‘सामाजिक सत्ता के लिए चुनाव’ मनोज जायसवाल संपादक सशक्त हस्ताक्षर कांकेर छ.ग.
-प्रचार प्रसार में आयी तेजी। सभी को अब 30 अप्रेल का इंतजार।
(मनोज जायसवाल)
कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)। दो दिन बचे हैं, बस्तर संभागीय डंडसेना कलार चुनाव को जिसे लेकर दो प्रमुख टीम आज से ही अपने प्रचार-प्रसार में तेजी लाते हुए धुंआधार जनसंपर्क बनाये हुए है। सामाजिक सत्ता के लिए अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव एवं कोषाध्यक्ष का चुनाव होना है, जो पद संवैधानिक रूप से मतदान से निर्वाचित होते हैं। आम लोग एक दूसरे गांव क्षेत्रों का चुनावी हालचाल ले रहे हैं, लेकिन जीत-हार को लेकर स्पष्टया बोलने कई लोग बच रहे हैं,क्योंकि जो जिस टीम के साथ है उन्हें ऐसा लगता है कि वो ही जीत रहा है। पूरे महीने से कई जगह जारी सभा का समापन होकर अब सीधे प्रत्यक्ष रूप से लोगों से मुखातिब होने पर प्रत्याशियों का ध्यान है। बावजूद इसके लोगों का मानना है कि चुनाव है,ज्यादा कुछ भी बोलना उचित नहीं है,परिणाम बतायेगा।
परिवर्तन ग्रुप फोटो वायरल
परिवर्तन ग्रुप का यह चित्र आया है,जिसमें डंडसेना कलार समाज नहरपुर के मंच पर लोग अभी से विजय होने की बातें हाथों की उंगली से वी दिखा कर कर रहे हैं। यह फोटो सोशल ग्रुपों में खुब वायरल हो रहा है। लोगों को आकषित करने की कड़ी में एक धार्मिक आयोजन की वाल भी सोशल में डाली गयी है। यानि कि किसी भी एंगल से उनका प्रचार हो और इस चुनावी परीक्षा में पास हो जाएं।
जनसंपर्क के नाम पर प्रत्येक घर में अपनी पहूंच बनायी जा रही है,वही जिनके घरों में शादी,छट्ठी से लेकर अन्य आयोजन है वहां भी पहूंचकर आर्शीवाद ले रहे हैं। भरी गर्मी को देखते हुए समाज जन सुबह प्रहर से संभागीय मुख्यालय पहूंचने की योजना बना चुके हैं। प्रत्याशी इस बात का ख्याल रख रहे हैं कि किसी को कोई परेशानी न हो।
प्रत्याशी अपने पाम्पलेट,नकली मतपत्र के जरीये अपने चुनाव चिन्ह जिसमें मतदान किये जाने का आर्शीवाद मांग रहे हैं। विधिवत ग्राम्य देवी देवताओं का भी पूजा अर्चना कर आर्शीवाद लिया जा रहा है।
समाज सर्वोपरि
डंडसेना कलार समाज चुनाव पर अन्यों की भी नजरें टिकी हुई है, वो भी इस चुनाव की जानकारी ले रहे हैं,जिन्हें इस सामाजिक सत्ता से सामाजिक सरोकार नहीं है। लेकिन दूरगामी सोच को रखते हुए वो भी नजरें टिकाये हुए हैं। लेकिन इस चुनाव में किसी भी तरह राजनीतिक सोच विचारधारा किसी भी समाजजन का नहीं है,जिसे स्वजातीय जानते हैं। लेकिन जो जिस संस्था के प्रति आस्था है, उसे वहीं रहना है। हो सकता है आने वाले चुनावों के परिप्रेक्ष्य लोगों का विचार हो पर समाज के अंदर सियासी विचारों का कोई स्थान नहीं है,सबके लिए समाज सर्वोपरि है।
वाहनें बुकिंग पर
30 अप्रेल की तारीख पर गावों में सामाजिक चुनाव में जाने के लिए कई वाहनें बुकिंग पर है। ऐसी बात नहीं कि केवल सामाजिक चुनाव के चलते बुकिंग पर हो अपितु इस तारीख में वैवाहिक लग्न के चलते कई शादियां हो रही है,जिसके चलते वाहनों की बुकिंग पहले पहल हो चुकी है।