(मनोज जायसवाल)
कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)पिछले कई वर्षों से अपनी एकमात्र 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए लगातार उद्वेलित सर्व पिछडा वर्ग समाज द्वारा रायपुर-जगदलपूर राजमार्ग 30 पर धमतरी,बालोद,कांकेर की सीमा पर स्थित राजाराव बाबा पठार स्थित एक मैदान में पूर्व नियोजित तिथि 13 सितंबर को विशाल अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया गया। बारिश के बावजूद राजमार्ग 30 में कई हजार की संख्या में लोगों ने पुरूर तक जाकर आक्रोश जताते रैली निकाली। अपरान्ह तीन बजे से देर शाम सात बजे तक चक्काजाम की स्थिति बनी । संगठन द्धारा प्रदर्शन खत्म होने की घोषणा के बावजूद कुछ उत्साही युवकों ने मरकाटोला घाट में जबर्दस्ती सडक रोके रखा जहां ट्रेफिक में पीछे से आ रही शव वाहन भी था। स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया तब जाकर ये युवक हटे और यातायात बहाल हुआ।
इस प्रदर्शन में बस्तर संभाग जगदलपुर सहित मोहला,मानपुर,बालोद,धमतरी,गरियाबंद आदि दूरस्थ जगहों से संगठन के पदाधिकारी एवं समाजजन शामिल हुए।
वैसे तो इस प्रदर्शन को अनिश्चितकालीन जैसे नाम दिया गया था,लेकिन देर शाम तक इसी आयोजन स्थल में कलगांव,अंतागढ़ के कलगांव निवासी असकरण पटेल पिता पांचू राम पटेल उम्र 50 जो सभा स्थल में पहूंचे थे,की तबियत अचानक बिगड गयी,इन्हें धमतरी अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना तथा खराब मौसम को देखते धरना खत्म कर दिया गया। मृतक की आकस्मिक मृत्यु पर उचित मुआवजे तथा परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी देने की मांग की गयी। कलगांव में बुधवार 14 सितंबर को 1.30 बजे हुए अंतिम संस्कार में पिछडा वर्ग संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद रहे लोगों ने अश्रुपुरित श्रद्धांजलि दी।
किस पायदान में….
सर्व पिछडा वर्ग वर्ष 2013 से उद्वेलित रहा है,जहां समाज ने कांकेर से रायपुर तक की पदयात्रा की। विगत वर्षों में 18 अक्टूबर 2021 को भानुप्रतापपुर में अधिकार रैली का आयोजन किया गया। 18 दिसंबर 2021 को चारामा में आयोजन किया। 18 अक्टूबर 2022 को जिला मुख्यालय में इन सब मांगों के तारतम्य विशाल ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। लेकिन आज पर्यंत मामला सिफर है। सर्व पिछडा वर्ग की आबादी के हिसाब से विचार करते छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी तो दी लेकिन कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
सर्व पिछडा वर्ग की मांगों के तारतम्य छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विधानसभा में पक्ष में पास तो कर दिया गया लेकिन राज्यपाल को ड्राफट भेजे जाने के बाद हस्ताक्षर नहीं किया गया। अब इसके बाद सर्व पिछडा वर्ग इस आस में थे कि देर सही न्याय मिलेगा लेकिन यहीं पर मामला अटका हुआ है।
राजाराव पठार मैदान में क्यों?
दरअसल 13 सितंबर का धरना प्रदर्शन का आयोजन वीर भूमि मेला स्थल पर किये जाने हेतु संगठन द्वारा अनुमति चाही गयी थी, ऐन वक्त पर आदिवासी समाज समिति द्वारा इस मैदान में उक्त प्रयोजन के लिए देने से साफ मना कर दिया गया। ऐन वक्त में अब प्रदर्शन हेतु जमीन की थी,जिसे इसी के विपरीत दिशा में स्थित जमीन का चयन कर टेंट लगा कर आयोजन वहीं किया गया। चुंकि यहां बिजली पानी कुछ भी सुविधा नहीं थी,जहां जनरेटर लगाकर पानी टैंकरों से पानी आदि संसाधन जुटा कर आयोजन को मूर्त रूप दिया गया।
क्या है, मांगे?
सर्व पिछडा वर्ग की 11 प्रमुख मांगों में प्रमुख रूप से 27 प्रतिशत आरक्षण सहित अन्य पिछडा वर्ग के लिए पृथक से कोड निर्धारित करते हुए जातिगत जनगणना किया जाये। अन्य पिछडा वर्ग को परंपरागत मूल निवासी होने के नाते पांचवी अनुसुची पेशा कानून में शामिल किये जाने। केंद्र एवं राज्य द्वारा समस्त छात्र छात्राओं के लिए स्कूल,छात्रावास शैक्षणिक संस्थाओं में 27 प्रतिशत लागू किये जाने। एडएमडीसी का मुल्यालय हैदराबाद से जगदलपूर किये जाने। 2005 से काबिज सर्व अन्य पिछडा वर्ग के लोगों के लिए वनाधिकार पट्टा दिए जाने। अनुसुचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एट्रोसिटी एक्ट )1989 के अंतर्गत सर्व अन्य पिछडा वर्ग को भी शामिल किये जाने। तृतीय एवं चतुर्थ समस्त शासकीय भर्तियों में जिलेवार समस्त समस्त उम्मीदवारों को भर्ती में बहाल किये जाने सहित अन्य मांग शामिल है।
घटना को विराम दिए हैं,शांत नहीं-जगन्नाथ साहू
आयोजन मंच से अंतिम उद्बोधन में सर्व पिछडा वर्ग के अध्यक्ष जगन्नाथ साहू ने कहा- पिछले 10 वर्षों से पिछडा वर्ग की मांगों पर हम लगातार आंदोलन कर रहे है। हाल के पांच वर्षों में हमारा मजबूत संगठन है। राजाराव पठार में आयोजित यह प्रथम प्रदर्शन ऐतिहासिक रूप से सफल रहा है। छत्तीसगढ़ के तकरीबन 10 जिलों से हमारे पिछडा वर्ग समाज के पदाधिकारी एक मंच पर आकर यह बता दिया कि हम सब पिछडा वर्ग के लोग एक हैं। हमारे समाज के नागरिक की अचानक मंच पर ही तबियत खराब हो गई इसके लिए शासन प्रशासन से तत्काल एंबुलेस तक की व्यवस्था नहीं करायी गई जिससे समय पर ईलाज ना मिल पाने की वजह से मौत हो गई। इससे गुस्साये लोगों ने आंशिक रूप से चक्का जाम कर दिया। इतने बडे प्रदर्शन के बावजूद सरकार की तरफ से हमारी कोई खबर नहीं ली गयी। भाजपा,कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी अभी तक हमारे संबंध में रूख तक स्पष्ट नहीं कर रही है। लेकिन यह भी बता दें कि घटना से दुखी होकर हम इस आंदोलन को कुछ समय के लिए जरूर विराम दिए हैं,लेकिन हम शांत नही बैठेंगे। अपितु आने वाले समय में पुनः उग्र आंदोलन किया जायेगा।
उपस्थिति रही
इस प्रदर्शन में आंदोलन में प्रमुख रूप से सर्व अन्य पिछडा वर्ग के संयोजक जगन्नाथ साहू सहित संगठन के गौरीशंकर साहू, जितेंद्र साहू, कोंडागांव से जिलाध्यक्ष रितेश पटेल, जगदलपुर जिलाध्यक्ष तरूण ठाकुर, बालोद छगन यदु, बीजापुर रामलाल यादव एवं अशोक यादव, जयंत अटभैया,अरविंद जैन, नरोत्तम वैष्णव‚ हरेश चक्रधारी,सत्कार पटेल‚ केशोलाल सिन्हा, परमेश्वर साहू, मनोज जायसवाल, धनंजय साहू, चिंता राम साहू, परमानंद साहू, बृजलाल साहू, धन्नू साहू,नंद कुमार जैन कांकेर, रमाकांत यादव,लक्ष्मीकांत मुन्ना पटेल सहित काफी संख्या में सर्व पिछडा वर्ग समाज की महिलाएं शामिल रही।