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मुस्कुराता पतझड़ रश्मि विपिन अग्निहोत्री के काव्य-संग्रह का हुआ विमोचन

– बसंत पंचमी पर भव्य साहित्योत्सव का आयोजन संपन्न कविताओं से मंत्र मुग्ध हुए श्रोता,

कोण्डागांव(सशक्त हस्ताक्षर)। गत 14 फ़रवरी को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर संध्या 4बजे मॉं दंतेश्वरी हर्बल इस्टेट कोंडागांव में राष्ट्रीय मासिक साहित्यिक पत्रिका ककसाड हिन्दी साहित्य भारती छग,हिन्दी साहित्य परिषद व सम्पदा स्वयं सेवी संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में पुस्तक विमोचन व काव्य सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय समाजसेवी भूपेश तिवारी, कार्यक्रम की अध्यक्षता की जनजातीय कला,चेतना संस्कृति व साहित्य की मासिक पत्रिका ककसाड़ के सम्पादक डॉक्टर राजा राम त्रिपाठी.विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित थे लोकेश गायकवाड़ जिलाध्यक्ष राजपत्रित अधिकारी कर्मचारी संघ कोंडागांव फादर जोसफ, हरेंद्र यादव जिलाध्यक्ष छ ग हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव व कवयित्री रश्मि विपिन अग्निहोत्री।

कार्यक्रम की शुरुआत आमंत्रित अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुआ इस अवसर पर सरस्वती वंदना बृजेश तिवारी द्वारा प्रस्तुत गया।
सभी अतिथियों का स्वागत शा उ मा वि किबई बालेंगा के छात्रों द्वारा बनाये गये छिन्द के पत्तों के गुलदस्तों से किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन शायर तौसीफ़ आलम ने अपने अनोखे अंदाज़ में किया। अंचल की लोकप्रिय कवयित्री रश्मि अग्निहोत्री के काव्य संग्रह मुस्कुराता पतझड़ का आमंत्रित अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया ।काव्य संग्रह पर अपनी बात रखते हुए

रश्मि अग्निहोत्री ने कहा कि मुस्कुराता पतझड़ काव्य संग्रह में महिलाओं के संघर्ष और विपरीत परिस्थिति में उनके आगे बढ़ने की ,हिम्मत ना हारने की भावनाएं परिलक्षित है। नारी पतझड़ का पर्याय है लेकिन वह विपरीत परिस्थितियों में भी बसंत की आश नहीं छोड़ती। और सृजन,समर्पण से अपनी नियति स्वयं बनाती है।
नारी किस तरह अपने प्रयासों से सम्बन्ध जोड़ने का काम करती है तथा बदलते स्वरूप में भी नारी अपने को मर्यादित रखें इसकी भी जिम्मेदारी नारी की है ,यह मेरी कविताओं में आप देखेंगे.

काव्य संग्रह पर आलेख पठन सर्वप्रथम वरिष्ठ साहित्यकार यशवंत गौतम ने किया जिसमें उन्होंने कविताओं की विस्तृत चर्चा की तथा सभी कविताओं को हर दृष्टि से उत्कृष्ट बताया तथा कवयित्री को शुभकामनायें दी।

वरिष्ठ साहित्यकार घनश्याम नाग ने भी कविताओं पर अपनी बात रखी और कहाँ कि कविताओं में नारी मन की भावनाओं और नारी के सुख दुख मे भी संयमित रहने का सुंदर चित्रण किया गया है. साहित्यकार बृजेश तिवारी ने भी काव्य संग्रह की सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत की और कम समय में तीसरे काव्य संग्रह के लिए उन्हें बधाई दी मुख्य अतिथि समाजसेवी भूपेश तिवारी ने नारी संघर्ष पर केंद्रित मुस्कुराता पतझड़ को बेहतरीन काव्य संग्रह बताया तथा कहा कि नारी के संघर्ष के लिए हम पुरुष वर्ग ही जिम्मेदार हैं हमें संवेदनशील होने की जरूरत है।

कर्मचारी नेता व लोकप्रिय शिक्षक लोकेश गायकवाड़ ने अपने उद्बोधन में रश्मि जी को बधाई देते हुए कहा कि यह केशकालवासियों के लिए गर्व की बात है कि रश्मि जी के अल्प समय में ही तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं उनकी रचनाओं में नारी के विभिन्न रूपों का परिचय मिलता है । मुस्कुराता पतझड़ में संकलित उनकी सभी कविताएं न केवल भावपूर्ण है बल्कि शिक्षाप्रद भी है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे देश विदेश में समान रूप से चर्चित व लोकप्रिय डॉ राज़ाराम त्रिपाठी ने अपने सारगर्भित उदबोधन में काव्य संग्रह मुस्कुराता पतझड़ को समकालीन उत्कृष्ट रचना बताया और कहा कि नारी पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है वह दो परिवारों को जोड़ने का आगे बढ़ाते हुए सारे रिश्ते नाते भी निभाती है काव्य संग्रह में नारी के कभी न हारने वाले रूप का सुन्दर चित्रण है उन्होंने कवयित्री को ढे़र सारी शुभकामनायें दी और इतने कम समय में इनकी यह तीसरी किताब है मुझे उम्मीद है रश्मि जी किताबों का अर्धशतक जरूर लगाएंगी ।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे फादर जोसेफ ने इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रमों को समाज को आगे बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी बताते हुए मंच से सभी को शुभकामनाएं दी। कोंडागांव मे टेनिस के खेल को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने वाले राष्ट्पति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक आर के जैन ने भी रश्मि जी को मुस्कुराता पतझड़ के विमोचन की बधाई दी तथा लेखन के क्षेत्र मे निरंतर आगे बढ़ने हेतु शुभकामनायें दी. काव्य संग्रह को साहित्य जगत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया इसके बाद आमंत्रित अतिथियों द्वारा श्ककसाड़श् के नवीन अंक का विमोचन किया गया. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मासिक पत्रिका श्ककसाड़श् अपने दसवे वर्ष मे प्रवेश कर चुका है, इस उपलब्धि के लिए सबने सम्पादक डॉक्टर राजा राम त्रिपाठी व कुसुमलता जी तथा ककसाड़ की पूरी टीम को को बधाई दी।

कार्यक्रम के अंतिम भाग मे बसंतोत्सव पर काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया जिसकी शुरुआत अंचल मे स्वर कोकिला के रूप मे विख्यात शिप्रा त्रिपाठी ने बेहतरीन ग़ज़ल से किया जिसे सुन सभी मंत्र मुग्ध हो गये तत्पश्चात् पहली बार मंच पर प्रस्तुति देने आये कवि पुष्पराज़ अनंत ने अपने बस्तर पर आधारित छत्तीसगढ़ी गीत से सबका दिल जीत लिया सबने बहुत प्रशंसा की कवयित्री रश्मि विपिन अग्निहोत्री ने अपनी मर्मस्पर्शी कविता से सबको प्रभावित किया मुस्कुराता बस्तर के नाम से प्रसिद्ध डॉक्टर विश्वनाथ देवांगन ने बस्तर मे पलायन जैसी गंभीर समस्या पर केंद्रित हलबी मे लघु कथा सुनाकर सबको सोचने पर विवश किया सुविख्यात ग़ज़लकार बरखा भाटिया ने हास्य ग़ज़ल सुनाकर सबको बहुत हंसाया, गुदगुदाया

. साहित्यकार बृजेश तिवारी ने बसंत पंचमी पर केंद्रित गीत सुनाकर अपना अलग रंग जमा दिया. समाज सेविका ज्योति जैन ने अपनी रचनाओं से सबको बहुत प्रभावित किया और प्रशंसा बटोरी .अपनी प्रस्तुति के अनोखे अंदाज़ के लिए जानी जाने वाली कवयित्री दंतेश्वरी नायडू ने अपनी जोशीली प्रेरणादायक कविताओं से सबका दिल जीत लिया.वरिष्ठ साहित्यकार घनश्याम नाग ने शिक्षा तंत्र पर प्रहार करती हुई अपनी

छत्तीसगढ़ी रचना सुनाकर सबको गुदगुदाया छ ग हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव के अध्यक्ष हरेंद्र यादव ने अपने चिर परिचित अंदाज़ मे कविता सुनाकर सबको हँसाया सबकी फरमाइश पर उन्होंने अपनी चाटी वाली रचना भी सुनाई वरिष्ठ साहित्यकार यशवंत गौतम ने हलबी की लोकप्रिय गाँव यानि गाँव वाली रचना सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध किया

युवा हास्य व्यंग्यकार उमेश मंडावी ने सबकी विशेष फरमाइश पर आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपनी चर्चित चुनाव वाली कविता सुनाकर सबको खूब हसाया तत्पश्चात् डॉक्टर राजा राम त्रिपाठी ने सबके आग्रह पर बस्तर के जन-जीवन व पर्यावरण पर केंद्रित गंभीर और सोचने पर विवश करने वाली कविता सुनाकर सबको प्रभावित किया. मुख्य अतिथि भूपेश तिवारी ने एक बहुत ही शिक्षाप्रद प्रेरणादायक गीत सुनाकर सबका दिल जीत लिया. अंत मे कार्यक्रम के संचालक और बेहद कम समय मे ही अपनी शायरी से सबका दिल जितने वाले शायर सैयद तौसीफ़ आलम ने अपनी शायरी व कविताओं से बसंतोत्सव के इस आयोजन को सार्थक कर दिया आभार प्रदर्शन छ ग हिंदी साहित्य परिषद के सचिव उमेश मंडावी ने किया इस अवसर पर अंशा तौसीफ कामिनी गायकवाड़, हर्षित अग्निहोत्री

अनुराग त्रिपाठी विजय पांडे शंकर रमेश पांड्या, गीता दीदी, रायपुर से पधारे वरिष्ठ पत्रकार कमल शर्मा व साथी गण, विकास मित्र समाजसेवी संस्थान के प्रमुख धनराज कुलदीप,कृष्णा नेताम, और मिस्टर मैंगो की उपस्थिति तथा योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा।

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