(मनोज जायसवाल)
–11 अगस्त 2024 को मिनीमाता के 52 वीं निर्वाण दिवस पर कांकेर और रायपुर की रहने वाली प्रो . डॉ .आर पी टंडन की सुपुत्री सुश्री अंकिता टंडन को समाज के सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में कला ,साहित्य, संकृति और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए ष्मिनी माता सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया है।
कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)। सतनामी समाज की गुरुमाता ममता की साक्षात प्रतिमूर्ति मिनिमता की 52 वीं निर्वाण दिवस गुरु घासीदास साहित्य एवम् संस्कृति अकादमी तथा राजश्री सद्भावना समिति के सयुक्त तत्वाधान में न्यू राजेंद्र नगर रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य में मनाया गया।
ज्ञात हो की मिनीमाता अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद के रूप में मध्यभारत और भारत की लोकसभा सांसद के रूप में 1952 से 1972 तक सक्रिय और कर्मठ समाज सुधारक तथा एक सशक्त महिला राजनीतिज्ञ की भूमिका अदा करते हुए भारत की सर्वाेच्च राजनीति में अपना मुकाम हासिल करते हुए अस्पृश्यता कानून बिल पास करने में महती भूमिका अदा की थी।जिसे आज सतनामी समाज ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण समाज आज माता ही नहीं गुरुमाता के रूप में अपने दिलों में स्थान बनाती है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में अनेक बड़े बड़े संयंत्रों को स्थापित कराने में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। मिनीमाता प्रथम प्रधान मंत्री नेहरू और इंदिरा की बहुत ही करीबी थीं।इनकी बात को ये ध्यान से सुनते थे और अमल भी करते थे। मिनीमता गरीब, मजदूर, और सर्वहारा वर्ग की हिमायती थी। यही वजह है कि आज सर्व समाज आपको पूजता है। वर्तमान में सतनामी समाज सहित सर्व समाज में पूजनीय है।वे और अधिक प्रासंगिक होती जा रही हैं।
11 अगस्त 2024 को उनकी 52 वीं निर्वाण दिवस पर कांकेर और रायपुर की रहने वाली प्रो . डॉ .आर पी टंडन की सुपुत्री सुश्री अंकिता टंडन को समाज के सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में कला ,साहित्य, संकृति और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए मिनी माता सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया है।
यह सम्मान पूर्व कैबिनेट मंत्री डा शिवकुमार डहरिया ,शकुन डहरिया और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही बिलाईगढ़ विधान सभा की विधायक श्रीमती कविताप्रान लहरे के कर कमलों से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर समाज के सम्मानित सदस्य गण पुरुष, महिला और बच्चे भारी संख्या में उपस्थित थे। सम्मान प्राप्त होने पर अकादमी के अध्यक्ष के पी खांडे, महासचिव जे आर सोनी, प्रवक्ता चेतन चंदेल, बाघमारे, कल्याण रवि, डा आर पी टंडन ,ममता डहरिया, हर्रप्रसाद निडर, जय भीम बौद्ध , उषा टंडन , जिया टंडन, नैना टंडन आदि घर परिवार के सदस्यों सहित मित्रगण आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई एवम् शुभकामनाएं दी है।