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अब किसान हित, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं-संदीप द्विवेदी

(मनोज जायसवाल)

-पूर्व में क्षेत्र का सबसे बडा किसान आंदोलन कर की थी आवाजें बुलंद। चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार के चलते आंदोलन किया स्थगित।

कांकेर(सशक्त हस्ताक्षर)। जिला चिकित्सालय के साथ ही जिले के दुरस्थ ग्राम बासनवाहीं के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं को लेकर इसी ग्राम के उन्नतशील कृषक,पूर्व शैडो कलक्टर संदीप द्विवेदी ने तमाम सोशल मीडिया के माध्यम पटल पर रखी जाने का असर जहां सत्ता परिवर्तन के तत्काल बाद देखने मिला वहीं प्रशासन में मची हडकंप से उच्चाधिकारी व्यवस्था दुरूस्त करते नजर आए। अब लोकसभा चुनाव बाद संदीप द्विवेदी की सक्रियता पुनः नजर आने लगी है,जहां वे पूर्व में किए किसान आंदोलन जैसा बेरोजगार युवाओं के हित तथा चिकित्सा सुधार हेतु करने की घोषणा मात्र से शासन प्रशासन द्वारा संज्ञान लेकर कमियां दूर कर ली गई जिसके चलते वे आंदोलन नहीं करेंगे।

बताते चलें गांव से लेकर प्रदेश तक आंदोलनकर्ता के रूप में संदीप द्विवेदी का नाम अपने अलग कार्यों के चलते अलग पहचान रहा है। गत दिनों से जिला चिकित्सालय में व्याप्त अनियमितताओं,खामियों को लेकर सोशल मीडिया में आचार संहिता के तत्काल बाद आंदोलन की जानकारी संदीप द्विवेदी ने दिया था, जहां उनके गांव के चिकित्सालय में सुविधाओं की कमी थी।

खबर आते ही पूरे जिले में हलचल मच गई थी और सियासी गलियारों से लेकर शासन प्रशासन तक आंदोलन पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा था, क्योंकि सोशल मीडिया माध्यम से ही उनके क्षेत्र द्वारा जिला का सबसे बड़ा किसान आंदोलन करके दिखाया गया था, जहाँ मात्र दो पंचायत से 3000 से अधिक लोग 40 किलोमीटर पैदल चलकर जिला मुख्यालय पहुंच गए थे। प्रशासन भी हैरान था और अंततः इनको मांगों पर प्रशासन ने ध्यान दिया इसके पूर्व भी छात्र हित में सडक जाम, कर्मचारी एवं बेरोजगार युवाओ के हित में आंदोलन का नेतृत्व संदीप द्विवेदी द्वारा किया गया है।

कुछ दिन पहले ही जिला शिक्षा को लेकर भी इनके कटाक्ष बहुत जादा प्रशासन को परेशान किया था। जहां सत्ता बदलते ही मुख्य रूप से उनके विरोधी अधिकारियों को हटाया गया। वर्तमान में भी इन्होंने चिकित्सा विभाग में लापरवाही के खिलाफ आंदोलन का चेतावनी दिया था जिससे चिकित्सा अधिकारी स्वयं जाकर क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी लिए व जिला चिकित्सालय में बायोमेट्रिक मशीन लगाने का पहल कर रहे हैं।

शासकीय अस्पताल में यह शायद पहली बार होगा जिला में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बासनवाही में इस प्रकार उपस्थिति हेतु मशीन का लगना लोगों ने कहा कि ऐसा मशीन जिला चिकित्सालय में भी लगना चाहिए। वहां की समस्याओं को देखते हुए एक अतिरिक्त एम्बुलेंस व प्रत्येक स्टाफ क्षेत्र में निवास करेगी का निर्देश भी जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ.अविनाश खरे ने दिया है।

ग्रामीणों ने कहा कि यदि समस्या में सुधार होती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है हम भी स्वास्थ्य विभाग का साथ देंगे। पर चिकित्सालय में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी क्योंकि जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर है बासनवाही चिकित्सालय और सवाल लोगों के स्वास्थय का है।

इस नेक कार्यों के चलते संदीप द्विवेदी के ऊपर काफी लोगों की उम्मीदें जाग चुकी है, व जिले में एक नया युवा जो निस्वार्थ भाव से सेवा के लिए बिना किसी से डरे बिना लोभ लालच सामने आया है। गौरतलब है कि संदीप द्विवेदी अपने क्षेत्र में उन्नत कृषि के रूप में भी पहचान बन चुके हैं । वे सब्जी की खेती करके युवाओं को प्रेरणा देते हैं जहां सभी युवा नौकरी को चुनते हैं ।

उन्होंने उत्तर बस्तर कांकेर में पहली बार सेडो कलेक्टर रहकर छत्तीसगढ़ में एक अलग पहचान बनाकर भी नौकरी की जगह निस्वार्थ सेवा को चुना है। आज वे अनियमित कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष व प्रेरक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हैं, जहाँ ढाई लाख से अधिक लोगो के अधिकारों के लिए सरकार से संघर्ष करते आ रहे हैं वही स्थानीय राजनेता के साथ पक्ष विपक्ष के प्रदेश स्तरीय राजनेता के मध्य भी इनकी स्वच्छ पहचान बनी हुई है।

कुछ दिन पहले इनके वीडियो पूर्व स्वाथ्य एवं पंचायत मंत्री के साथ वायरल हो चुका है जहाँ पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ इन्होंने स्पष्ट रूप से जनता के बीच अच्छा छवि नहीं है गाकर जनमत दे दिया था और चुनाव में उसका परिणाम दिखा या वीडियो लाखों लोगों इनके सोशल मीडिया अकाउंट से देखा था व दिल्ली तक पहुंची थी। संदीप द्विवेदी इस बात से खुश है कि सोशल मीडिया से उनकी आगाज को शासन प्रशासन ने गंभीरता से लिया जिसके चलते वे अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार नहीं करेंगे क्योंकि व्यवस्था में सुधार होने से आंदोलन की जरूरत नहीं रह गई है।

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