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‘ये सामाजिक सत्ता परिवर्तन की आंधी है’ मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर छ.ग.

 (मनोज जायसवाल)
इन दिनों पूरे बस्तर संभाग में डंडसेना कलार समाज चुनाव का प्रचार-प्रसार जोरों पर है। बस्तर प्रवेश द्वार कांकेर जिले के चारामा विकासखंड के समाज सदस्यों नेे इस बार संभागीय अध्यक्ष पद पर अपने प्रत्याशी को आसीन कराने का मन बना लिया है। इस तारतम्य पांच माह पूर्व ही कई दौर की बैठकें चारामा में हो चुकी थी,जिसमें सर्वसम्मति से चारामा नगर से सटे दिग्गज समाजसेवी पुरूषोत्तम गजेन्द्र को चुनाव में खड़े किए जाने पर सहमति जतायी गयी थी। जरूर यह सामाजिक सत्ता में परिवर्तन की आंधी हो सकती है,लेकिन सियासी से यहां का सिस्टम की अलग होता है। इन बातों को पूरी गंभीरता से विचार करना है। संक्षेप सार यह भी है कि आगामी 30 अप्रेल को चुनाव पर  पूरी प्रतिष्ठा दांव पर भी लगी हुयी है।

परिवर्तन की लहर
चारामा में आयोजित इस सभा में न चारामा विकासखंड अपितु कांकेर जिले सहित अन्य क्षेत्र के समाजजनों ने भाग लिया था। लोगों का साफ कहना था कि बस्तर में समाज की कई प्रमुख मांगों के संदर्भ आंदोलन का आगाज चारामा मुख्यालय से होता रहा है। चारामा क्षेत्र के लोग अपने अधिकारों की मांग पर हमेशा एकजुट रहते हैं,सामाजिक समरसता का बेहद सशक्त स्वरूप यहां देखने को मिलता है। बावजूद इसके यहां के लोगों को समाज द्वारा उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिये जाने से दुःखी एवं नाराज थे। काफी दिनों से ही आगामी चुनाव में परिवर्तन लाने का मन बना लिये थे। चारामा विकासखंड वैसे भी कलार बाहुल्य की श्रेणी में आता है। कुछ गावों में स्वयं लोगों ने आने वाले चुनाव में परिवर्तन लाने ठान डाली है।

सारे दिग्गज एक साथ
परिवर्तन की आंधी चल रही है,इस आंधी में वर्तमान संगठन के तीन से भी अधिक दिग्गज परिवर्तन ग्रुप के साथ पूरे अनुभव और दमदारी के साथ समाजजनों के बीच जा रहे हैं। यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रमुख रूप से जिनकी चर्चा है उसमें दमदार ईमानदार छवि के सोनीलाल जैन, नंदकुमार सिन्हा,निरंजन जैन,देवकुमार जैन, सुलेंद्र नेगी प्रमुख है। इसके साथ जिला मुख्यालय से सटे कोकपूर के वर्तमान में कोषाध्यक्ष के प्रत्याशी देवकुमार जैन इस पैनल में पूरी ऊर्जा के साथ चल रहे हैं,तो सबको संगठित कर एकता के सुत्र में पिरोने वाले माधव जैन, हेमंत सिन्हा,मनोज जायसवाल, फिरतु राम जैन, झाड़ूराम सिन्हा कई गावों के सामाजिक सरपंच सहित असंख्य लोग कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।

शराब के नशे में किसी के भविष्य का फैसला कैसे?
डंडसेना कलार समाज का स्वर्णिम इतिहास रहा है,और इसे बनाये रखना है। पिछले ही आलेख में यह बताया जा चुका है कि हार जीत जिस पक्ष की हो पर बैठना तो एक साथ ही है। एक साथ बैठकर हमे अपनी विरासत भी कायम रखना है। उस दौर की एकता को याद करते जहां हाथ खड़े कर भी किसी पद की जिम्मेदारी सौंप दी जाती थी और उस जिम्मेदारी का निर्वहन भी बखुबी होता था। अतीत में शराब कलार समाज के आय का प्रमुख स्त्रोत रहा। लेकिन कभी स्वयं पान कर इस समाज ने अपनी एकता खंडित होने नहीं दी। लेकिन आज आधुनिक समय में यह गलती ना करे। जब भी कोई सभा हो उससे पूर्व या बाद में भी उस जगह शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

अपने ही समाज में इसका गलत प्रभाव जाता है। उल्लेख करते शमिंदगी का भी अहसास होता है जहां समाज की सभा जिसे समाजगंगा कहा जाता है,कई बार देखा गया है कि शराब पीकर भी कई लोग गलत बयानबाजी करते हैं। पेड्रावन में ठीक ऐसा ही एक बार की सभा में हुआ था जहां कुछ लोग शराब के नशे में मंचासीन हो गए थे। एक सामाजिक नेत्री ने यह कह कर उठ कर चली गयी थी कि शराब के नशे में आप कैसे किसी के भविष्य का फैसला कर सकते हैं। क्या था! वह सभा ही ना हो पायी।

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