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‘छत्तीसगढ़ी राज बने के बाद छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य मा नवाचार’- डुमन लाल ध्रुव

साहित्यकार परिचय-

श्री डुमन लाल ध्रुव
जन्म- 17.09.1974
माता-पिता
शिक्षा- एम.ए. संगीत, संस्कृत, भारतीय कला का इतिहास एवं संस्कृति।
प्रकाशन- अंजोर बांटे के पहिली। छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक परिदृष्य।(पहचान प्रकाशन रायपुर) पैदल जिंदगी का कवि-नारायण लाल परमार(व्यक्तित्व कृतित्व पर केंद्रित) आशु प्रकाशन इलाहाबाद, भाषा के  भोजपत्र पर विप्लव की अग्नि ऋचा-मुकीम भारतीय(व्यक्तित्व कृतित्व पर केंद्रित) अमरित बांटिस जग ला-भगवती सेन (व्यक्तित्व कृतित्व पर केंद्रित) पहचान प्रकाशन रायपुर। मेहतर राम साहू (व्यक्तित्व कृतित्व पर केंद्रित), सप्तपर्णी,सोनाखाान का सिंह शहीद वीरनारायण सिंह,वीरांगना रानी दुर्गावती,लोक जीवन के संदर्भ में ( आशु प्रकाशन इलाहाबाद
सम्मान-कला वैभव सम्मान उज्जैन(म.प्र.) फिल्म फेस्टिवल सम्मान भिलाई। नारयण लाल परमार स्मृति सम्मान बागबाहरा-प्रथम युवा साहित्यकार के रूप में। स्व. मेहतर राम साहू स्मृति सम्मान छत्तीसगढी साहित्य समिति रायपुर। सामाजिक सद्भाव समरसता राष्ट्रीय तैलिक साहू समाज दिल्ली द्वारा वार्षिक अधिवेशन राजनांदगांव। तुलसी मानस प्रतिष्ठान  सम्मान गुरूर। राम राष्ट्रीय सौहाद्र के प्रतीक व्याख्यान मानस मर्मज्ञ दाउद खां रामायणी की उपस्थिति में संस्कृति विभाग छ.ग. शासन रायपुर द्वारा सम्मानित। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा सम्मानित। प्रेरणा साहित्य सम्मान बालोद। सदस्य- केन्द्रीय विद्यालय प्रबंधन समिति।
सम्प्रति- प्रचार-प्रार अधिकारी, जिला पंचायत-धमतरी(छ.ग.)
सम्पर्क- मुजगहन,धमतरी(छ.ग. )पिन-493773 मोबा. 9424210208

#छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग छत्तीसगढ द्वारा आयोजित सातवॉं प्रान्तीय सम्मेलन-2023 जो कि 23 से 24 सितंबर तक होटल बेबीलॉन इंटरनेशनल वीआईपी रोड रायपुर में आयोजित किया गया। प्रदेश भर से पहूंचे साहित्य हस्तियों में धमतरी जिला साहित्य समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री डुमन लाल ध्रुव द्वारा मंच में दिए अपने छत्तीसगढ़ी व्याख्यान के अंश। प्रस्तुत है……

 

”छत्तीसगढ़ी राज बने के बाद छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य मा नवाचार”

छत्तीसगढ़ी राज बने के बाद छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य मा नवाचार करे मा छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग हा सारथक भूमिका ला निभावत हे। जब हम छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य के गहराई मा जाथन तो ओखर परयोजन के परत हा बारी -बारी ले खुलत जाथे। आज समाज मा जतेक बदलाव होवत हे ओखर सोजहा परभाव पड़त हे। चाहे ओखर बदलाव हा भौगोलिक होय चाहे समाजिक।

हर कालखंड के अलग-अलग इतिहास होथे। अलग-अलग सभ्यता होथे जउन अपन अवइया पीढ़ी बर कुछ न कुछ चिन्हा के रूप मा छोड़ जाना चाहथे। अउ ते अउ अपन सांसकिरितिक जीवन ला धरोहर के रूप मा संजोये खातिर सरजना घलो करथे। छत्तीसगढ़ राज बने के बाद गद्य साहित्य मा जउन नवाचार के परभाव दिखत हें ओहे ओखर भासा के परभाव। छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य हा लोक के आवाज हे, ओखर भासा हे। नवाचार अपना के हम ओखर भासा साहित्य ला जीयत हन।

 

नवा नवा साहित्य सिरजन करत हन जेखर ले हमर साहित्य हा समृद्ध होय हे। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग हा अब तक लगभग तीन सौ गद्य साहित्य ला प्रकाशित करके आगू लाये हे। येखर बर संसकिरिती विभाग के सचिव, संचालक महोदय सिरी विवेक आचार्य जी अउ छत्तीसगढ़ राजभासा आयोग के सचिव डॉ.अनिल भतपहरी जी के ये उदिम खातिर आप सबके ओर से जय जोहार।
संगवारी हो हमर गद्य साहित्य के भासायी दृष्टिकोण के नवाचार समाजिक आवश्यकता के अनुरूप होये हे। हमर संघर्ष के ऐतिहासिक चेतना ला अभिव्यक्त करे के माध्यम हे हमर छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य हा।

 

संगवारी हो छत्तीसगढ़ राज बने के बाद सन् 2007 मा छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के गठन होइस। अउ आयोग हा नवा नवा उदिम ले काम कारज घलो करत हावय। आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य मा नवाचार के जरिए प्रकाशन ला महत्व दिये गे हवय ओहर संहराय के लाइक हे।कतको लिखइया पढ़इया साहित्यकार मन आरथिक अभाव के चलते किताब प्रकाशन के मामला मा दम तोड़ देथे। फेर राजभासा आयोग हा अइसन गुनी साहित्यकार मन के पांडुलिपि ला विद्वान साहित्यकार मन ले जांच परख के प्रकाशन के दिशा ला आगू बढ़ाये हे। ये गरब के बात आय के वित्तीय वर्ष 2024-25 मा एक विषय के रूप मा कक्षा-01 से कक्षा-05 तक छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम के शुरुआत हो जाही।

 

संगवारी हो आपमन ये भी जानत हव के सन् 2013 मा छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध साहित्यकार   दुर्गा प्रसाद पारकर कृत चिन्हारी द्वारा आयोजित स्वामी स्वरूपानंद महाविद्यालय के जलसा मा एम.ए. छत्तीसगढ़ी के डिगरी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से शुरू होइस। 20 जुलाई 2023 से प्रदेश के मुखिया  भूपेश बघेल  के भेंट मुलाकात कार्यक्रम मा एम.ए. छत्तीसगढ़ी के विद्यार्थी मन बर रोजगार के बेवस्था करे के घोषणा किये गे हवय। लोकसाहित्य मा योगदान देवइया छत्तीसगढ़ी के साहित्यकार मन ला तीन अलग-अलग कैटेगरी मा पांच-पांच लाख रुपए के पुरुस्कार दिये जाये के घोषणा।

 

07 अगस्त 2023 को एनडीटीवी मा छत्तीसगढ़ी मा पीएचडी करइया मन ला नौकरी के बेवस्था किये जाही। अइसने किसिम ले प्राथमिक स्कूल बर एक विषय के रूप मा पाठ्यक्रम मा पढ़ाये के घोषणा करे गे हवय। ओइसने अवइया समय मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय अउ हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूल मा पाठ्यक्रम लागू किए जाए। संगे-संग छत्तीसगढ़ के जम्मो विश्वविद्यालय के महाविद्यालय मन मा एम.ए. छत्तीसगढ़ी के डिग्री प्रारंभ किये जाये। राज्य के निजी अउ सरकारी स्कूल मन मा घलो एक विषय के रूप मा पाठ्यक्रम लागू किए जाय। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल असन छत्तीसगढ़ी माध्यम के स्कूल शुरुआत किये जाये जइसे अन्य राज्य मा संचालित हे। काबर के हमर राज के पहिचान हे हमर छत्तीसगढ़ी भासा।

 

छत्तीसगढ़ी मा गद्य साहित्य के प्रकाशन होये ले क्षेत्र के एक दूसर साहित्यकार मन प्रकाशित गद्य साहित्य के निकट आये ला मिलिस। भाषाई दृष्टिकोण से जाने बर मिलिस। अउ इही आदान-प्रदान ले हर क्षेत्र के भाषा के साहित्य ला नवा रद्दा मिलिस। हमर चेतना के विकास होइस। आगे भी छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग हा नवाचार के माध्यम ले समरिद्ध करे के परयास किये जात हे। छत्तीसगढ़ी लिखइया साहित्यकार मन के स्तर हा ऊंचा घलो होवत हे।
 

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