(मनोज जायसवाल)
कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)। व्यास पीठ देवी अहिल्या बाई स्मारक समिति नागपुर द्वारा आयोजित अष्टम कार्यक्रम में देश में बस्तर की
पर्वतारोही कु. नैना धाकड को रानी मॉ गाइदिल्यु पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आयोजन में अध्यक्ष अतिथि डॉ. रवि वाईकर ,राष्ट्र सेविका समिति के माजी पूर्व संचालिका प्रमिला ताई,महिला शक्तिस्वरूप प्रमुख संचालिका शांता अक्का, व समस्त समिति की सेविका दीदी, माताये व समस्त संस्था के बच्चे उपस्थित हुए।
आयोजन में मुखातिब होते कु. नैना धाकड ने बताया कि हिमालय पर्वत में हर कठिन समस्याओं में कैसे खुद को व दुसरो की मदद करे। मानसिक व शारीरिक कैसे के खुद को फीट रखें। समाज में शांति, धार्मिकता के प्रति कैसा व्यवहार हो। शिक्षा ,संस्कृति, प्रकृति, पर्यावरण कितना महत्वपूर्ण है, जीवन व समाज कल्याण में बताया। साथ ही मैं जिस मिशन को लेकर 13 साल से पहाड़ो की चढ़ाई में प्रचार प्रसार कर जन जागरण कर रही( मेरा जो मिशन हैं) बेटी नही किसी से कम, बेटी से मिलेगा देश को दम के बारे में बताया।
हिमालय की चढाई करते हुए जो भी दिक्कतें आती हैं, उन विषयों पर समस्या व समाधान के बारे में बताया। पुरुष अगर बल हैं, तो नारी की हैं, शक्ति महिला पुरूष में भेदभाव न हो एक समानता का हो भाव यह भी बताया। मुझे रानी माँ गाइदिन्ल्यू पुरुस्कार से आज सम्मानित किया गया।
कु.नैना धाकड ने कहा इसके लिए मैं राष्ट्रीय सेविका समिति का ह्रदय आभार करती हूं। आप सभी का आशीर्वाद ऐसे ही मेरे ऊपर बना रहे ताकि मैं छत्तीसगढ़,बस्तर का नाम पुरे दुनिया में ला सकु यही मेरी इच्छा है। साथ ही राष्ट्र के उत्थान के लिए अपना जीवन दे सकू यही मेरी दृढ इच्छा हैं। इसके लिए मेरा प्रयास हमेशा से जारी था और जारी रहेगा। आज आप सभी के द्वारा ये महान पुरुस्कार सम्मान प्राप्त करने का मुझे सौभाग्य हुआ।