-छत्तीसगढ़ कलमकार मंच मस्तूरी, बिलासपुर द्वारा तृतीय वार्षिक अधिवेशन 2 मार्च 2025 में सर्वसम्मति से चयनित 8 साहित्यकारों को मुख्य अतिथि द्वारा मेडल पहनाकर “कलमकार साहित्य-श्री अलंकरण” प्रदान किए गए।
बालोद(सशक्त हस्ताक्षर)। हस्ताक्षर साहित्य समिति दल्लीराजहरा के तत्वावधान में 22 मार्च 2025 को स्थानीय निषाद समाज भवन में डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति के मुख्य आतिथ्य में एक शानदार साहित्य गोष्ठी आयोजित की गई। सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ महतारी के तैल चित्र पर टीका लगाकर, माल्यार्पण कर एवं अगरबत्ती जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान सामूहिक रूप से राज्य गीत- “अरपा पैरी के धार” गाया गया। डॉ. श्रीमती शिरोमणि माथुर एवं जनाब लतीफ खान इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे। पूजा अर्चना पश्चात उपस्थित अतिथियों एवं साहित्यकारों का स्वागत गुलदस्ता भेंट कर किया गया। तत्पश्चात हस्ताक्षर साहित्य समिति के पदाधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथि डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति का स्वागत शाल एवं श्रीफल भेंट कर किया गया। पश्चात छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग से प्रकाशित उनकी 55वीं कृति- “कठवा” छत्तीसगढ़ी कहानी संग्रह का द्वितीय विमोचन किया गया।
छत्तीसगढ़ कलमकार मंच मस्तूरी, बिलासपुर द्वारा तृतीय वार्षिक अधिवेशन 2 मार्च 2025 में सर्वसम्मति से चयनित 8 साहित्यकारों को मुख्य अतिथि द्वारा मेडल पहनाकर “कलमकार साहित्य-श्री अलंकरण” प्रदान किए गए। अलंकरण प्राप्त करने वालों में डॉ. शिरोमणि माथुर, आचार्य जे. आर. महिलांगे, लतीफ खान दुर्ग, हस्ताक्षर साहित्य समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ठाकुर सरल, भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक अमित कुमार सिन्हा, वरिष्ठ साहित्यकार शमीम सिद्दीकी, गोविंद कुट्टी पणिक्कर तथा घनश्याम पारकर शामिल रहे।
मुख्य अतिथि की आसन्दी से डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति ने सम्मान प्राप्तकर्ता साहित्यकारों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि दल्ली राजहरा से मेरा रिश्ता बहुत पुराना है। मेरे भ्राता बीएसपी के अंतर्गत राजहरा माइंस में डिप्लोमा इंजीनियर के रूप में 26 वर्ष की सेवा प्रदान किए हैं। अभी वे हिर्री माइंस बिलासपुर में सेवारत हैं। समय परिवर्तनशील है। कल को किसी ने नहीं देखा है। वक्त का तकाजा है कि कलमकार साथी अपने लिखे हुए साहित्य का प्रकाशन जरूर कराएँ।
हस्ताक्षर साहित्य समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ठाकुर सरल ने कहा कि मुझे याद है कि डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की पुस्तक “चुल्लू भर पानी” हास्य-व्यंग्य संग्रह का विमोचन सन् 2021 में दल्ली राजहरा की पावन माटी में सतनाम भवन में हस्ताक्षर साहित्य समिति के बैनर तले ही हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि अब हम छत्तीसगढ़ कलमकार मंच का अनुसरण करते हुए हस्ताक्षर साहित्य समिति में एक नई जान फूकेंगे।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शिरोमणि माथुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह काव्य गोष्ठी मील का पत्थर साबित होगी। डॉ. किशन नई पीढ़ी के साहित्यकारों के लिए रोल मॉडल हैं। उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाये, वो सब कम है। आचार्य महिलांगे ने कहा कि डॉक्टर किशन वर्तमान दौर के श्रेष्ठ हरफनमौला साहित्य लेखक हैं। उनकी आधा दर्जन किताबों को मैंने पढ़ा है। उन्होंने गॉंव, गरीब, किसान, मजदूर, दस्तकार सबको अपनी लेखनी में स्थान दिए हैं।
लतीफ खान ने गजलों से जबरदस्त समा बांधते हुए सम्मान प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि डॉ. किशन के उद्बोधन के एक-एक शब्द प्रेरित और ऊर्जस्वित करने वाले हैं। आप वाकई काबिले तारीफ हैं। महाप्रबंधक अमित कुमार सिन्हा ने “चुल्लू भर पानी” के विमोचन को याद करते हुए कहा कि हम सब पुस्तक विमोचन की टेलीफोनिक सूचना प्राप्त होते ही आधा घण्टा के अन्दर सतनाम भवन में उपस्थित हो गए थे। डॉ. किशन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुकरणीय है।
उपस्थित कवियों द्वारा मनमोहक कविता, छन्द, ग़ज़ल, दोहे, गीत एवं हास्य-व्यंग्य की कविताएँ इत्यादि प्रस्तुत किये गये। काव्य पंक्तियों से कार्यक्रम का शानदार संचालन कवि अमित दुबे द्वारा किया गया। इस दौरान कामता प्रसाद देशलहरा सहित लगभग दो दर्जन साहित्यकार उपस्थित रहे। अन्त में आभार प्रदर्शन पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।
——— —————–