जोशी, कमल किशोर नवरंगे, ओमप्रकाश पात्रे, श्री बल्लू बल ठाकुर, दुर्गा प्रसाद कुर्रे, जलेश्वर दास मानिकपुरी, अनिकेत टोण्ड्रे, व साथ मे पत्रकार बंधुओ में अरूण सोनी, मोहन पटेल, दुर्गा प्रसाद सेन, लाला ठाकुर, श्रीमती योगिता साहू, आशिष कंठले, उमाशंकर दिवाकर संकलनकर्ता ( पत्रकार) को व डाक्टर देवा देवांगन (प्रदेशाध्यक्ष) ,प्रणीश चौबे (जिलाध्यक्ष अधिवक्ता संघ),सतीश वर्मा (विशेष लोक अभियोजक),  महेंद्र देवागन (नोटरी अधिवक्ता) ,  राजेश कुमार मिरी, महेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता) भी साल श्रीफल देकर सभी को एक मुस्कान राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह पर कला कौशल सुरगम्य साहित्य रत्न 2023 से व मैं बेजुबान हूँ पर उत्कृष्ट लेखन पर भी साल श्रीफल देकर हर्षित मन से सम्मानित किये।

जिलाअध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम ईकाई संभाग व अंत बल्लू बल ठाकुर द्वारा आभार व्यक्त कर कार्यक्रम को सफल बनाया गया उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के लगभग 200 से अधिक साहित्यकारों ने उक्त कार्यक्रम में भाग लेकर विशेष योगदान रहा जानकारी श्री जुगेश बंजारे धीरज साहित्यकार द्वारा दिया गया।

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