कविता काव्य देश

”रक्षाबंधन” श्रीमती रानी शर्मा समाजसेवी‚कांकेर छत्तीसगढ

”रक्षाबंधन”
सावन पूर्णिमा का पावन त्यौहार।
बहना करती बरस भर इंतजार।
भाई- बहन के अटूट प्यार का बंधन।
जीवन के मधुर यादों का बंधन।

राखी के दिन भैया आना।
पूजा की थाल सजा रखी है बहना।
रोली,अक्षत,आरती,मिठाई,
प्यार भरी रेशम की राखी लाई।

माथे में लगा रोली का टीका
कहे जग में दमकता रहे भाई।
भाई की कलाई में बांध राखी।
आरती उतार, खिलाकर मिठाई।

उनकी लंबी उम्र की दुआ मांगती।
बहना की सदा लाज रखना मेरे भाई।
एक दूजे का सदा साथ
निभाने की देते हैं दुहाई।

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