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माँ मनसा देवी जी, रायबरेली(उ.प्र.) श्री मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर, कांकेर (छ.ग.)

(मनोज जायसवाल)
-मोर आदि भवानी तुहीला मंय सुमिरंव मां…..
– रायबरेली का एक प्रमुख मंदिर जो माँ  शक्तिस्वरूपा को समर्पित है।
आपकी अपार करूणा,आपकी ममता,आपका पुण्य प्रताप है, माँ। न हम टूटे न हमारी कभी भावनाएं नहीं टूटी। हर आम और खास पर समान नेमतें बरसाने वाली माताजी कि हम एक दूजे में रूहों से जुड़े रहे,परिवार और समाज से जुड़े रहे। प्रेम का वह बंधन और वह रिश्ता जो ना टूटने की मान्यता हमें सराबोर करती स्नेह और विश्वास की उस अनंत खुशी में डुबो गई, जहां तुमसे हम कभी दूर नहीं जा सकते।
ऐसी कृपा हमेशा बनाए रखना कि हमारे मस्तिष्क पटल में हमेशा आपका ही नाम हो, जीवन के अनंत कठिन पथ पर हमारी अश्रुओं में वो ताकत बनी रहे जो उससे लड़ने की ऊर्जा देे। कुछ इस तरह भी मुरादें चाहते हैं,उस ममतामयी माँ मनसा देवी से।जी, हां! देश के उत्तर प्रदेश का जिला मुख्यालय रायबरेली और इसी नगर में हृदय स्थल पर विराजी श्री माँ मन्शा देवी जो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है।यही कारण है कि नगरीय क्षेत्र से अपितु  आज देश के अन्य कोनों से श्रद्धालु रोते आते हैं,और हंसते जाते हैं। मंदिर में नवरात्र के नौ-दिन ही नहीं वरन पूरे साल भर भींड़ बनी रहती है।
क्षेत्र में यह भी माना जाता है कि इस मंदिर में नये जोड़ियों के रिश्ता स्थापित किये जाने हेतु मनौती मांगे जाने की मुरीद गठबंधन की ताकत कोई नहीं तोड़ सकता। यही कारण कि मां मनसा देवी के बिना आर्शीवाद के जीवन के अभिन्न विवाह संस्कार से लेकर नये वाहन,नये मकान प्रवेश से लेकर हर शुभ काम की शुुरूआत इस मंदिर में पूजा अर्चना से किया जाता है। नवरात्रि में जहां कई माता के भक्त नौ-दिन तक कठोर व्रत रख रहे हैं, वहीं लोग अपने बाल गोपाल के साथ पहूंच कर माता के दर्शन का लाभ ले रहे हैं।
मनसा देवी को शिव की मानस पुत्री कहा जाता है। सात सर्प हमेशा उनकी रक्षा के लिए नियमित होते हैं। अदभुत सौंदर्य लिये प्रतिमा देखते बनती है।ग्रंथों में वर्णन मिलता है। युं तो हमें इस मंदिर के संबंध में कई किवदंतियां भी बतायी गई पर हम यहां प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं।यदि आप उत्तरप्रदेश की यात्रा पर हैं और रायबरेली स्थित प्रख्यात माँ मनसा देवी का दर्शन करने जा रहे हैं तो यहां से मिर्जापुर छोटे अहियारी जो इसी क्षेत्र का गांव है,तकरीबन 25 किलोमीटर दूर इस गांव में प्राचीन स्वयंभु शिवलिंग का दर्शन करना ना भूलें।
हालांकि इस गांव में रूकने के लिए लाजिंग न हो लेकिन मंदिर में भी रूका जा सकता है। नवरात्रि के अवसर पर हम छत्तीसगढ सहित देश के अन्य जगहों पर स्थित मंदिरों पर मुखातिब होते लिख रहे हैं,हमारा किसी भी कथा कहानी के पीछे अंधविश्वास फैलाना,काल्पनिक बातें बताना उद्वेश्य नहीं है। अपितु जो बताया जा रहा,जो देख रहे वही लिखा जा रहा है। रायबरेली प्रयागराज से तकरीबन 150 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां ट्रेन से भी रायबरेली पहूंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन पहूंच कर यहां से लगी मंदिर का दर्शन कर सकते हैं।
इसके साथ ही सड़क मार्ग से चहूंओर से जुड़ा है। पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के चलते माता के भक्त सुगम रूप से दर्शन का आनंद ले पाते हैं। रायबरेली नगर में मनसा देवी के साथ ही अभयदाता हनुमान मंदिर,जगमोहनकेश्वर के साथ और भी दर्शनीय स्थल हैं। जय माता दी…

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