साहित्य वह रचना है जो संस्कृति को प्रसारित करती है-जगदीश रामू रोहरा
(मनोज जायसवाल)
– साहित्यकार नारायण लाल परमार, त्रिभुवन पाण्डे, मुकीम भारती, भगवती सेन के नाम से होगा मार्ग का नामकरण। घोषणा पर नगर के कलमकारों में हर्ष व्याप्त।
धमतरी(सशक्त हस्ताक्षर)। जिला हिन्दी साहित्य समिति द्वारा म्युनिसिपल स्कूल के पीछे साहित्य भवन में नगर पालिक निगम धमतरी के नव निर्वाचित महापौर माननीय जगदीश रामू रोहरा , के अभिनंदन में सम्मान समारोह आयोजन कर शाल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह, पुष्प गुच्छ, एवं अभिनंदन पत्र के साथ साफा पहनाकर नगर के साहित्यकारों, गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति एवं गरिमामय माहौल में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती कौशिल्यादेवांगन सभापति (स्पीकर) नगर पालिक निगम धमतरी , विशिष्ट अतिथि योगेश लाल पार्षद रिसाई पारा पश्चिम नगर पालिक निगम धमतरी श्रीमती विभा चंद्राकर पार्षद नगर पालिक निगम, सुरजीत नवदीप (सुप्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कवि एवं संरक्षक धमतरी जिला हिन्दी साहित्य समिति) एवं अध्यक्ष डुमन लाल ध्रुव की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। कवयित्री श्रीमती कामिनी कौशिक द्वारा रचित स्वागत गीत का संगीतकार रिजवान अली अंजुम के द्वारा प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का शाल, श्रीफल प्रतीक चिन्ह एवं पुष्पमाला भेंट कर सम्मानित किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन अध्यक्ष डुमन लाल ध्रूव तथा समिति का मांग प्रतिवेदन सचिव डॉ. भूपेन्द्र सोनी ने प्रस्तुत किया। कवि श्री दीप शर्मा ने महापौर जगदीश रामू रोहरा जी की विस्तृत जीवन परिचय से अवगत कराया।
धमतरी जिला हिन्दी साहित्य समिति द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में महापौर माननीय जगदीश रामू रोहरा जी ने कहा कि – आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती है। धमतरी के साहित्यकारों को नमन है। साहित्य वह रचना है जो संस्कृति को प्रसारित करती है अधिकांश साहित्य लिखित होता है। यशस्वी कवि स्व.श्री नारायण लाल परमार, मरहूम गीतकार गजल गो मुकीम भारती, व्यंग्यकार त्रिभुवन पाण्डेय, सर्वहारा वर्ग के कवि भगवती सेन, रमेश अधीर एवं हास्य व्यंग्य के सुप्रसिद्ध कवि सुरजीत नवदीप ये सभी महान विभूतियां हैं। साहित्यकार समाज को नई दिशा देते हैं। राजनीति के गुर सिखाते हैं। आगे बढ़ने का हौसला देते हैं। नये रचनाकारों को मंच देने की बात कही गई।
जिला हिन्दी साहित्य समिति की विभिन्न मांग जैसे नगर पालिक निगम धमतरी द्वारा रिसाई पारा पश्चिम धमतरी में निर्मित साहित्य भवन का विधिवत रूप से अधिकार पत्र प्रदाय करने, निर्मित भवन में विद्युत कनेक्शन, पेयजल की व्यवस्था, सुव्यवस्थित शौचालय, परिसर के बाहर बने नाली को चेंबर से ढके जाने, वरिष्ठों के लिए सीढ़ी में रैलिंग लगाने, देश में साहित्य की कीर्तिपताका फहराने वाले यशस्वी साहित्यकार स्व. श्री नारायण लाल परमार के नाम से (चर्च के पास पुराना ओम शांति भवन मार्ग पीटर कालोनी टिकरापारा ), त्रिभुवन पाण्डेय ( अंबेडकर चौक के पास सोरिद नगर मार्ग ), मरहुम गीतकार मुकीम भारती रत्नाबांधा एवं सर्वहारा वर्ग के प्रख्यात कवि भगवती सेन के नाम से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू छोटे लाल श्रीवास्तव घर के पास मार्ग का नामकरण करते हुए जनमानस के सुविधा के लिए सांकेतिक बोर्ड लगाई जाने की यथोचित मांग को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किये जाने की घोषण की गई।
कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवांगन ने हिन्दी हमारी मातृभाषा है। हम सभी काम काज में पूरी संजीदगी के साथ उपयोग करते हैं। आयोजित अभिनंदन समारोह की सराहना करते हुए साहित्य समिति को हमेशा सहयोग करने की बात कही गई। विशिष्ट अतिथि योगेश लाल ने कहा कि धमतरी नगर के महापौर जगदीश रामू रोहरा जी ऊर्जावान और प्रेरक व्यक्तित्व के धनी हैं। नगर को अदद पहचान दिलाने के लिए जनमानस के कार्य करते हैं।
धमतरी की साहित्य समिति सन् 1933 से निर्मित है, पुरानी संस्था है। जिनका नवीन साहित्य भवन रिसाई पारा पश्चिम में नगर पालिक निगम द्वारा बनाया गया है। यह इस शहर की उपलब्धि है। हिन्दी साहित्य के आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी का लिखित इतिहास की चर्चा करते हुए कार्यक्रम को रोचक व प्रमाणिक बना दिया। साहित्यकार श्री सुरजीत नवदीप ने कहा कि मैं क्या छोड़ जाऊंगा जो निकलना था वह निकल गया । सेवाएं मिलती रहे सेवा करते रहे , मेवा मिलेगा। कब जाएंगे, बेटा- पापा तुम तब जाओगे जब हम लोग रहेंगे, कोई नहीं रहेगा, सेवा खूब करें तब जाएं सेवा कर रहे हैं उसको सब कुछ मिलेगा धन्यवाद देता हूं। आज महापौर रामू रोहरा जी का जिला हिन्दी साहित्य समिति द्वारा अभिनंदन कर हम स्वयं गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
समिति द्वारा विभिन्न मांगों को समयबद्ध पूरी किये जाने की घोषणा के प्रति धन्यवाद ज्ञापित की। आमंत्रित अतिथि माननीया श्रीमती विभा चंद्राकर ने भी कार्यक्रम की खुले मन से प्रशंसा की। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन कवयित्री श्रीमती कामिनी कौशिक ने की तथा आभार प्रदर्शन चन्द्रशेखर शर्मा ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से गोपाल शर्मा, मदन मोहन खंडेलवाल, डॉक्टर चंद्रशेखर चौबे, आकाशगिरी गोस्वामी, कुलदीप सिन्हा, विनोद रणसिंह, राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा, नरेश चंद्र श्रोती, राकेश दीवान, देवेन्द्र मिश्रा,नजीर सिद्दीकी, किरण साहेब, डॉ. सरिता दोशी, डॉ. रचना मिश्रा, श्रीमती रेखा परमार, माधुरी मार्कण्डेय, जानकी गुप्ता, कल्पना ध्रुवंवंशी, नीरज श्रीवास्तव, प्रीतपाल छाबड़ा, गोपाल साहू, मोहम्मद तारिक बेदार, कुंदन सिंह ठाकुर, वैभव कौशिक, उपस्थित थे।